11/12/2021

अवध सूत्र

Latest Online Breaking News

ओमिक्रॉन को लेकर WHO ने दी नई चेतावनी, बताया क्यों है इससे बड़ा खतरा

1 min read
😊 Please Share This News 😊

ओमिक्रॉन को लेकर WHO ने दी नई चेतावनी, बताया क्यों है इससे बड़ा खतरा

दिल्ली । कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने नई चेतावनी जारी की है। WHO ने कहा है कि अगर इस वैरिएंट के खिलाफ लापरवाही बरती गई तो यह जानलेवा साबित हो सकता है। साउथ अफ्रीका में 24 नवंबर को पहला केस पाए जाने के बाद ये वैरिएंट भारत समेत दुनिया के 59 देशों में फैल चुका है।

समझते हैं कि WHO ने ओमिक्रॉन को लेकर क्या चेतावनी दी है? वैक्सीन पर इसके असर को लेकर क्या कहा है? और क्यों पूरी दुनिया से इस नए वैरिएंट को लेकर सावधानी बरतने की अपील की है?

ओमिक्रॉन को लेकर WHO ने क्या चेतावनी जारी की है?

WHO ने अपनी साप्ताहिक महामारी विज्ञान रिपोर्ट (weekly epidemiological report) में कहा है कि ओमिक्रॉन दुनिया के 55 से अधिक देशों में पहुंच चुका है और इसके तेजी से और भी देशों में फैलने की आशंका है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि ओमिक्रॉन के मामले बढ़ने से पूरी दुनिया में इसके मरीजों की हॉस्पिटलाइजेशन की दर भी बढ़ने की आशंका है। WHO का कहना है कि शुरुआती आंकड़ों में भले ही मौत का खतरा कम दिख रहा है, लेकिन ओमिक्रॉन के ज्यादा तेजी से फैलने से दुनिया भर में ही हॉस्पिटलाइजेशन रेट भी बढ़ेगा।

24 नवंबर को साउथ अफ्रीका में सामने आने के बाद WHO ने ओमिक्रॉन को 26 नवंबर को वैरिएंट ऑफ कंसर्न (VoC) घोषित करते हुए पूरी दुनिया को इस नए वैरिएंट से अलर्ट रहने को कहा था।

‘’ओमिक्रॉन से ठीक होने में लग सकता है लंबा समय’’

  • WHO ने पूरी दुनिया को आगाह करते हुए कहा है कि इस वैरिएंट को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही से अब जान जाने का खतरा है।
  • जिन लोगों की इस वैरिएंट से मौत नहीं भी होगी, उन्हें भी लंबे समय तक कोविड से जूझना पड़ सकता है, या कोविड के बाद होने वाली समस्याओं से दो-चार होना पड़ सकता है।
  • ओमिक्रॉन वैरिएंट के संक्रमितों में कोविड से उबरने के बाद भी इसकी वजह से ऐसी बीमारी होती है, जिसके लक्षण तो माइल्ड रहते हैं, लेकिन इसमें इंसान को कमजोर करने की क्षमता होती है। अभी इस बीमारी को लेकर स्टडी शुरुआती चरण में ही है।

ओमिक्रॉन से घट सकती है नैचुरल इम्यूनिटी

  • साउथ अफ्रीका से सामने आ रहे शुरुआती डेटा से पता चलता है कि ओमिक्रॉन से री-इंफेक्शन का खतरा ज्यादा है, हालांकि इस पर अभी पूरी रिपोर्ट आनी बाकी है।
  • ओमिक्रॉन के अब तक के केसों की स्टडी से पता चलता है कि डेल्टा की तुलना में इससे बीमार पड़ने वालों में गंभीर लक्षण कम हैं। हालांकि, इसे भी अभी निश्चित तौर पर कह पाना मुश्किल है। पूरी स्टडी सामने आने में कुछ हफ्ते और लगेंगे।
  • रीइंफेक्शन के खतरे के बारे में WHO ने कहा, ”शुरुआती आकलन दिखाते हैं कि ओमिक्रॉन में मौजूद म्यूटेशन की वजह से एंटीबॉडी बनने की गतिविधि कम हो सकती है, जिसकी वजह से नैचुरल इम्यूनिटी से होने वाली सुरक्षा घट सकती है।”

ओमिक्रॉन पर वैक्सीन के असर को लेकर WHO ने क्या कहा?

ओमिक्रॉन के स्पाइक प्रोटीन में 30 से अधिक म्यूटेशन हो चुके हैं। ऐसे में इस पर मौजूदा वैक्सीन के बेअसर होने की आशंका है। ओमिक्रॉन पर वैक्सीन के असर को लेकर WHO ने कहा कि इस बात को जानने के लिए और डेटा के आंकलन की जरूरत है कि क्या ओमिक्रॉन वैरिएंट के म्यूटेशन की वजह से वैक्सीन से मिलने वाली इम्यूनिटी घट सकती है?

साथ ही, संगठन का यह भी कहना है कि ओमिक्रॉन के खिलाफ मौजूदा वैक्सीन के प्रभावों का भी आंकलन किए जाने की जरूरत है। इसी के आधार पर ये भी तय होगा कि क्या ओमिक्रॉन से लड़ने के लिए किसी अतिरिक्त वैक्सीन डोज की जरूरत पड़ेगी।

अफ्रीकी देशों में बहुत तेजी से फैल रहा है ओमिक्रॉन?

साउथ अफ्रीका में ओमिक्रॉन मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। साउथ अफ्रीका में हर दिन सामने आने वाले नए इंफेक्शन की संख्या पिछले तीन हफ्तों के दौरान बढ़ी है और वहां दिसंबर के पहले हफ्ते में डेली केसेज का एवरेज 15 हजार से अधिक रहा है। यह पिछले हफ्ते से करीब 73% ज्यादा है।

साथ ही साउथ अफ्रीका में ओमिक्रॉन का खतरा बच्चों में भी बढ़ा है। वहां ओमिक्रॉन सामने आने के बाद 5 साल के कम उम्र के बच्चों की हॉस्पिटलाइजेशन की दर बढ़ी है।

WHO के मुताबिक, न केवल साउथ अफ्रीका,बल्कि इस्वातिनी, जिम्बाब्वे, मोजाम्बिक, नामीबिया और लेसोथो जैसे अफ्रीका देशों में भी ओमिक्रॉन के मामले बढ़ रहे हैं।

ओमिक्रॉन से बचने के लिए WHO की क्या है सलाह?

ओमिक्रॉन के खतरे को कम करने के लिए WHO ने न केवल दुनिया भर की सरकारों को बल्कि लोगों से भी कुछ सावधानियां बरतने को कहा है।

  • दुनिया भर के सभी देशों की सरकारों से ज्यादा जोखिम वाली आबादी में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया तेज करने को कहा है।
  • ओमिक्रॉन को फैलने से रोकने के प्रयासों के तहत सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को सख्ती से लागू करना चाहिए, जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग करना शामिल है।
  • सभी सरकारों को सर्विलांस, टेस्टिंग और सीक्वेंसिंग को बढ़ाना चाहिए और सैंपल्स को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ साझा करना चाहिए।
  • सभी लोग भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें, मास्क पहनें, हाथ को साबुन से धोएं, और अगर संभव हो तो हवादार जगहों में ही लोगों से मुलाकात करें या घर में भी ऐसी जगहों पर रहें जहां वेंटीलेशन अच्छा हो।
  • साथ ही लोग जितना जल्दी हो वैक्सीनेशन अवश्य कराएं।

WHO का कहना है कि ओमिक्रॉन से जुड़े नए डेटा हर दिन सामने आ रहे हैं, लेकिन वैज्ञानिकों को स्टडी पूरी करने और एनालिसिस के लिए कुछ और हफ्तों का समय चाहिए।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें 

स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे

Donate Now

[responsive-slider id=1466]
error: Content is protected !!