मुख्तार की मर्जी बिना पत्ता नहीं हिलता था
वाराणसी जोन में वाराणसी, गाजीपुर, मऊ, जौनपुर, आजमगढ़ समेत वो जिले शामिल थे जहां पर मुख्तार की तूती बोलती थी. मछली हो या सरकार ठेके, स्लॉटर हाउस हो या फिर कोयला बिना मुख्तार की मर्जी के पत्ता भी नहीं हिलता था. लेकिन एडीजी शर्मा ने लगातार कार्रवाई कर सभी पर से मुख्तार के वर्चस्व को खत्म कर दिया. मुख्तार के अलावा ही कुंटू सिंह गैंग की भी उन्होंने आर्थिक तौर पर कमर तोड़ दी. यदि आंकड़ाें की तरफ गौर किया जाए तो सिर्फ पूर्वांचल में ही करीब 424 करोड़ रुपये की आर्थिक चोट माफियाओं को दी गई. जिसमें 152 करोड़ की संपत्ति तो जमींदोज ही कर दी गई. वहीं 211 करोड़ रुपये की संपत्ति गैंगस्टर एक्ट में जब्त कर ली गई. साथ ही 62 करोड़ की सालाना अवैध आय को बंद कर दिया गया और 244 पर मामले दर्ज कर कार्रवाई की गई।
अकेले मुख्तार का 286 करोड़ का साम्राज्य
इस पूरी कार्रवाई के तहत एडीजी शर्मा ने दो साल में अकेले मुख्तार का करीब 286 करोड़ का आर्थिक साम्राज्य खत्म कर दिया. इसमें करीब 140 करोड़ रुपये की संपत्ति जमींदोज की गई और बाकि गैंगस्टर एक्ट में सीज कर दी गई. वहीं मछली, स्लॉटर हाउस और अन्य ठेकों से होने वाली 60 करोड़ रुपये की सालाना आय को बंद कर दिया गया. इसके साथ ही 121 अन्य लाइसेंस निरस्त कर थाने में जमा हुए और मुख्तार से संबंधित 200 लोगों को जेल भेजा गया. 129 लोगों पर गैंगस्टर एक्ट और 6 लोगों पर रासुका के तहत कार्रवाई की गई. वहीं कुंटू सिंह को भी 18 करोड़ की आर्थिक चोट पहुंची है. चर्चा है कि यूपी के इतिहास में इतने कम समय के अंदर ही ये अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।







