17/10/2021

अवध सूत्र

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सिंधु बार्डर और जशपुर में कार से कुचले00 धार्मिक लोगो के लिए कुमार विश्वास का बड़ा बयान

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सिंधु बार्डर और जशपुर में कार से कुचले00 धार्मिक लोगो के लिए कुमार विश्वास का बड़ा बयान

दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर बीते दिन किसान आंदोलन स्थल पर दलित युवक की हत्या करने का मामला सामने आया था। हत्या की जिम्मेदारी निहंगों ने ली थी, साथ ही मामले में दो लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था। वहीं छत्तीसगढ़ में भी यात्रा के दौरान तेज रफ्तार कार से लोगों को कुचलने का मामला सामने आया था। इन चीजों को लेकर अब मशहूर कवि कुमार विश्वास ने भी ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने लोगों पर नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा कि जब तक धर्म को देश से ऊपर मानोगे, तब तक उन्मादी भीड़ के कबीले बने रहोगे।
कुमार विश्वास का यह ट्वीट सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। ट्वीट में उन्होंने लिखा, “जब तक अपने-अपने धरम को देश और अपने-अपने धर्मग्रंथ को संविधान से ऊपर मानते रहोगे, तब तक बस एक उन्मादी भीड़ वाले कबीले ही बने रहोगे। राजनीति यही चाहती है कि तुम एक विवेवकहीन भीड़ से आगे कभी बढ़ ही न सको।
कुमार विश्वास ने अपने ट्वीट में आगे लिखा, “ताकि वो तुम्हें नारों-चीखों के सहारे अपने एजेंडे के हिसाब से हांक सकें। कब समझोगे?” मशहूर कवि के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर ने भी खूब कमेंट किये। कृष्णा नंद तिवारी नाम के यूजर ने लिखा, “राष्ट्र धर्म से है बड़ा, रखें हमेशा याद। उन्मादी यदि बन गए, होना तय बर्बाद।
स्वामी नाम के यूजर ने कुमार विश्वास के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा, “वाह रे मेरे देश। इस समय देश के हालात देखकर उन स्वतंत्रता सेनानियों की आत्मा भी रो रही होगी, जिन्होंने इस देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी।” कविता झा नाम की यूजर ने लिखा, “इतना ज्ञान कहां से लाते हो सर आप, इतना कुछ हो गया लेकिन एक बार भी इन नकली किसान के बारे में आपने कुछ नहीं कहा।
बता दें कि बीते दिन कुमार विश्वास ने सिंघू बॉर्डर पर हुई हत्या को लेकर भी ट्वीट किया था। उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा था, “यह हत्या नहीं, भीड़ की उन्मादी मानसिकता द्वारा भारत के कानून व संविधान को चुनौती है। हत्यारे किसी धर्म के हों, उन्हें भारत के आंतरिक अनुशासन की ताकत का अनुभव कराइये। गृह मंत्री जी देश को भीड़ में बदलने से रोकिए। आंदोलन की पवित्रता बचाए रखना आंदोलनकारियों और नेताओं की जिम्मेदारी है।

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