अवध सूत्र पर बड़ी ख़बरे
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Mohammad Siraj
अवध सूत्र पर बड़ी ख़बरे
पुरानी पेंशन योजना:लोहड़ी पर कर्मचारियों को सौगात, हिमाचल में पुरानी पेंशन योजना बहाल, गदगद हुए कर्मचारी
सीएम ने कहा कि प्रदेश के विकास की गाथा लिखने वाले करीब 1,36,000 अधिकारियों और कर्मचारियों को ओपीएस का लाभ मिलना शुरू हो गया है
शिमला।हिमाचल प्रदेश सरकार ने लोहड़ी के पर्व पर प्रदेश के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना की सौगात दी है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल की बहुप्रतीक्षित पहली बैठक शुक्रवार को राज्य सचिवालय में हुई।इसमें कांग्रेस सरकार की पहली गारंटी यानी पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) को मंजूरी दी गई।मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह ने कहा कि विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान अर्की में मैंने पहली बार कहा था कि ओपीएस बहाल करेंगे। पिछले दिनों अधिकारी पैसा नहीं होने की बात कहकर इसमें अड़चन डालते रहे, लेकिन मैंने अपना फार्मूला दिया। पिछली सरकार ने तो कर्मचारियों के पांच हजार करोड़ रुपये एरियर के भी नहीं दिए। सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश के विकास की गाथा लिखने वाले करीब 1,36,000 अधिकारियों और कर्मचारियों को आज से ओपीएस का लाभ मिलना शुरू हो गया है। अधिसूचना आज या कल वित्त विभाग कर देगा। जो भी विभागों, बोर्डों, निगमों के पात्र कर्मचारी हैं, उन्हें इस योजना में लाया गया है। लोहड़ी का तोहफा आज सरकार ने दिया है। यह हमारी पहली गारंटी थी। छत्तीसगढ़ के फार्मूले को आधार बनाकर हिमाचल प्रदेश में अपना फार्मूला तैयार कर ओपीएस लागू किया जा रहा है।सीएम सूक्खू ने कहा कि जब हमने आकलन किया तो पता चला कि पिछली सरकार 11,000 करोड़ की देनदारियां हमारी झोली में डालकर चली गई। छठा वेतन आयोग लागू किया। 1000 करोड़ रुपये का तो डीए का एरियर नहीं दिया है नौकरी पर लगे लोगों का 4,430 करोड़ रुपये देना है। पेंशन वालों का 5,226 करोड़ रुपये देना है।जो 900 संस्थान खोले, उन पर 5,000 करोड़ रुपये खर्च आएगा यानी 16,000 करोड़ रुपये की देनदारियां हम पर छोड़ गए हैं। 75,000 करोड़ रुपये का कर्ज हम पर डालकर चले गए। कुल 86,000 करोड़ रुपये का कर्ज छोड़ गए हैं।कैबिनेट बैठक में 1500 रुपये महिलाओं को देने का भी फैसला भी लिया गया है। इस संबंध में कैबिनेट सब कमेटी एक महीने में रिपोर्ट देगी।कैबिनेट मंत्री धनी राम शांडिल, चंद्र कुमार और अनिरुद्ध सिंह इस सब कमेटी में शामिल हैं।एक लाख लोगों को रोजगार दिया जाएगा। इसके लिए कैबिनेट सब कमेटी बनाई है। कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चौहान, जगत नेगी और रोहित ठाकुर की कमेटी भी एक महीने में रिपोर्ट देगी।
पीएचसी:प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों की भर्ती होगी
चार से बढ़ाकर 10 बेड की होगी पीएचसी,पांच पीएचसी के विस्तार का काम पूरा
लखनऊ। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में भी मरीजों की भर्ती होगी। इसके लिए पीएचसी में बेड बढ़ाए जा रहे हैं। लखनऊ में कई पीएचसी के विस्तार का काम भी पूरा हो गया है। कुल 10 बेड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हो गए हैं। अभी तक समुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में ही भर्ती की व्यवस्था थी।अभी जिला अस्पताल व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों को भर्ती कर इलाज मुहैया कराया जा रहा है। मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का विस्तार किया जा रहा है। अभी पीएचसी में चार बेड का प्रावधान है। इसे बढ़ाकर 10 बेड किया जा रहा है। इनमें इलाके में संक्रामक रोग जैसे दूसरी बीमारियों फैलने की दशा में मरीज भर्ती किए जाएंगे। मरीज ठीक होने तक मरीज भर्ती रखे जाएंगे।सामान्य दिनों में दोपहर दो बजे तक मरीजों को भर्ती किया जाएगा। तबीयत स्थिर होने के बाद मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या फिर जिला अस्पताल में रेफर किया जाएगा। इसके अलावा कोविड में बिना लक्षण वाले मरीज भी भर्ती किए जाएंगे।स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इमरजेंसी कोविड रिस्पांस पैकेज के तहत 19 पीएचसी का विस्तार किया जा रहा है। इनमें प्रत्येक पीएचसी के विस्तार के लिए तकरीबन नौ करोड़ 60 लाख रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है। कई अस्पतालों में पहले चरण का काम पूरा हो गया है। कार्यदायी संस्था अगले सप्ताह तक पीएचसी स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर करेगी। सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल के मुताबिक सीएचसी-पीएचसी में विस्तार काम का चल रहा है। इनमें मरीजों की भर्ती आसान होगी।
इन पीएचसी का जल्द होगा विस्तार
कठवारा, कुम्हरावा, महोना, पूरब गांव, जुग्गौर, गंगागंज, बड़ा गांव, सिसेंडी, खुजौली, दाऊदनगर, रहीमाबाद, बेती, हरौनी, सस्पन, कहला व एन समेत अन्य हैं।
इनका काम पूरा हुआ
निगोंहा, बाजार गांव, कसमंडी कला, घुरघुरी का तालाब व दखिना शेखपुर,पीएचसी का विस्तार किया जा चुका है। इसके अलावा चार सीएचसी में बेड की क्षमता 30 से बढ़ाकर 50 कर दी गई है। जिसमें इंटौजा, गुडंबा, नगराम व माल हैं।
सीबीआई ने विवि के 12 कर्मियों से की पूछताछ
एफआईआर के तथ्यों पर मोबाइल पर कई कर्मचारियों से सम्पर्क
इन कर्मचारियों के बयान का एसटीएफ की रिपोर्ट में उल्लेख
लखनऊ, प्रमुख संवाददाता। आगरा की डॉ. भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी में हुई कमीशनखोरी के आरोप में फंसे विनय पाठक के मामले की जांच कर रही सीबीआई ने शुक्रवार को कई कर्मचारियों से मोबाइल पर सम्पर्क किया।एकेटीयू, कानपुर की सीएसजीएमयू और आगरा यूनिवर्सिटी के ये वही कर्मचारी है जिनके बयान का उल्लेख एसटीएफ ने अपनी रिपोर्ट में किया है। वहीं दिल्ली लौटी टीम ने एसटीएफ से मिले दस्तावेजों और साक्ष्यों पर मंथन शुरू कर दिया है। इन साक्ष्यों के आधार पर ही सीबीआई आगे की रणनीति बना रही है।एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक सीबीआई की एक टीम ने मुख्यालय में हर साक्ष्य के बारे में कई जानकारियां जुटायी।वैज्ञानिक साक्ष्यों की अलग सूची तैयार की। साथ ही शिकायकर्ता डेविड मारियो डेनिस और गिरफ्तार अजय मिश्र, अजय जैन व संतोष कुमार के बयानों पर कई सवाल जवाब भी किये। इस टीम ने दिल्ली में सीबीआई के एसपी को जुटाये गये साक्ष्यों से अवगत कराया। सीबीआई को एसटीएफ ने पूरी रिपोर्ट गुरुवार को ही सौंप दी थी। इस रिपोर्ट में विनय पाठक, अजय मिश्र, अजय जैन और संतोष के खिलाफ मिले सभी साक्ष्यों का उल्लेख है। इसमें उन सभी कर्मचारियों का भी जिक्र है जिनके बयान एसटीएफ की तीन टीमों ने लिये हैं।जानकारी के अनुसार इनमें से ही 12 कर्मचारियों का नम्बर रैंडम तौर पर निकालकर सीबीआई के इंस्पेक्टर ने उनसे सामान्य बातचीत की। उनसे पूछा कि कब बयान दिये थे। वह कब से डयूटी कर रहे हैं। क्या वह विनय पाठक के कुलपति रहने के दौरान तैनात थे। हालांकि इस बारे में सीबीआई ने कुछ नहीं बोला।
परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के 6737 पद चल रहे हैं खाली
प्राथमिक विद्यालयों में पदोन्नति को मिल सकती है हरी झंडी
प्राथमिक में 10 साल तथा जूनियर मे 2005 से नही मिली पदोन्नति
सिद्धार्थनगर। परिषदीय जूनियर स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद पर 2005 से व प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के पद पर 10 वर्ष से रुकी प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों की पदोन्नति की प्रक्रिया अब शुरू होने की उम्मीद बढ़ गई है। शासन से हरी झंडी मिलने के बाद शिक्षा निदेशक बेसिक शिक्षा ने ब्यौरा मांगा है। बीएसए ने मौजूदा स्थिति की रिपोर्ट भेज दिया है। सबकुछ ठीकठाक रहा तो शासन स्तर से अनुमति मिलने के बाद पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू जाएगी।
मार्च 2023 तक जिले में शिक्षकों के रिक्त होने वाले पदों की संख्या 6731 है। इनमें प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के 1081, सहायक अध्यापकों के 3683, उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के 653 और सहायक अध्यापकों के 1314 पद खाली चल रहे हैं। इस स्थिति से स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। सबसे अधिक कमी तो प्राइमरी स्कूलों में प्रधानाध्यापक और जूनियर हाईस्कूलों में सहायक अध्यापकों की है। प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के स्वीकृत 1824 में 894 ही कार्यरत हैं। सहायक अध्यापक के स्वीकृत 7516 में 3675, उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक के स्वीकृत 743 के सापेक्ष 92 और सहायक अध्यापक के 2443 के सपेक्ष 1134 ही कार्यरत
प्रधानाध्यापक के पद पर नहीं होगी पदोन्नति
विभाग ने पदोन्नति प्रक्रिया शुरू तो की है, पर जूनियर हाईस्कूल के प्रधानाध्यापक पद पर पदोन्नति इस बार भी नहीं होगी। प्राइमरी स्कूलों के प्रधानाध्यापक और जूनियर स्कूलों के सहायक अध्यापकों के पद पर पदोन्नति होनी है। वर्ष 2013 में राज्य सरकार ने पहली बार गणित और विज्ञान के 29334 शिक्षकों की सीधी भर्ती की थी। पदोन्नति होकर आए शिक्षक और सीधी भर्ती के शिक्षक अपनी ज्येष्ठता को लेकर आमने-सामने हैं। यह मामला हाईकोर्ट में है। इसलिए जूनियर हाईस्कूल के प्रधानाध्यापक के पद पर पदोन्नति नहीं होगी।
शिक्षा निदेशक (बेसिक) लखनऊ की ओर से जिले में मार्च 2023 रिक्त प्रधानाध्यापक, सहायक अध्यापकों को शामिल करते हुए स्वीकृत, कार्यरत और रिक्त पदों का ब्योरा मांगा है। उपरोक्त सूचनाएं भेज दी गई हैं। शासन का निर्देश मिलने के बाद प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
– देवेंद्र कुमार पांडेय, बीएसए
जिले के स्कूलों पर एक नजर
परिषदीय स्कूलों की संख्या – 2667
प्राथमिक विद्यालय – 1924
उच्च प्राथमिक विद्यालय – 743
कार्यरत शिक्षकों की स्थिति
प्रधानाध्यापक (उच्च प्राथमिक स्कूल) – 92
प्रधानाध्यापक प्राथमिक स्कूल – 849
सहायक अध्यापक उच्च प्राथमिक स्कूल – 1134
सहायक अध्यापक प्राथमिक स्कूल – 3675
डायट प्राचार्य की अध्यक्षता में होगी पदोन्नति
शिक्षकों के पदोन्नति के लिए डायट प्राचार्य की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी। इसके लिए रिक्त पदों का ब्यौरा तैयार होने बाद आदेश जारी होंगे। पदोन्नति के लिए अभी मेरिट के मानक नहीं देखे जाएंगे। क्योंकि अभी तक मानव संपदा पोर्टल पर इसके तय मानकों पर शिक्षकों का मूल्यांकन नहीं किया गया है। इस बार पदोन्नति पुराने तरीके से ही होगी। डायट प्राचार्य की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाएगी। शिक्षकों की गोपनीय आख्या के आधार पर जिला स्तर पर ज्येष्ठता सूची तैयार करके आपत्तियां लीं जाएंगी और ज्येष्ठता सूची के आधार पर पदोन्नति होगी।
दोगुनी तेजी से बढ़ा पारा, कल से ठिठुरेंगे कई इलाके, 15 से 17 तक कोल्ड डे और कोल्ड वेव की चेतावनी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ उत्तर प्रदेश में शुक्रवार को मौसम के अलग-अलग रूप देखने को मिले। कोहरे की सघनता कम हो गई। कुछ शहरों में बारिश हुई तो कई इलाकों में न्यूनतम तापमान में दोगुनी वृद्धि दर्ज की गई। वहीं अधिकतम तापमान 28 डिग्री तक पहुंच गया। इस बीच मौसम विभाग ने 15 जनवरी की रात से फिर से पारे में गिरावट आने की बात कही है। बुधवार को प्रदेश के कुछ इलाकों में छाए बादल फिलहाल प्रदेश से आगे निकल चुके हैं।आंचलिक मौसम विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अतुल कुमार सिंह के मुताबिक, 15 और 16 जनवरी को कोल्ड डे कंडीशन सक्रिय हो जाएगी। ऐसे में पारे में गिरावट के आसार हैं। यह स्थिति 17 जनवरी तक बनी रहेगी।
झांसी का न्यूनतम पारा 12.1 डिग्री पहुंचा
झांसी में न्यूनतम पारा 12.1, यह प्रदेश में सर्वाधिक रहा। जबकि अलीगढ़ और उरई में 11.2, चुर्क में 10.3 डिग्री रहा। बृहस्पतिवार को चुर्क सबसे ठंडा था, यहां तापमान 5.5 डिग्री दर्ज किया गया था। इसी तरह गोरखपुर में पारा 6.2 डिग्री रहा। एक दिन पहले यहां न्यूनतम पारा 3.8 डिग्री था।
अधिकतम में भी झांसी ने बाजी मारी
रात का ही नहीं दिन का पारा भी झांसी का 28 डिग्री रहा, जो कि प्रदेश में सर्वाधिक था। ज्यादातर इलाकों में दिन का पारा अच्छी खासी बढ़त के साथ 20 डिग्री के आसपास या इससे अधिक रहा। वाराणसी में 24 डिग्री, कानपुर में 24.5 डिग्री, चुर्क में 27.5 डिग्री, फुरसतगंज में 24.2 डिग्री सेल्सियस रहा। इटावा, लखीमपुर खीरी, बस्ती, बलिया में पारा 18.5 से ले 19.8 डिग्री के बीच रहा।
हाईकोर्ट:अध्यापकों के तबादले पर नए सत्र से पहले निर्णय लें सचिव
अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती एवं चित्रकूट जिले में कार्यरत सहायक अध्यापकों के नया सत्र शुरू होने से पहले उनकी पसंद के जिले में तबादले की मांग में दाखिल याचिका पर सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद, प्रयागराज को छह सप्ताह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने याचियों को प्रत्यावेदन देने और उसे सकारण निस्तारित करने का आदेश दिया है।यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव सिंह ने अनुभव सिंह तथा 263 सहायक अध्यापकों की याचिका पर दिया है। याची की ओर से कहा गया कि दिव्या गोस्वामी केस के फैसले के अनुसार याचियों को पसंद के जिले में स्थानांतरण की मांग का अधिकार है। इसलिए एक अप्रैल से नया सत्र शुरू होने से पहले तबादले पर विचार किया जाय। इसमें कोई वैधानिक अड़चन नहीं है।
अभ्यर्थिता निरस्त करने की वैधानिकता पर बहस के बाद सुरक्षित किया फैसला
प्रयागराज।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहायक अभियोजन अधिकारी (एपीओ) पद की भर्ती में आपराधिक केस के खुलासे के साथ आवेदन देने के बावजूद अभ्यर्थिता निरस्त करने की वैधानिकता पर पक्षों की बहस के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। सरकार की ओर से कहा गया कि अभ्यर्थिता निरस्त होने के दूसरे दिन बरी करने का आदेश हुआ, किंतु याची सम्मानजनक ढंग से बरी नहीं हुआ है। जबकि याची का कहना है कि उसने अपराध का खुलासा किया और बरी भी हो गया है।चयनित होने के बाद उसकी अभ्यर्थिता निरस्त करना ग़लत है। यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी तथा न्यायमूर्ति एमएएच इदरीसी की खंडपीठ ने भूविज्ञान मंत्रालय, भारत सरकार के मेट्योलाजी के महानिदेशक कार्यालय में अपर डिविजनल क्लर्क ललित कुमार की विशेष अपील पर दिया है।याची ने सहायक अभियोजन अधिकारी भर्ती 2015 में अर्जी दी। परीक्षा, साक्षात्कार में सफल होने पर उप्र लोक सेवा आयोग से 21 अगस्त 2017 को उसे चयनित कर लिया। बाद में कोर्ट ने उसे आपराधिक मामले में एक फरवरी 2019 को बरी भी कर दिया। नियुक्ति की मांग में दाखिल अर्जी छह नवंबर 2021 को यह कहते हुए निरस्त कर दी गई कि ससम्मान बरी नहीं किया गया है। एकलपीठ ने याचिका खारिज कर दी, जिसे अपील में चुनौती दी गई।
हिमाचल प्रदेश:सचिवालय के भीतर कैबिनेट, बाहर एनपीएस कर्मियों का जश्न, नाटी डाली
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, शिमला।प्रदेश सचिवालय में शुक्रवार को भीतर कैबिनेट की बैठक चलती रही, बाहर ओल्ड पेंशन स्कीम के कर्मचारी सुक्खू जिंदाबाद के नारे बुलंद करते रहे। सचिवालय का परिसर सुक्खू जी आए हैं, पुरानी पेंशन लाए हैं.. जैसे नारों से गूंजता रहा। एनपीएस कर्मचारी वाद्य यंत्रों के साथ सचिवालय पहुंचे और परिसर में खूब नाटियां डालीं। कैबिनेट में ओपीएस के एजेंडे को मंजूरी दिए जाने की सूचना मिलने के बाद इन कर्मचारियों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को ओल्ड पेंशन स्कीम बहाली का मसीहा कहा।पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच कर्मचारियों ने नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के फैसले का स्वागत किया। दोपहर तीन बजे कैबिनेट की बैठक खत्म होते ही मुख्यमंत्री मंत्रियों के साथ सचिवालय से बाहर आए और उन्होंने कर्मचारियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि ओल्ड पेंशन स्कीम बहाल की गई है। आज इसकी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। उन्होंने कर्मचारियों से सहयोग की अपील की। गौर हो कि कांग्रेस पार्टी ने अपने प्रतिज्ञा पत्र में सरकार बनते ही पहली कैबिनेट में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने का वायदा किया था।13 जनवरी को सरकार की पहली कैबिनेट की सूचना मिलते ही हमीरपुर, सोलन, सिरमौर, शिमला, कांगड़ा आदि जिलों से कर्मचारी सुबह 10 बजे सचिवालय के बाहर जुटने शुरू हो गए। साढ़े 12 बजे कैबिनेट की बैठक शुरू हुई। ओल्ड पेंशन स्कीम संघ के अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने कहा कि एनपीएस कर्मचारी सालों से ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग कर रहे थे, यह मांग आज सुक्खू सरकार ने पूरी की है।
एनपीएस यूनियन हिमाचल में निकालेगी आभार रैली
ओल्ड पेंशन स्कीम बहाल होने पर अब एनपीएस यूनियन हिमाचल में आभार रैली निकालेगी। इसे लेकर कर्मचारी संघ प्रदेश और जिला स्तर पर बैठकें आयोजित करेंगे। इसमें यह निर्णय लिया जाएगा।
पुरानी पेंशन बहाल कर कर्मचारियों के नायक बने सीएम : प्रदीप
हिमाचल प्रदेश न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाल कर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खूू प्रदेश के कर्मचारियों के नायक बन गए हैं। पूर्व भाजपा सरकार जिस पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे को लटकाती रही, उसे वर्तमान कांग्रेस सरकार ने पहली मंत्रिमंडल की बैठक में बहाल कर प्रदेश के लाखों कर्मचारियों का मन जीत लिया है। प्रदेश के करीब सवा लाख कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ मिलेगा। इससे कर्मचारियों और उनके परिवार का भविष्य भी सुरक्षित होगा। चालू साल में करीब 3,000 सरकारी कर्मचारी सरकार के फैसले से लाभान्वित होंगे। वर्ष 2015 से प्रदेश के 12,000 कर्मचारी पुरानी पेंशन सुविधा ले पाएंगे। ठाकुर ने कहा कि कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली को लेकर पूर्व सरकार के सत्ता में रहते कई बार प्रदेश के सांसदों के घरों का घेराव कर चुके हैं।इसके बाद भी पूर्व सरकार ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर चुप्पी साधे रखी थी। कांग्रेस ने अपनी दस गारंटियों में पुरानी पेंशन बहाली को शामिल किया था और कर्मचारी वर्ग ने कांग्रेस पर विश्वास जताया और सत्ता में लाने में मदद की। आज कांग्रेस सरकार ने कर्मचारी हित में फैसला लेकर पुरानी पेंशन बहाल कर दी।
निपुण असेसमेंट : बच्चों के इम्तिहान में फेल हो गए शिक्षक, 64 हजार से ज्यादा बच्चे कमजोर साबित
संवाद न्यूज एजेंसी, सीतापुर।नौनिहालों का ज्ञान बढ़ाने में शिक्षक फेल साबित हुए है। निपुण असेसमेंट परीक्षा में 64,342 बच्चे कमजोर साबित हुए। इन बच्चों ने 40 फीसदी से कम अंक हासिल किए। रिजल्ट से साफ हो गया है कि ये बच्चे महज पास ही हो पाए। जबकि जिले में करीब 15 हजार शिक्षक बच्चों को निपुण बनाने में जुटे हुए थे।परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले नौनिहालों का वैसे तो अर्द्धवार्षिक व वार्षिक परीक्षा कराकर उनके अर्जित ज्ञान का मूल्यांकन किया जाता है। इस परीक्षा के अंक के आधार पर ही उनकी श्रेणी व योग्यता तय होती है। इस बार पहली मर्तबा शासन ने ओएमआर शीट पर इनका ज्ञान परखने का निर्णय लिया था। पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर लखनऊ व अयोध्या मंडल में परीक्षा आयोजित की गई थी।लखनऊ मंडल के सीतापुर जिले में 18 अक्तूबर 2022 को परीक्षा हुई थी। यह परीक्षा प्रत्येक विद्यालय में डायट के माध्यम से कराई गई थी। इस परीक्षा में नौनिहालों से उनके कोर्स से ही संबंधित बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे गए थे। इनका जवाब नौनिहालों को ओएमआर शीट पर देना था। इस शीट को ऑनलाइन उसी दिन अपलोड करना था। करीब ढाई माह बाद इसका रिजल्ट घोषित कर दिया गया है।इस रिजल्ट में चौंकाने वाले परिणाम सामने आए है। बच्चों का रिजल्ट छह श्रेणियों में जारी किया गया है। इसमें 64,342 बच्चे सबसे फिसड्डी साबित हुए है। इनके अंक 40 फीसदी से कम आए है। यानी यह बच्चे अपने कोर्स के ज्ञान में कमजोर मिले। यह परीक्षा शिक्षकों की कसौटी परखने की भी थी, जिसमें शिक्षक भी इस कसौटी पर खरे नहीं उतर पाए है। 43,348 बच्चे प्रथम श्रेणी में पास हुए है।अब कमजोर बच्चों पर विशेष फोकस किया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग में नौनिहालों का ज्ञान परखने के लिए शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक आदि लगे हैं। करीब 15 हजार शिक्षक इन बच्चों को प्रथम श्रेणी में पास नहीं करवा पाए। अब कमजोर बच्चों पर विशेष फोकस किया जाएगा।
यह रहा परिणाम
अंक (प्रतिशत में) बच्चे
90-100 – 43348
75-90 -51830
60-75 – 67737
50-60 – 38949
40-50 -60735
0-40 -64342
मार्च में फिर से होगी परीक्षा
अक्तूबर में पहली बार परीक्षा आयोजित की गई थी। अब दूसरे चरण की परीक्षा मार्च में प्रस्तावित है। इस परीक्षा से पहले कमजोर नौनिहालों पर विशेष फोकस किया जाएगा। शासन ने आगामी परीक्षा में और बेहतर रिजल्ट आने की उम्मीद जताई है। इस परीक्षा में 5,99,389 बच्चों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। 4,25,743 नौनिहालों की उत्तरपुस्तिका अपलोड की गई थी। इसमें 4,20,316 बच्चों का रिजल्ट घोषित किया गया है। 1,34,723 नौनिहाल अनुपस्थित रहे थे।
बीएसए अजीत कुमार का कहना है कि निपुण असेसमेंट परीक्षा का रिजल्ट आ गया है। जिन नौनिहालों के ज्ञान का स्तर कम मिला है, उसे बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।
मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय फर्जी प्रवेश का मामला: कुलसचिव को धमकी देने वाले लिपिक का पटल परिवर्तन, अब ड्यूटी चार्ट से खुलेगा राज
अमर उजाला ब्यूरो, गोरखपुर।मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में फर्जी दस्तावेज के आधार पर बीटेक की कक्षाओं में प्रवेश लेने के मामले में एक लिपिक ने कुलसचिव को व्हाट्सएप पर संदेश भेजकर धमकी दी है। कुलसचिव ने लिपिक के खिलाफ थाने में तहरीर दी है। उधर, उस लिपिक का पटल परिवर्तन कर दिया गया है। इसके अलावा चार और लिपिक का पटल परिवर्तन की तैयारी है।विश्वविद्यालय प्रशासन ने जिन 40 विद्यार्थियों का प्रवेश फर्जी पाया है, सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए अपने अधिवक्ता से तहरीर देने के लिए विधिक राय मांगी है। अधिवक्ता की रिपोर्ट के बाद विवि प्रशासन आगे की कार्रवाई करेगा। विश्वविद्यालय में फर्जी प्रवेश का मामला प्रकाश में आने के बाद परिसर में हड़कंप मचा हुआ है। सभी विभागों में प्रवेश को लेकर चर्चाएं हैं।कुछ वरिष्ठ शिक्षक भी डरे हुए हैं। अंदरखाने की खबर है कि कई शिक्षक और कर्मचारी सीयूजी नंबर पर फोन करने से कतरा रहे हैं। उन्हें डर है कि उनका फोन टेप कराया जा सकता है। वहीं, संदिग्ध लोगों पर भी विवि प्रशासन ने नजर बनाए हुए है।
ड्यूटी चार्ट से खुलेगा राज
बीटेक प्रवेश के दौरान काउंसिलिंग के समय शिक्षक-कर्मचारियों की ड्यूटी चार्ट से ही पर्दाफाश होगा। हालांकि, विवि प्रशासन ने ड्यूटी चार्ट को सील करा दिया है। फर्जी प्रवेश वाले छात्रों के दस्तावेज सत्यापन किसने किए हैं, रिपोर्ट किसने लगाई है, यह सब जांच में देखा जाएगा।
छात्रों का शुल्क भी जमा नहीं
प्रवेश के दौरान छात्रों ने शुल्क भी जमा नहीं किया। शुल्क की फर्जी रसीद ही उन्होंने जमा कर दी। अब सवाल यह है कि सब कुछ ऑनलाइन हो रहा था तो शुल्क जमा करने का ब्यौरा ऑनलाइन कैसे दिखाया गया? बिना नोड्यूज के अगले सत्र में प्रवेश कैसे व किसके आदेश से दिया गया? इन सवालों के जवाब भी विवि प्रशासन को तलाश करने हैं।
हिमाचल में कर्मचारियों को मिला नई सरकार से तोहफा, सीएम सुक्खू ने लागू की पुरानी पेंशन योजना
शिमला, जागरण संवाददाता: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोहड़ी के दिन प्रदेशवासियों को बाद तोहफा दिया है। सीएम सुक्खू ने प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना आज से लागू कर दी है। जल्द ही वित्त विभाग द्वारा इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी जाएगी। इस योजना से पूर्व और निगम के कर्मचारियों को भी लाभ मिलेगा। इस घोषणा से हिमाचल प्रदेश के करीब एक लाख 36000 कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।
महिलाओं को मिलेगी 1500 रुपए पेंशन
बता दें कि इस पुरानी पेंशन योजना के तहत महिलाओं को 1500 रुपए पेंशन देने का निर्णय लिया गया है। इसकी रिपोर्ट 30 दिनों के अंदर सब कमेटी जमा करेगी। वहीं एक लाख लोगों को रोजगार देने के लिए कैबिनेट सब कमेटी का गठन करेगी जो 30 दिनों में अपनी रिपोर्ट देगी। हर्षवर्धन चौहान, जगत सिंह नेगी और रोहित ठाकुर एक महीने के भीतर इसकी रिपोर्ट देंगे।इस योजना का ऐलान करते वक्त मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने 11000 करोड़ की देनदारी हमारे ऊपर छोड़ दी है जो सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को भी देनी है।
बारिश के बाद तापमान और गिरेगा, शीतलहर बढ़ेगी
लखनऊ, विशेष संवाददाता। राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के कई हिस्सों में शुक्रवार को हुई बारिश के बाद अब सर्दी का असर और गहराएगा। मौसम विभाग ने प्रदेश के पश्चिमी यूपी में 16 से 18 जनवरी के बीच शीतलहर चलने की आशंका जताई है।आंचलिक मौसम विज्ञान केन्द्र के ने बताया कि शनिवार से प्रदेश में दिन व रात के तापमान में गिरावट से सर्दी और बढ़ेगी। गुरुवार की रात प्रदेश का सबसे ठण्डा स्थान गोरखपुर रहा, जहां पारा 6.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। अगले दो दिन में प्रदेश के कई इलाकों में कहीं बहुत घना तो कहीं घना कोहरा रहेगा। धूप नहीं निकलेगी, कुहासा बना रहेगा। शुक्रवार को पश्चिमी यूपी में कहीं हल्की तो कहीं सामान्य बारिश हुई। लखनऊ और आसपास के इलाकों में हल्की बौछारें पड़ीं। कृषि विभाग के अवकाश प्राप्त उप निदेशक डा. सीपी श्रीवास्तव ने बताया कि बारिश से गेहूं, चना, मसूर आदि फसलों को फायदा हुआ है। मगर मटर की फसल में फफूंद लगने की आशंका बढ़ गई है।
21 जिलों में 1465 पीआरडी जवानों की होगी भर्ती
लखनऊ, संवाददाता। उत्तर प्रदेश के 21 जिलों में पीआरडी (प्रांतीय रक्षक दल) जवानों की भर्ती होगी। इन जिलों में 1465 पीआरडी जवानों का चयन किया जाएगा। इनमें 20 प्रतिशत यानी की करीब 293 पदों पर अनिवार्य रूप से महिलाओं का चयन किया जाएगा। सबसे अधिक 320 जवान की भर्ती लखनऊ में होगी। सभी 21 जिलों के डीएम को भर्ती के निर्देश दिए गए हैं।जिले स्तर पर भर्ती विज्ञापन जारी होते ही चयन प्रक्रिया शुरू होगी। महानिदेशालय ने तीन फरवरी तक चयनित अभ्यर्थियों की सूची भेजने को कहा है। डीएम को भेजे गए आदेश के अनुसार पीआरडी जवानों का नया चयन इनके डीएम द्वारा मिली गैर विभागीय ड्यूटी की डिमांड के आधार पर युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल विभाग ने भर्ती का निर्णय लिया है। इन जिलों में उपलब्ध गैर विभागीय ड्यूटी के सापेक्ष पीआरडी जवानों की संख्या कम है। उप निदेशक अजातशत्रु शाही ने बताया कि जवानों को ड्यूटी करने पर ही सरकार की ओर से अनुमन्य ड्यूटी भत्ता (395रुपये) दिया जाता है।
ट्रेड विशेष की योग्यता वालों को मिलेगी प्राथमिकता
पीआरडी जवानों के चयन में ट्रेडमैन-ड्राइवर, कुक, माली, कारमेंटर, कम्प्यूटर ऑपरेटर, धोबी, प्लंबर व इलेक्ट्रीशियन की योग्यता रखने वाले अभ्यर्थियों को प्राथमिकता मिलेगी।
नौ जिलों में सिटी कम्पनी में भी होगी भर्ती
21 जिलों में से नौ जिलों में सिटी कम्पनी के लिए भी जवानों की भर्ती होगी। इनमें शहरी क्षेत्र में निवास करने वाले पुरुष व महिला ही आवेदन कर सकते हैं। नौ जिलों की सिटी कम्पनी में 547 महिला व पुरुषों भर्ती होंगे। जबकि ग्रामीण कम्पनी में 918 पीआरडी जवान का चयन किया जाएगा।
इन जिलों में होगी भर्ती
प्रयागराज, लखनऊ, उन्नाव, अयोध्या, बस्ती, सिद्धार्थनगर , संत कबीरनगर, गोरखपुर, महराजगंज, आजमगढ़, बलिया, वाराणसी, जौनपुर, कानपुर नगर, कासगंज, बुलंदशहर, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर।
शारीरिक पात्रता
पुरुष जवानों के लिए ऊंचाई 167.7 सेंटीमीटर (एससी के लिए 160 सेंटीमीटर)
पुरुष सीना बिना फुलाए 78.8 सेंटीमीटर (एससी के लिए 76.5 सेंटीमीटर)
महिलाओं के लिए ऊंचाई 152 सेंटीमीटर(एससी के लिए 147 सेंटीमीटर)
जवानों की पात्रता
अभ्यर्थी हाईस्कूल पास होना चाहिए
एक जनवरी 2023 को आयु 18 से 45 वर्ष के बीच
अभ्यर्थी किसी अपराध में दोषी नहीं होना चाहिए
ड्रोन कैमरे से होगी संदिग्ध परीक्षा केन्द्रों की निगरानी
लखनऊ, विशेष संवाददाता। उच्च शिक्षा के संस्थानों में परीक्षा के समय पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर संदिग्ध केन्द्रों पर ड्रोन कैमरों से निगरानी की जाएगी। परीक्षा के दौरान किसी भी अनियमितता पर संबंधित अधिकारी या शिक्षक की जवाबदेही तय होगी। यह जानकारी उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने विभागीय बैठक के दौरान दी।उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय व महाविद्यालय तकनीक के प्रयोग को प्रोत्साहित करें। प्रमाण-पत्रों के संरक्षण के लिए डिजिलॉकर के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करें। विश्वविद्यालय नकल विहीन परीक्षा के पुख्ता इंतजाम करें। जिला या विश्वविद्यालय स्तर पर कन्ट्रोल रूम बनाकर सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से परीक्षा केन्द्रों की प्रभावी निगरानी की जाए।उन्होंने कहा कि 21 जनवरी को रन फार जी-20 दौड़ आगरा, वाराणसी, लखनऊ और ग्रेटर नोएडा में आयोजित होगी। इसके लिए विश्वविद्यालय स्तर पर जी-20 लोगो के साथ थीम का प्रचार-प्रसार किया जाए। उन्होंने लखनऊ विवि की तारीफ करते हुए कहा कि सभी नैक मूल्यांकन में अच्छी रेटिंग प्राप्त करने के लिए प्रयास करें। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि विभाग में समूह-ग के पदों को भरने के लिए शीघ्र अधियाचन भेजने की कार्रवाई नियमानुसार की जाए और बैठक में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी ने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 को प्रोत्साहित करने के लिए जागरूक किया जाए।
लखनऊ। सरकारी डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष से बढ़ाकर सविकल्प 70 साल तक किए जाने के प्रस्ताव को यूपी पीएमएचएस एसोसिएशन ने औचित्यहीन बताया है। शासन द्वारा मांगी गई आख्या का हवाला देते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. सचिन वैश्य और महासचिव डा. अमित सिंह ने महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य को पत्र भेजा है।एसोसिएशन ने कहा है कि सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने से नहीं बल्कि विभिन्न स्तरों पर समय से पदोन्नति दिए जाने और जनसंख्या के अनुपात में नये पद सृजित किए जाने से डॉक्टरों की कमी दूर हो सकेगी। संस्था पदाधिकारियों ने कहा है कि शासन स्तर से महानिदेशक को जो प्रस्ताव भेजा गया है, वो पूरे प्रदेश की स्थिति को नहीं दर्शाता। बल्कि किसी संस्थान विशेष को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
शिक्षकों के वाहनों को मिलेगा पास
प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगेगी। इसके साथ ही पास वाले वाहनों को ही परिसर में प्रवेश दिया जाएगा। पीआरओ डॉ. जया कपूर की ओर से शुक्रवार को जारी सूचना के अनुसार कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव की अध्यक्षता में शुक्रवार को नॉर्थ हॉल में प्रॉक्टोरियल बोर्ड की एक रिव्यू मीटिंग हुई। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रॉक्टोरियल बोर्ड सभी परिसरों में सघन आईकार्ड की चेकिंग करेगा। किसी भी बाहरी व्यक्ति का परिसर में प्रवेश रोका जाएगा। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि शिक्षकों के वाहनों को पास दिए जाएंगे और सिर्फ जिन वाहनों के पास होंगे उनको परिसर में प्रवेश मिलेगा।
अटेवा हिमाचल में पेंशन बहाली पर जश्न
लखनऊ। पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन (अटेवा) ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा पुरानी पेंशन की बहाली पर खुशी जताई। सदर स्थित सिंचाई कार्यालय पर अटेवा के राष्ट्रीय व प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु का माला पहनाकर स्वागत हुआ।
विश्वविद्यालयों और आईईटी जांच के मुख्य केन्द्र रहेंगे, बयानों का मिलान होगा
लखनऊ सीबीआई सूत्रों के मुताबिक आगरा, कानपुर की यूनिवर्सिटी, एकेटीयू और आईईटी जांच के मुख्य केन्द्र पर रहेंगे।यहां के कर्मचारियों व प्रशासनिक अफसरों से सीबीआई पूछताछ करेगी। इन लोगों का पहले दिये बयान से मिलान भी कराया जायेगा। सीबीआई विनय पाठक की तैनाती के दौरान यहां हुये टेंडर व अन्य निर्माण कार्यों के बारे में भी पूछताछ करेगी। यह भी कहा जा रहा है कि सीबीआई के तीन इंस्पेक्टर और दो सब इंस्पेक्टर एक साथ तीनों विवि में कर्मचारियों से बयान लेंगे।
जज की नियुक्ति पर सहमति पर कई मुद्दे अब भी अनसुलझे
नई दिल्ली। उच्च न्यायपालिका में जज की नियुक्ति के लिए कोलेजियम की सिफारिशों को मंजूर करने पर सरकार और कोर्ट के बीच समझ बनी है, लेकिन कई मुद्दों जैसे सिफारिशों के दोहराने पर उन्हें स्वीकार करना, जजों के अंतर हाईकोर्ट तबादलों और जजों की वरिष्ठता पर सहमति नहीं बन रही है। इसमें सबसे बड़ा मुद्दा जजों की वरिष्ठता का है, जिस पर सरकार ने कोई स्पष्ट रुख नहीं लिया है।सिफारिश का दिन वरिष्ठता का विवाद यह है कि कोलेजियम जब किसी वकील को जज बनाने की सिफारिश करता है। लेकिन, सरकार उस सिफारिश को रोक लेती है और उसके साथ के अन्य जजों की सिफारिश मंजूर कर लेती है। इसके बाद कोलेजियम की तरफ से सिफारिश फिर दोहराने पर मंजूर किया जाता है तो ऐसी स्थिति में वह जज जूनियर हो जाता है। कई दफा इस कनिष्ठता को देखते हुए उम्मीदवार जज बनने से ही इनकार कर देते हैं। कोलेजियम और बार का कहना है कि जज को उसकी सिफारिश होने के दिन से ही वरिष्ठता मिलनी चाहिए।
छह न्यायिक अधिकारियों को राजस्थान उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाया
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। उच्च न्यायपालिका में नियुक्तियों को लेकर सरकार और कोलेजियम के बीच गतिरोध के बीच, छह न्यायिक अधिकारियों और तीन अधिवक्ताओं को शुक्रवार को राजस्थान उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाया गया।कानून मंत्रालय ने शुक्रवार देर शाम जानकारी दी। अधिवक्ता गणेशराम मग्ना, अनिल कुमार उपमन और नूपुर भाटी तथा न्यायिक अधिकारी राजेंद्र प्रकाश सोनी, अशोक कुमार जैन, योगेंद्र कुमार पुरोहित, भुवन गोयल, प्रवीर भटनागर और आशुतोष कुमार को न्यायाधीश नियुक्त किया गया।सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया से अवगत सूत्रों ने कहा कि गणेश राम मग्ना को नियुक्त करने की सिफारिश कम से कम चार साल पुरानी थी, अन्य नामों की सिफारिश कॉलेजियम ने हाल के दिनों में की थी। कानून मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, राजस्थान उच्च न्यायालय में 2 जनवरी को 24 रिक्तियां थीं। न्यायाधीशों के शपथ लेने के बाद रिक्त पदों की स्थिति में सुधार होगा।
कोलेजियम और बार का कहना है कि जज को उसकी सिफारिश होने के दिन से ही वरिष्ठता मिलनी चाहिए, सिफारिश को दोबारा भेजने पर भी रोक देती है सरकार
राहत:एमएमएमयूटी के निष्कासित छात्रों को परीक्षा की मिली अनुमति
गोरखपुर, निज संवाददाता।एमएमएमयूटी से फर्जी कागजात से दाखिला लेने के आरोप में निष्कासित 40 में से 35 छात्र-छात्राएं हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। शुक्रवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने उन्हें शेष बची परीक्षाओं में बैठने की अनुमति दी है। साथ ही उन्हें अपने पक्ष में कागजात जमा कराने के लिए 31 तक की मोहलत भी दी है।एमएमएमयूटी प्रशासन ने फर्जीवाड़ा कर नामांकन कराने के आरोप में 40 विद्यार्थियों का प्रवेश निरस्त कर दिया था। इसके खिलाफ 35 छात्र-छात्राएं इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गए। उन्होंने बताया कि उनकी सेमेस्टर परीक्षाएं चल रही हैं। यदि वे इससे वंचित रह गए तो उनका करियर खराब हो जाएगा।शुक्रवार को इसमें दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने निर्णय दिया कि शेष परीक्षाओं में इन्हें बैठने दिया जाए। हालांकि उनकी कॉपियां सील कर अलग रखी जाएंगी। इन छात्रों की जो परीक्षा बीत चुकी है और वे इससे वंचित हो गए हैं, उस पर कोर्ट ने कोई निर्णय नहीं दिया है। परीक्षाफल इस रिट के अधीन रहेगा। कोर्ट 28 फरवरी अगली सुनवाई करेगा। उल्लेखनीय है कि सेमेस्टर परीक्षाएं शुरू होने से ठीक पहले 40 छात्रों का प्रवेश निरस्त कर दिया था और 25 जनवरी तक उन्हें अपने नामांकन के सही होने के सम्बंध में विवि के रजिस्ट्रार के जरिए एकेडमिक काउंसिल को प्रमाण सौंपना था। उच्च न्यायालय ने उस अवधि को एक हफ्ते के लिए बढ़ा दिया है। अब सम्बंधित छात्र-छात्राओं को 31 जनवरी तक अपने सही नामांकन के सम्बंध में दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा।
प्रायोगिक परीक्षाओं के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट होंगे तैनात
गोरखपुर, निज संवाददाता। यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट की प्रायोगिक परीक्षाएं सेक्टर मजिस्ट्रेट की निगरानी में होंगी। प्रत्येक ब्लाक में एक-एक सेक्टर मजिस्ट्रेट व जनपद में एक मजिस्ट्रेट की तैनाती की जाएगी।ये सभी जिला स्तरीय अधिकारी होंगे। परीक्षा के दौरान यह निरीक्षण कर पारदर्शिता देखेंगे और अपनी रिपोर्ट डीआईओएस को सौंपेगे, जिसे वह बोर्ड को भेजेंगे। जिले में 322 विद्यालयों में 29 जनवरी इंटर की प्रायोगिक परीक्षा शुरू होगी। यह पांच फरवरी तक चलेगी। अभी तक बोर्ड परीक्षा में ही सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती होती रही है। प्रायोगिक परीक्षा भी शुचितापूर्ण ढंग से संपन्न हो इसके लिए महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने प्रायोगिक परीक्षा भी सेक्टर मजिस्ट्रेट की निगरानी में कराने का निर्णय लिया है। इस सम्बंध में जिला विद्यालय निरीक्षक ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह भदौरिया ने कहा कि महानिदेशक स्कूल शिक्षा के निर्देश पर प्रायोगिक परीक्षा के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेटों की तैनाती जल्द की जाएगी।
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