26/07/2021

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पैर छूने वाले जिलाधिकारियों को दंडित करे केंद्र

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पैर छूने वाले जिलाधिकारियों को दंडित करे केंद्र

हैदराबाद, 26 जुलाई। कांग्रेस नेता मोहम्मद अली शब्बीर ने तेलंगाना में एक आधिकारिक समारोह में दो जिला अधिकारियों के राज्य के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) के पैर छूने की घटना का कड़ा विरोध करते हुए केंद्र से दोनों अधिकारियों के खिलाफ कड़ा कदम उठाने की अपील दी।

शब्बीर ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और केंद्र को रविवार को लिखे पत्र में सार्वजनिक रूप से केसीआर के पैर छूने पर सिद्दीपेट और कामारेड्डी के जिलाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि तेलंगाना राज्य के सिद्दीपेट के जिलाधिकारी पी वेंकटराम रेड्डी और कामारेड्डी के जिलाधिकारी डॉ ए शरद ने अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम, 1968 का उल्लंघन किया है।

शब्बीर ने आरोप लगाया कि 20 जून 2021 को जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय परिसरों के उद्घाटन के अवसर पर दोनों अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से मुख्यमंत्री के पैर छुए थे। उन्होंने राष्ट्रपति से उनके व्यवहार का संज्ञान लेने और आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध करते हुए कहा, ”दोनों जिलाधिकारियों ने सार्वजनिक समारोह में मुख्यमंत्री के पैर छूकर संविधान का अपमान किया और राजनीतिक पदाधिकारियों की तरह व्यवहार किया।” उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने अपने कृत्यों से गलत संदेश दिया है और एक राजनीतिक पदाधिकारी मुख्यमंत्री के सामने झुककर गलत मिसाल कायम की है।

शब्बीर ने कहा, ”दोनों जिलाधिकारियों के कदमों ने स्पष्ट रूप से उजागर किया कि उन्होंने राजनीतिक तटस्थता नहीं बनाए रखी। मुख्यमंत्री तेलंगाना राष्ट्र समिति के अध्यक्ष भी हैं, इसलिए जिलाधिकारियों ने झुककर और उनके पैर छूकर आम लोगों को संदेश दिया है कि उनका झुकाव सत्ताधारी पार्टी की ओर है।” उन्होंने अपने पत्र में कहा कि अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम, 1968 की धारा तीन (दो) स्पष्ट रूप से कहती है कि ”सेवा का प्रत्येक सदस्य राजनीतिक तटस्थता बनाए रखेगा”। इस पत्र की एक प्रति केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह को भी भेजी गई है।

वेंकटराम रेड्डी ने घटना के दिन एक बयान जारी कर अपने कृत्य को सही ठहराते हुए कहा था कि केसीआर उनके लिए एक पिता की तरह हैं। उन्होंने बयान में कहा था, ”शुभ अवसरों पर बड़ों का आशीर्वाद लेना तेलंगाना की संस्कृति का हिस्सा है। मैं जब नए कलेक्टर कार्यालय में कार्यभार संभाल रहा था, तब मैंने मुख्यमंत्री का आशीर्वाद लिया, जो मेरे लिए पिता के समान हैं।” रेड्डी ने इसे मुद्दा न बनाने का अनुरोध किया था और कहा था कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि 20 जून को को पितृ दिवस भी था।

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