गोरखपुर मनीष गुप्ता हत्याकांड : एसआईटी जांच में कई बड़े खुलासे
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Mohammad Siraj
गोरखपुर मनीष गुप्ता हत्याकांड : एसआईटी जांच में कई बड़े खुलासे
मुख्य आरोपी जेएन सिंह: अभी तक फरार 👆
गोरखपुर पुलिस होटल वालों के साथ मिलकर करती थी वसूली का घिनौना काम !..
आरोपी पुलिसवालों की अभी तक गिरफ्तारी नहीं…
लखनऊ/गोरखपुर। कानपुर के प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता हत्याकांड में एसआईटी की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। वसूली के खेल में मनीष गुप्ता को मौत के घाट उतारा गया था ? होटल प्रशासन और पुलिस दोनों की मिलीभगत रही ! यह बात सामने आ रही है कि होटल वालों ने ही उस रात पुलिस को मनीष व उनके दोस्तों के ठहरने की सूचना दी थी। तब पुलिसकर्मी चेकिंग के नाम पर उनके कमरे में पहुंचे थे। विरोध करने पर वारदात को अंजाम दिया। खबर है कि इसके संबंध में एसआईटी ने पुख्ता साक्ष्य जुटाए हैं। होटल कर्मियों को भी आरोपी बनाने की तैयारी है।
गौरतलब है कि गोरखपुर के कृष्णा पैलेस होटल में गत 27 सितंबर की रात 6 पुलिसकर्मियों ने मनीष गुप्ता के कमरे पर धावा बोला था। चेकिंग के नाम पर पहले अभद्रता की थी और फिर मनीष गुप्ता को पीट-पीटकर मार दिया गया था। तब से कई सवाल उठ रहे थे कि आखिर मनीष के कमरे की चेकिंग करने पुलिसकर्मी क्यों पहुंचे थे ? मनीष को ही क्यों निशाना बनाया गया ? अब खबर है कि एसआईटी ने इन सवालों के जवाब खोज लिया है। सूत्रों के मुताबिक होटल प्रशासन की तरफ से रामगढ़ताल पुलिस को सूचना दी गई कि होटल के 512 नंबर कमरे में दूसरे प्रदेश व शहर से आए लोग ठहरे हुए हैं। थानेदार जगत नारायण सिंह फोर्स के साथ पहुंचे और मनीष के कमरे में घुस गए।
कहा जा रहा है कि पुलिसकर्मी वसूली करने गए थे लेकिन वहां पर चेकिंग की तो किसी तरह की कमी नहीं पाई गई। आखिर में जब मनीष ने बोल दिया कि हम लोग आतंकवादी नहीं हैं जो इस तरह चेकिंग कर रहे हो, तो इस पर पुलिसकर्मी भड़क गए और उसको पीट-पीटकर मार दिया ! एसआईटी की जांच में सामने आया कि वसूली के खेल में मनीष की हत्या की गई। अन्य कोई मोटिव एसआईटी के सामने अब तक नहीं आया है। सूत्रों के मुताबिक अन्य कई बिंदुओं पर भी जांच चल रही है। घटना की रात पुलिसवालों ने केवल मनीष के कमरे की ही चेकिंग की थी। अन्य किसी भी रूम में वह नहीं आए। ये इसलिए क्योंकि मनीष व उनके दोस्त गैर जनपद व दूसरे राज्य के थे। मनीष कानपुर तो उनके दोस्त हरवीर व प्रदीप गुरुग्राम के रहने वाले हैं। पुलिसकर्मी गैर जनपद व दूसरे राज्यों से आने वालों को निशाना बनाते थे।
कहा जा रहा है कि रामगढ़ताल पुलिस का यह वसूली का खेल काफी समय से चल रहा था। वसूली में होटल प्रशासन की भी मिलीभगत रहती है। सूत्रों के मुताबिक जब भी होटल में कोई बाहरी या दूर शहर से आता था तो होटल प्रशासन पुलिस को सूचना देते थे। तब पुलिस अपने कारखासों के साथ वहां दबिश देकर चेकिंग के नाम पर वसूली करती थी। सूत्रों ने बताया कि होटल प्रशासन का आरोपी बनना लगभग तय है। कुछ और साक्ष्य जुटाकर अधिकारियों से बातचीत कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता लगातार यह सवाल उठाती रही हैं कि होटल प्रशासन की मिलीभगत रही है इसलिए होटल प्रशासन ने वारदात के बाद साक्ष्य मिटाए थे। उन्होंने भी होटल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
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