Responsive Menu

Download App from

Download App

Follow us on

Donate Us

फ़र्ज़ी मार्कशीट मामले में फंसे बीजेपी विधायक खब्बू तिवारी, विशेष अदालत ने सुनाई पांच साल की सज़ा

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]
Author Image
Written by

फ़र्ज़ी मार्कशीट मामले में फंसे बीजेपी विधायक खब्बू तिवारी, विशेष अदालत ने सुनाई पांच साल की सज़ा

अयोध्या, गोसाईगंज सीट से भाजपा विधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी को पांच साल की सजा सुनाई गई है। 29 साल पहले साकेत महाविद्यालय में अंक पत्र व बैक पेपर में कूट रचित दस्तावेज के सहारे धोखाधड़ी व हेराफेरी करने के मामले में विधायक के साथ ही छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष व सपा नेता फूलचंद यादव और चाणक्य परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष कृपा निधान तिवारी पर सोमवार को अपराध साबित होने पर एमपी/एमएलए कोर्ट ने दोषी माना।

इसके बाद विशेष न्यायाधीश (एमपी/एमएलए कोर्ट) पूजा सिंह ने भाजपा विधायक इन्द्र प्रताप तिवारी खब्बू सहित तीनों आरोपितों को पांच-पांच वर्ष की सजा सुनाई। सभी पर 19 हजार रुपये का जुर्माना भी किया गया है। फैसले के बाद तीनों आरोपितों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया गया।

यह मामला अयोध्या के थाना रामजन्मभूमि का वर्ष 1992 का है। अभियोजन पक्ष के मुताबिक 14 फरवरी 1992 में साकेत स्नातकोत्तर महाविद्यालय में फर्जी अंक पत्रों के आधार पर प्रवेश प्राप्त करने का मामला प्रकाश में आया था। इनमें फूलचंद यादव बीएससी प्रथम वर्ष की परीक्षा 1986 में अनुत्तीर्ण रहने और बैक पेपर परीक्षा के उपरांत भी बीएससी द्वितीय वर्ष में प्रवेश पाने के योग्य नहीं थे परंतु विश्वविद्यालय की ओर से निर्गत बैक पेपर परीक्षाफल पत्रक पर हेरफेर कर धोखाधड़ी और षड्यंत्र के आधार पर उत्तीर्ण होने का अंक पत्र प्राप्त कर लिया।

Advertisement Box

इसी प्रकार इंद्र प्रताप तिवारी ने बीएससी द्वितीय वर्ष परीक्षा 1990 में अनुत्तीर्ण होने के बावजूद बीएससी तृतीय वर्ष और कृपानिधान तिवारी ने प्रथम वर्ष 1989 में एलएलबी प्रथम वर्ष में अनुत्तीर्ण होने के बावजूद छल कपट कर एलएलबी द्वितीय वर्ष में प्रवेश प्राप्त कर लिया। इन लोगों ने महाविद्यालय में छल व धोखाधड़ी के आधार पर प्रवेश प्राप्त कर लिया था।

साकेत महाविद्यालय के तत्कालीन प्राचार्य यदुवंश राम त्रिपाठी के संज्ञान में यह मामला आया तब 18 फरवरी 1992 को उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से मिलकर इन तीनों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के लिए तहरीर दी थी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने थाना रामजन्मभूमि को मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर कानूनी कार्यवाही का आदेश दिया। इसी के साथ इंद्र प्रताप तिवारी, छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष फूलचंद यादव व चाणक्य परिषद के अध्यक्ष कृपानिधान तिवारी के विरुद्ध 24/ 1992 अंतर्गत धारा 420 467 468 471 के तहत दर्ज किया गया।

मामले के विवेचक ने तीनों के खिलाफ आरोप पत्र संबंधित अदालत में प्रस्तुत किया। अदालत में सुनवाई के दौरान महाविद्यालय के तीन कर्मचारियों महेंद्र कुमार अग्रवाल सहित कई गवाह संबंधित एमपी-एमएलए कोर्ट में साक्ष्य के रूप में पेश हुए। वादी एवं गवाहों के बयान के आधार पर कोर्ट की विशेष न्यायाधीश पूजा सिंह ने मामले में तीनों को दोषी पाया। इसके बाद इन तीनों को धारा 420 में तीन साल की सजा और छह हजार जुर्माना, 468 में पांच साल की सजा और आठ हजार जुर्माना और धारा 471 में दो साल की सजा और पांच हजार जुर्माना से दंडित किया।तीनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी। भाजपा विधायक इंद्र प्रताप तिवारी सहित तीन आरोपियों की एमपी-एमएलए कोर्ट से सजा की खबर सुनकर कचहरी परिसर के आसपास उनके समर्थकों की भारी भीड़ जमा हो गई।

आज का राशिफल

वोट करें

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एपल प्रमुख टिम कुक से आईफोन का निर्माण भारत में न करने को कहा है। क्या इसका असर देश के स्मार्टफोन उद्योग पर पड़ सकता है?

Advertisement Box

और भी पढ़ें

WhatsApp