नॉन स्टॉप बारिश : शहर से गांव तक सब बेहाल, नोएडा की सडकों में पड़े गड्ढे, दीवारें धंसी, खेतों में उजड़ गई फसलें
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Mohammad Siraj
नॉन स्टॉप बारिश : शहर से गांव तक सब बेहाल, नोएडा की सडकों में पड़े गड्ढे, दीवारें धंसी, खेतों में उजड़ गई फसलें
नोएडा/ग्रेटर नोएडा, मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक पिछले 2 दिनों से वेस्ट यूपी और दिल्ली-एनसीआर में नॉनस्टॉप बारिश पड़ रही है। गांव से शहर तक सबको बेहाल कर दिया है। शहरों की सड़कें नदियां बन गई हैं। सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे पड़ गए हैं। ट्रैफिक की रफ्तार बेहद धीमी है। लोगों को जाम से जूझना पड़ रहा है। दूसरी ओर गांवों में किसान बर्बादी के कगार पर पहुंच गए हैं। खेतों में खड़ी धान की फसल बर्बाद हो गई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसानों को अरबों रुपए का नुकसान हुआ है। बारिश थमने के बाद रेवेन्यू डिपार्टमेंट सर्वे करेगा और बताएगा कि किसानों को कितनी चपत लगी है।
नोएडा में सड़कों पर पानी और गड्ढे
नोएडा की सड़कों का बुरा हाल है। सड़कों पर पानी है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर कई जगह सेंट्रल वर्ज के बराबर वाली स्पीड लेन जलमग्न है। छोटी गाड़ियां स्पीड के कारण पानी में जाते ही असंतुलित हो रही हैं। लगातार बारिश होने से जल निकासी नहीं हो पा रही है। फिल्म सिटी के सामने मुख्य सड़क पूरी तरह गड्ढों में तब्दील हो गई है। कुछ दिन पहले यह गड्ढे भरे गए थे। रविवार को सड़क का हाल बेहाल हो गया। हालत ऐसे हैं कि वाहन हिचकोले खा रहे हैं। जिसकी वजह से ट्रैफिक की रफ्तार धीमी है और लंबा जाम लगा हुआ है। नोएडा में कई भीतरी सड़कों का हाल भी कुछ ऐसा ही हो गया है।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बड़ा हादसा, धंस गई दीवार
ग्रेटर नोएडा वेस्ट का बुरा हाल है। बारिश बिल्डरों के घटिया निर्माण की पोल खोल रही है। पिछले 12 घंटे में दो बिल्डरों की घटिया सामग्री की पोल खुल गई। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में पैरामाउंट इमोशन हाउसिंग सोसाइटी में थोड़ी देर पहले एक टावर का मोटा प्लास्टर टूटकर नीचे गिर गया। इससे पहले रविवार की सुबह एक्सप्रेस अस्त्रा बिल्डर की निर्माणधीन बिल्डिंग जमीन में धंस गई। यह दोनों घटना इस बात का सबूत हैं कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बिल्डर किस तरीके की घटिया सामग्री का इस्तेमाल करके लोगों की जान जोखिम में डालते हैं।
बर्बादी के मुहाने ओर किसान परिवार
दूसरी ओर गांवों का भी बुरा हाल है। खेतों में धान की फसल बर्बाद हो गई है। दनकौर गांव में रहने वाले किसान सुरेंद्र सिंह का कहना है, “मैंने 35 बीघे खेतों में धान की फसल उगाई थी, लेकिन बिन मौसम बरसात ने पूरी फसल को उजाड़ दिया है। आने वाले समय में परिवार के ऊपर संकट नजर आ रहा है। हमारी पूरी साल की मेहनत बारिश ने बर्बाद कर दी है।” सुरेंद्र सिंह का कहना है कि ऐसे समय में इस फसल का भुगतान कौन करेगा? आखिरकार कौन हमारा साथ देगा? दादरी के रहने वाले किसान लखीराम प्रजापति का कहना है, “मैंने गांव के किसान से जमीन किराए पर लेकर धान की फसल उगाई थी। मेरी पूरी फसल खराब हो गई है और पैसा बर्बाद हो गया है। मेरी ऊपर परिवार के 18 लोगों की जिम्मेदारी है।” लखीराम ने उत्तर प्रदेश सरकार से मदद की गुहार लगाई है। इनके जैसे काफी किसानों ने योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाई है।
आने वाला समय और ज्यादा कठिन
आपको बता दें कि वेस्टर्न यूपी के गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, बुलंदशहर जिलों और दिल्ली-एनसीआर में पिछले दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है। इस बार बारिश ने पूरे साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। वैसे भी यह बिन मौसम बरसात है। क्योंकि अक्टूबर के महीने में इतनी बारिश नहीं होती है। उसके बावजूद दो दिनों से झमाझम बारिश हो रही है। मौसम विभाग का कहना है कि आगामी 11 अक्टूबर तक लगातार बारिश होने की संभावना है। ऐसे में आने वाले समय लोगों के लिए और भी ज्यादा बुरा होगा।
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