बजट सत्र में अखिलेश यादव की कमी: क्या विपक्ष की रणनीति प्रभावित हो रही है?
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विशेष संवाददात लखनऊ उत्तर प्रदेश
SUYASH SHUKLA लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा का बजट सत्र इस समय चल रहा है, और इस दौरान कई बार पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली है। हालांकि, इस सत्र में एक स्पष्ट बात यह रही है कि समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव का न होना विपक्ष के लिए एक बड़ी कमी साबित हो रहा है।
अखिलेश यादव, जो पहले बीजेपी सरकार को लगातार घेरने के लिए जाने जाते थे, इस बार विधानसभा में नजर नहीं आ रहे हैं। उनकी अनुपस्थिति ने विपक्ष को कमजोर किया है, क्योंकि उनके सवालों और तर्कों के कारण सत्तापक्ष हमेशा असहज महसूस करता था। इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दबदबा साफ तौर पर देखने को मिल रहा है।
विपक्ष के पास कई अहम मुद्दे थे, जैसे कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाएं और महाकुंभ में भगदड़ से हुई मौतें, जिन पर सरकार को घेरा जा सकता था, लेकिन इस बार विपक्ष इन मुद्दों को सही तरीके से उठाने में असमर्थ दिखा। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अखिलेश यादव का विधायकी छोड़कर संसद जाना विपक्ष के लिए एक गलती साबित हो रहा है।
इसकी वजह से सत्तापक्ष ने अपनी स्थिति को मजबूत किया और विपक्ष के मुद्दों को किनारे कर दिया। अब यह सवाल उठता है कि क्या अखिलेश यादव ने संसद में कदम रखकर विपक्ष की रणनीति को कमजोर किया?
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