09/05/2024

अवध सूत्र

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अवध सूत्र हिंदी दैनिक समाचार पत्र

हर साल तबादला, फिर भी स्कूलों में पूरे शिक्षक नहीं

2024-25 सत्र में राजकीय शिक्षकों के स्थानान्तरण प्रक्रिया शुरू

ग्रामीण क्षेत्र के राजकीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी, छात्र अधिक

शहरी सीमा के स्कूलों में सोर्स-सिफारिश से तैनाती ले लेते हैं शिक्षक

प्रयागराज। प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में वार्षिक स्थानान्तरण सत्र 2024-25 के तहत तबादले की कवायद शुरू हो गई है। हर साल की तरह इस बार शिक्षकों के तबादले तो होंगे लेकिन बड़ा सवाल है कि क्या बांदा और प्रयागराज के इन स्कूलों की तरह प्रदेशभर के सैकड़ों राजकीय विद्यालयों में कई साल से चली आ रही शिक्षकों की कमी दूर होगी।एक तरफ राजकीय स्कूलों से टॉपर निकालने की बातें होती है लेकिन उसके लिए जो सबसे अधिक आवश्यक हैं शिक्षक, उनकी संख्या ही पूरी नहीं हो पाती। एक ओर शहरी सीमा के स्कूलों में आवश्यकता से अधिक शिक्षक हैं तो वहीं ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में सालों से शिक्षकों की कमी बनी हुई है। राजकीय शिक्षक संघ पांडेय गुट के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद पांडेय का कहना है कि जब तक स्कूलों में शिक्षकों की समुचित तैनाती नहीं होगी परिणाम पर बात करना बेमानी है।

राजकीय इंटर कॉलेज पैलानी बांदा में एक एलटी ग्रेड शिक्षक और प्रिंसिपल के ऊपर से 1300 से अधिक बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी है। यहां एलटी के 11 और प्रवक्ता के 10 पद खाली हैं। जीआईसी कालिंजर बांदा में पांच एलटी ग्रेड शिक्षकों के ऊपर 850 बच्चों की जिम्मा है। यहां प्रवक्ता के 11 और एलटी के सात पद खाली हैं। पं. दीन दयाल उपाध्याय राजकीय इंटर कॉलेज ऊंचाडीह चित्रकूट में चार प्रवक्ता और पांच एलटी ग्रेड शिक्षकों के ऊपर 350 बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी है।

जीजीआईसी शंकरगढ़ प्रयागराज में लगभग 800 छात्राएं पंजीकृत हैं। यहां प्रवक्ता के 10 में से भौतिक, रसायन, गणित व अंग्रेजी विषय समेत पांच पद खाली हैं। एलटी ग्रेड शिक्षकों के 12 में से पांच खाली हैं। इसी प्रकार जीजीआईसी नारीबारी में 600 से अधिक छात्राओं को पढ़ाने की जिम्मेदारी सात प्रवक्ता और तीन एलटी ग्रेड शिक्षिकाओं के ऊपर है। यहां प्रवक्ता गणित, भौतिक व बायो के तीन और एलटी ग्रेड शिक्षकों के चार पद खाली है।

एलयू में अब विदेशी शिक्षक और वैज्ञानिक कर सकेंगे रिसर्च

रिसर्चर इन रेजिडेंस कार्यक्रम की होगी शुरूआत

तीन महीने तक विवि में रहकर कर सकेंगे शोध

लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय ने रिसर्चर-इन-रेजिडेंस कार्यक्रम शुरू करने का ऐलान किया है। इसके जरिए विदेशी शिक्षकों, वैज्ञानिकों और इंडस्ट्री से जुड़े विशेषज्ञों को एलयू में पढ़ाने और शोध करने का मौका मिलेगा। वह तीन महीने तक विवि में रहकर अपने शोध को पूरा कर सकेंगे। इसमें उन्हें विवि के शिक्षक, शोधार्थी और छात्र-छात्राएं मदद करेंगे। इस कार्यक्रम में आवेदन करने के लिए पीएचडी या समकक्ष शोध अनुभव होना अनिवार्य रखा गया है।कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि रिसर्चर इन रेजिडेंस कार्यक्रम के लिए पूरे वर्ष आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। प्रस्तावित निवास अवधि से कम से कम छह महीने पहले आवेदन करना होगा। मजबूत शैक्षणिक पृष्ठभूमि, शोध उत्कृष्टता का सिद्ध रिकॉर्ड और एलयू की शोध प्राथमिकताओं से जुड़े प्रस्तावों वाले आवेदकों को वरीयता दी जाएगी। कुलपति बताते हैं कि यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय की जीवंतता, इंटरनेशनल रिसर्च नेटवर्क को बढ़ाने और हमारे छात्रों को अंतरराष्ट्रीय शिक्षकों के संपर्क में लाने के लिए डिजाइन किया गया है। यह हमारे अकादमिक मूल्य को मजबूत करने में मदद करेगा। इससे अंतरराष्ट्रीयकरण, अकादमिक प्रतिष्ठा और रैंकिंग में बेहतर प्रदर्शन करने में भी सहयोग मिल सकेगा।

शोधकर्ताओं को अनुदान और आवास देगा विवि

कुलपति प्रो. आलोक राय के अनुसार, इस पहल का उद्देश्य एक सहयोगी वातावरण बनाना है। आने वाले शोधकर्ता स्थानीय शिक्षकों और छात्रों के साथ मिलकर काम कर सकेंगे। सेमिनार और कार्यशालाओं में भाग ले सकेंगे।

बीए प्रथम वर्ष की 200 छात्राओं को स्मार्टफोन बांटे

पहली बार फर्स्ट इयर की छात्राओं को मिले स्मार्टफोन

अभी तक अंतिम वर्ष के ही विद्यार्थियों को दिया जाता था

लखनऊ। चारबाग स्थित एपी सेन मेमोरियल गर्ल्स पीजी कॉलेज में स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के तहत स्मार्टफोन वितरण कार्यक्रम का आयोजन हुआ। प्राचार्या प्रो. रचना श्रीवास्तव और डिजी शक्ति योजना प्रभारी प्रो. मोनिका श्रीवास्तव ने बीए प्रथम वर्ष की लगभग 200 छात्राओं को स्मार्टफोन बांटे। प्रो. मोनिका ने बताया कि अभी तक स्नातक अंतिम वर्ष के ही विद्यार्थियों को स्मार्टफोन दिए जाते थे। लेकिन इस बार प्रथम वर्ष की छात्राओं को भी स्मार्टफोन वितरण की जानकारी प्राप्त हुई। इसके बाद एक लंबी प्रक्रिया को पूरा किया गया। योजना प्रभारी प्रो. मोनिका श्रीवास्तव बताती हैं कि छात्राओं की परीक्षा शुक्रवार को समाप्त हुई थी। इसके बाद शनिवार को ही उन्हें स्मार्टफोन प्रदान किया गया। इस मौके पर प्राचार्या ने प्रोफेसर मोनिका श्रीवास्तव और आशीष पाठक की सराहना करते हुए उन्हें प्रशंसा पत्र भी दिया।

10 वीं पास छात्रों के लिए विद्याधन छात्रवृत्ति के आवदेन शुरू, हर साल मिलेगा 10 हजार

यूपी बोर्ड, सीबीएसई और आईसीएसई के बच्चे होंगे पात्र,आवेदन की आखिरी तारीख 15 जुलाई

लखनऊ। इस वर्ष 10 वीं पास छात्रों के लिए विद्याधन छात्रवृत्ति के आवेदन शुरू हो गए हैं। इस योजना में दो लाख की वार्षिक आय वाले परिवार के बच्चे आवेदन कर सकते हैं। इसमें यूपी बोर्ड, सीबीएसई और आईसीएसई के 10 वीं पास छात्रों को आवेदन का मौका मिलेगा। आवेदन की अंतिम तिथि 15 जुलाई है।मण्डलीय विज्ञान प्रगति अधिकारी डॉ. दिनेश कुमार ने बताया कि विद्याधन छात्रवृत्ति के लिए पोर्टल www.vidyadhan.org पर जाकर विद्यार्थी सीधे आवेदन कर सकते हैं। 2024 यूपी बोर्ड परीक्षा में 80 प्रतिशत अधिक व सीबीएसई और आईसीएसई में 8 सीजीपीए व दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए 65 प्रतिशत या 6.5 सीजीपीए होना चाहिये। आवेदन के लिए विद्यार्थी की एक फोटो, हाईस्कूल परीक्षा का अंकपत्र व प्रमाण पत्र, सक्षम अधिकारी का आय प्रमाण पत्र लगाना है। शिक्षा निदेशक माध्यमिक डॉ. महेन्द्र देव ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश जारी किये हैं। छात्रवृति के लिए पात्र विद्यार्थियों आवेदन कराएं। इसके चयनितों को 11 वीं 12 वीं कक्षा में हर वर्ष 10 हजार दिए जाएंगे। आगे डिग्री कोर्स में 15 से 75 हज़ार प्रतिवर्ष छात्रवृति धनराशि पा सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए ई मेल-vidyadhan.up@sdfoundationindia.com व हेल्पडेस्क नम्बर 9663517131 एवं व्हाट्सएप्प नम्बर 8296010893 पर सम्पर्क कर सकते हैं।

पुनर्वास विवि में बीपीओ और एमपीओ पाठ्यक्रम के लिए आवेदन शुरू

बीपीओ में 30 जून और एमपीओ के लिए 30 जुलाई तक कर सकेंगे आवेदन

लखनऊ। डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में बैचलर ऑफ प्रोस्थेटिक एंड ऑर्थोटिक (बीपीओ) और मास्टर ऑफ प्रोस्थेटिक्स एवं ऑर्थोटिक्स (एमपीओ) में प्रवेश के लिए आवेदन शुरू हो गए हैं। अभ्यर्थियों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा।पुनर्वास विश्वविद्यालय में पैरामेडिकल एवं रिहैबिलिटेशन साइंसेज फैकल्टी के तहत प्रोस्थेटिक एवं ऑर्थोटिक विभाग में बैचलर ऑफ प्रोस्थेटिक एवं ऑर्थोटिक(बीपीओ) एवं मास्टर ऑफ प्रोस्थेटिक एवं ऑर्थोटिक(एमपीओ) में कोर्स संचालित हैं। कुलपति प्रो. संजय सिंह ने बताया कि दोनों ही पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू हो गए हैं। बैचलर ऑफ प्रोस्थेटिक एवं ऑर्थोटिक पाठ्यक्रम चार साल व 6 महीने का पूर्णकालिक स्नातक पाठ्यक्रम है। जिसमें 6 माह की अनिवार्य इन्टर्नशिप होती है। वहीं मास्टर ऑफ प्रोस्थेटिक एवं ऑर्थोटिक पाठ्यक्रम दो साल का पूर्णकालिक परास्नातक पाठ्यक्रम है। यह दोनों पाठ्यक्रम भारतीय पुनर्वास परिषद, नई दिल्ली (आरसीआई) के अधीन है। कुलपति ने बताया कि बीपीओ में 25 और एमपीओ में 10 सीटों पर प्रवेश लिए जाएंगे।

50 फीसदी अंक होना जरूरी

बीपीओ में प्रवेश के लिए मान्यता प्राप्त बोर्ड से भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के साथ 10+2 में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक होने चाहिए। एमपीओ में प्रवेश के लिए बीपीओ में न्यूनतम प्रतिशत अंक होना अनिवार्य हैं। बीपीओ में 30 जून तक आवेदन लिए जाएंगे। वहीं एमपीओ में 30 जुलाई तक आवेदन लिए जाएंगे है। आवेदन पुनर्वास विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.dsmnru.ac.in के जरिए ऑनलाइन करना है।

इन पाठ्यक्रमों में प्लेसमेंट 100 फीसदी

चिकित्सा विज्ञान में प्रोस्थेटिक का अर्थ वह कृत्रिम अंग होता है जो शरीर के विच्छेदन अंग को प्रतिस्थापित करता है। कृत्रिम अंग प्रतिस्थापित करके मरीज अपनी सामान्यतः जीवन जी सकते हैं और मुख्य धारा में जुड़ सकते हैं। ऑर्थोटिस्ट स्वास्थ्य देखभाल का एक पेशेवर तरीका है। ऑर्थोसिस मूल्यांकन व डिजाइन करने में पारंगत होते हैं। इन पाठ्यक्रम में पढ़ने वाले लगभग सभी विद्यार्थियों का नौकरियों में चयन हो जाता है। पुनर्वास विश्वविद्यालय के लगभग सभी विद्यार्थियों का प्लेसमेंट हो चुका है। प्रोस्थेटिक एवं ऑर्थोटिक पेशेवर व अनुसंधान के क्षेत्र में अपना स्थान बना सकते हैं।

बेदाग चयन परीक्षाओं के लिए जल्द नया कानून:मुख्यमंत्री

शुचिता बनाए रखने के लिए दिए गए खास निर्देश

लखनऊ। राज्य सरकार भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी रोकने के लिए नया कानून लाने जा रही है। इसमें सॉल्वर गैंग और पेपर लीक पर कड़ाई से रोक का प्रावधान होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को भर्ती आयोगों व बोर्ड के साथ बैठक में यह निर्देश दिया है।पेपर सेट करने की प्रक्रिया, उनकी छपाई, कोषागार तक पहुंचाने, कोषागार से परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने, परीक्षा केंद्र की व्यवस्था, परीक्षा के बाद ओएमआर आयोग तक पहुंचाने ओएमआर की स्कैनिंग, परिणाम तैयार करने सहित पूरी व्यवस्था में व्यापक सुधार की जरूरत है। अलग-अलग कामों के लिए अलग-अलग एजेंसियों का उपयोग करें। एजेंसी के रिकॉर्ड की भलीभांति जांच करने के बाद ही उन्हें दायित्व दें। उन्होंने कहा कि पेपर लीक या सॉल्वर गैंग जैसी अराजक गतिविधियों को कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता।

चयन प्रक्रिया तेज करने के निर्देश

मुख्यमंत्री ने विभागों में रिक्त पदों पर चयन प्रक्रिया तेज करने के लिए शासन स्तर के अधिकारियों के साथ विभिन्न चयन आयोगों के अध्यक्षों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। मुख्यमंत्री ने चयन परीक्षाओं की शुचिता, पारदर्शिता और गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए चयन प्रक्रियाओं में व्यापक सुधार पर जोर दिया, साथ ही चयन प्रक्रिया की समयबद्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

यूपी बोर्ड से बदतर लोक सेवा आयोग के हालात

आयोग ही कॉपियों को सुरक्षित नहीं रख सका, कॉपी में हैंडराइटिंग बदलने और पन्ने फटने के आरोप से व्यवस्था पर उठे सवाल

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा सिविल जज जूनियर डिवीजन (पीसीएस-जे) भर्ती 2022 की मुख्य परीक्षा में कॉपी बदलने और पन्ने फाड़ने के आरोप ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए है। इससे पहले इस प्रकार की घटनाएं यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं के दौरान उत्तरपुस्तिका बदलने या कवर पेज फाड़कर दूसरे परीक्षार्थी का पेज लगाने के आरोप लगते थे।ऐसे मामले हाईकोर्ट पहुंचने पर यूपी बोर्ड ने कई स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की और कई स्कूलों को परीक्षा से डिबार तक कर दिया। पिछले कुछ सालों में कॉपी की सिलाई करने और पन्नों की लाइनों का रंग बदलने से इन घटनाओं को रोकने में यूपी बोर्ड तो सफल हो गया लेकिन सबसे गोपनीय तरीके और फुलप्रूफ सुरक्षा में परीक्षा कराने वाला लोक सेवा आयोग ही कॉपियों को सुरक्षित नहीं रख सका।

बड़ी मुश्किल से धुला दाग, फिर उठे सवाल

प्रयागराज। 2012 से 2016 तक की भर्तियों में भ्रष्टाचार के आरोपों से निकलने में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को काफी मेहनत करनी पड़ी। 2017 से अब तक आयोगों की भर्तियां न सिर्फ पटरी पर आईं बल्कि कोई बड़ा सवाल खड़ा नहीं हुआ। हालांकि पीसीएस जे 2022 की मुख्य परीक्षा में शामिल सभी 3019 अभ्यार्थियों की 10842 उत्तर पुस्तिकाओं की जांच कराने के आयोग के फैसले ने फिर से सवाल खड़े होने लगे है। निश्चित रूप से अपनी पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए आयोग ने बड़ा फैसला लिया है लेकिन प्रतियोगी छात्रों के जेहन में पुराने कारनामे ताजे होने लगे ह

नीट के रिजल्ट को लेकर भड़के छात्र- अभिभावक

प्रयागराज। राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) के परिणामों में गड़बड़ी को लेकर जारी विरोध के बीच शनिवार को सैकड़ों की संख्या में अभिभावक और छात्र पत्थर गिरिजाघर पर इकठ्ठा हुए। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी की ओर से जारी नीट-यूजी परिणामों पर सवाल उठाते हुए अभिभावकों और छात्रों ने मार्च निकाला। धरना-प्रदर्शन करते हुए पोस्टर लहराए और फिर से नीट की परीक्षा कराने की मांग की। छात्रों का आरोप है कि अच्छे नंबर पाने वाले विद्यार्थियों की रैंक इतनी ऊपर चली गई है कि बीडीएस कॉलेज भी मिलना मुश्किल है। मांग किया कि नीट की फिर से परीक्षा कराने के साथ पूरी जांच होनी चाहिए।एबीवीपी ने आरोप लगाते हुए कहा कि कितने बच्चों को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं इसको भी स्पष्ट नहीं किया गया है। टॉप 100 बच्चों की जो सूची जारी की गई है, उसमें आठ से नौ बच्चों को अनुक्रमांक इतने पास है कि वह एक ही केंद्र के प्रतीत होते हैं।बच्चों के नंबर और रैंक में इतना विरोधाभास है कि 655 अंक पाने वाले बच्चों को सरकारी मेडिकल कॉलेज नहीं मिल रहा है। वर्षा पांडेय ने कहा कि उनको 575 अंक मिले हैं पर उनको बीडीएस कॉलेज भी नहीं मिलेगा। प्राइवेट कॉलेजों की बात भी नहीं कर सकते। स्नेहा पांडेय ने कहा कि 646 नंबर मिलने के बाद भी रैंक 30 हजार से अधिक चली गई है।

एबीवीपी ने सीबीआई जांच की मांग

नीट-यूजी 2024 के परिणाम को लेकर चौतरफा विरोध के बीच अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मोर्चा खोल दिया है। एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने एनटीए पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए एनटीए और नीट-यूजी परीक्षा की प्रकिया तथा परिणाम की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। मीडिया संयोजक अभिनव मिश्र ने कहा कि लोकसभा चुनाव परिणाम के दिन नीट-यूजी के परिणाम घोषित कर एनटीए क्या छिपाना चाहती थी? देश के अलग-अलग हिस्सों में गड़बड़ियां सामने आईं थी तथा साल्वर पकड़े गए।

मान्यता को 30 जून तक करें आवेदन

प्रयागराज। यूपी बोर्ड से मान्यता के लिए स्कूल अब 30 जून तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। पूर्व में 31 मई तक आवेदन की व्यवस्था थी। 2024-25 शैक्षणिक सत्र में छूट देते हुए शासन ने 30 जून तक आवेदन का मौका दिया है। संस्थाएं 15 जून तक बिना विलंब शुल्क के आवेदन कर सकती हैं जबकि 16 से 30 जून तक विलंब शुल्क के साथ आवेदन का अवसर दिया गया है। जिला विद्यालय निरीक्षक 15 जून तक प्राप्त ऑनलाइन आवेदन पत्रों की सूची 30 जून तक और 30 जून तक प्राप्त आवेदन पत्रों की सूची 10 जुलाई तक संबंधित क्षेत्रीय सचिव को भेजेंगे।

मानसून मध्य भारत की ओर बढ़ा, कई राज्यों में भारी बारिश के आसार

आईएमडी ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट, लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी

नई दिल्ली। मानसून पूरे मध्य भारत में पहुंच गया है। मौसम विभाग में शनिवार को बताया कि दक्षिण महाराष्ट्र, तेलंगाना और दक्षिण छत्तीसगढ़ और दक्षिण ओडिशा के अलावा आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में भारी बारिश की संभावना है।केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून के लगातार जारी रहने के बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग ने शनिवार को राज्य के पांच जिलों में भारी बारिश की संभावाना जताते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। आईएमडी के अनुसार, पथनमथिट्टा के दक्षिणी जिले और कोझिकोड वायनाड, कन्नूर और कासरगोड के उत्तरी जिलों को दिन के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया। मौसम एजेंसी ने राज्य के आठ जिलों के लिए येलो अलर्ट भी जारी किया है।

मध्य प्रदेश : हल्की बारिश के आसार

भोपाल। मध्यप्रदेश में गर्मी और उमस के बीच अगले चौबीस घंटों के दौरान राज्य के कई स्थानों पर तेज हवाओं और गरज चमक के बीच हल्की वर्षा के आसार हैं। प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में आने वाले उज्जैन व इंदौर में बीते चौबीस घंटों के दौरान कहीं-कहीं हल्की वर्षा हुई।

आंध्र प्रदेश : पांच दिनों में आंधी का अलर्ट

अमरावती। उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश और दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश में अगले पांच दिनों के दौरान अलग-अलग स्थानों पर बिजली गिरने और 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, सात दिनों में गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है।

भर्ती शुरू करने के लिए अध्यक्ष की नियुक्ति

लखनऊ। माध्यमिक शिक्षा व तकनीकी शिक्षा के अलावा प्रदेश के सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्तियों के लिए गठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा आयोग को अध्यक्ष का इंतजार है। भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए जल्द ही आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति हो सकती है। प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा एमपी अग्रवाल फिलहाल आयोग के अध्यक्ष का भी पदभार संभाल रहे हैं। माध्यमिक व उच्च शिक्षा में शिक्षकों के लगभग 5000 पदों पर भर्ती की तैयारी कर ली गई है।प्रदेश सरकार ने मार्च 2024 में आयोग में 12 सदस्यों की नियुक्ति कर दी थीl

पॉलीटेक्निक प्रवेश पत्र जारी हुए

लखनऊ। प्रदेश भर के पॉलीटेक्निक संस्थानों में प्रवेश के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा के एडमिट कार्ड जारी कर दिए हैं। प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले छात्र-छात्राएं संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद की वेबसाइट पर दिए गए लिंक के माध्यम से एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। पॉलीटेक्निक प्रवेश परीक्षा 13 जून से 20 तक प्रस्तावित है। जिसके लिए लगभग चार लाख छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया है। लखनऊ में 18 परीक्षा केन्द्रों समेत प्रदेश भर में 207 केंद्र हैंl

रिटायरमेंट के तीन साल बाद पति की मृत्यु, नहीं मिली पेंशन

लखनऊ।लेसा के आलमबाग डिवीजन में रामकिशोर कुशल श्रमिक थे। वर्ष 2019 में वह रिटायर हो गए। पेंशन के लिए अधिकारियों के कई चक्कर लगाए, लेकिन नहीं मिली। आखिर वर्ष 2022 में उनकी मौत हो गई। अब दो साल से पत्नी राधा देवी और बेटा अरुण विभाग के चक्कर काट रहे हैं। प्रतापगढ़ के कुंडा निवासी राधा देवी की तबीयत खराब रहती है, पैसे के अभाव में इलाज नहीं हो पा रहा है। शनिवार वह गोखले मार्ग स्थित मध्यांचल विद्युत वितरण निगम मुख्यालय में आयोजित पेंशन अदालत में अधिकारियों के सामने अपनी पीड़ा बताई।राधा ने बताया कि पति अब वह इस दुनिया में भी नहीं है। अधिकारियों ने बताया कि रामकिशोर नौकरी में करीब 19 वर्ष अनुपस्थित रहे। इसकी वजह से सर्विस बुक और अन्य काम पूरे किए जा रहे हैं। अधिकतम 15 दिन में सभी भुगतान हो जाएंगे। हालांकि इतना वक्त क्यों लगा, इसके बारे में अफसर-कर्मचारियों से पूछताछ की जाएगी।

वेतन निर्धारण अटका, कम मिल रही पेंशन

आलमबाग निवासी पूरनलाल मेंहदीरत्ता जल विद्युत से सहायक अभियंता के पद से रिटायर हैं। उन्होंने बताया कि उनके अवर अभियंता के कार्यकाल में 1982, 1984 और 1985 का वेतन निर्धारण नहीं हुआ है। इसका खामियाजा अब तक भुगतना पड़ रहा है। साल 2004 में वो रिटायर हुए हैं। 2011 से लगातार चक्कर काट रहे हैं। वेतन निर्धारण नहीं होने से पेंशन कम मिल रही है। 13 साल हो गए हैं, लेकिन समस्या दूर नहीं की गई है। साथ वालों का वेतन और पेंशन उनसे ज्यादा है।

रिटायर के सात साल बाद भी पेंशन नहीं

लेसा के ऐशबाग डिवीजन से वर्ष 2017 में रिटायर रामदीन ने बताया कि उनका पैसा नहीं मिला है। कई बार गुहार लगा चुके हैं। उपकेंद्र और एसडीओ के यहां दौड़ लगा चुके हैं। फिर भी कुछ नहीं हुआ। आलमबाग निवासी स्वप्निल शर्मा ने बताया कि पिता स्व. राजकुमार शर्मा ऐशबाग डिवीजन से वर्ष 2017 में रिटायर हुए थे। मई 2018 में मृत्यु हो गई, लेकिन अभी तक पेंशन,ग्रेच्युटी समेत कुछ नहीं मिला। ऐशबाग डिवीजन के ठाकुरदीन की मृत्यु हो गई है। पुत्री सीमा यादव पेंशन के लिए भटक रही है, पर अभी कुछ नहीं हुआ।

पेंशन अदालत में कुल सात मामले आए। इसमें स्व. रामकिशोर नौकरी से कई साल नदारद थे। इस वजह से सर्विस बुक पूरी नहीं हो पायी। जल्द पेंशन का भुगतान होगा। तीन अन्य मामलों का भी जल्द निस्तारण हो जाएगा।

– विकास चंद्र अग्रवाल, निदेशक, कार्मिक, मध्यांचल विद्युत निगम

स्कूल छोड़ चुके बच्चों के लिए होगा घर-घर सर्वे

लखनऊ। स्कूल से दूर हुए बच्चों की खोज के लिए 17 जून से डोर-टू डोर सर्वेक्षण होगा। हर प्राइमरी स्कूल के एक किलोमीटर की परिधि में आने वाले क्षेत्र में हर घर पर दस्तक देकर गुरुजी पता लगाएंगे कि कहीं कोई बच्चा स्कूल जाने से रह तो नहीं गया। या पहले स्कूल जा रहा हो और बाद में जाना बन्द कर दिया हो। बच्चा आउट ऑफ स्कूल तो नहीं है। सर्वेक्षण में पहले ऐसे बच्चों को चिन्हित कर उनका नामांकन कराया जाएगा।प्रधानाध्यापक के नेतृत्व में होने वाले सर्वेक्षण के दौरान शिक्षकों को जहां भी ऐसे आउट ऑफ स्कूल बच्चें मिलेंगे, उनके माता-पिता या अभिभावकों से बच्चे के स्कूल नहीं आने के 18 कारण पूछे जाएंगे। पूरे परिवार का शैक्षिक सर्वेक्षण कर पता लगाएंगे कि परिवार में लोग किस स्तर तक शिक्षित हैं। बच्चे को स्कूल भेजने में क्या दिक्कतें हैं। स्कूल नहीं भेजने के क्या कारण हैं। यह भी पता करेंगे कि क्या बच्चा घर के कामों में तो नहीं लगा है। कचरा बीनने या घरेलू नौकर या भट्ठों-खदानों में काम तो नहीं कर रहा है। गैराज या खेती-किसानी के काम तो नहीं कर रहा है। इसके अतिरिक्त पुश्तैनी दस्तकारी या शहर के होटलों में काम नहीं कर रहा है। उसने कक्षा में अधिक बच्चों की वजह से तो स्कूल आना नहीं छोड़ दिया या उसके प्रति किसी शिक्षक का व्यवहार अनुचित तो नहीं था ,जैसे सवाल पूछे जाएंगे।

जिलेवार रिपोर्ट का जिम्मा बीएसए को

ड्राप आउट (बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले) वाले बच्चों को कैसे नियमित रूप से स्कूल लाया जा सकता है। इन सभी कारकों का पता लगाया जायेगा। स्कूल नहीं जाने वाले या ड्राप आउट वाले बच्चों का स्कूलों में दाखिला कराकर शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ा जाएगा। सर्वेक्षण में 18 बिन्दुओं की जानकारी एकत्र कर पूरी रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक की होगी। स्कूल शिक्षा महानिदेशक के निर्देश के बाद इसकी तैयारियां शुरू हैं। शिक्षकों का सर्वे पूरा कराने, प्रधानाध्यापक सर्वे का एकत्रीकरण कराने के साथ फाइनल रिपोर्ट तैयार कराने की मुख्य जिम्मेदारी हर जिले में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को सौंपी गई है। बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) 31 अगस्त के तत्काल बाद स्कूल महानिदेशालय को फाइनल रिपोर्ट भेजेंगे।

दो चरणों में सर्वेक्षण

स्कूल शिक्षा महानिदेशालय के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार प्रदेश में संचालित ‘शारदा कार्यक्रम के तहत परिवार सर्वेक्षण कराया जाएगा। यह फिलहाल दो चरणों में होगा। पहला चरण 17 जून से 17 जुलाई और दूसरा एक अगस्त से 31 अगस्त तक चलेगा।

सीएचएसएल की टियर वन परीक्षा एक जुलाई से

प्रयागराज।कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की सबसे प्रमुख भर्तियों में से एक कंबाइंड हायर सेकेंडरी लेवल (सीएचएसएल) एग्जाम 2024 की टियर वन (कंप्यूटर आधारित) परीक्षा एक से 11 जुलाई के बीच कराई जाएगी। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, कार्यालयों एवं विभागों में लोअर डिविजन क्लर्क (एलडीसी)/जूनियर सेक्रेटेरिएट असिस्टेंट (जेएसए), (पोस्टल असिस्टेंट)/(सॉर्टिंग असिस्टेंट), (डाटा इंट्री ऑपरेटर) के पदों पर भर्ती के लिए देशभर के 34.55 लाख बेरोजगारों ने आवेदन किया है। सीएचएसएल 2024 के जरिए 3712 रिक्त पदों पर भर्ती होनी है। वहीं दूसरी ओर दिल्ली पुलिस और सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) में सब इंस्पेक्टर एग्जाम 2024 की परीक्षा 27 से 29 जून तक कराई जाएगी। सेलेक्शन पोस्ट एग्जाम फेज 12 की कंप्यूटर आधारित परीक्षा 20 से 26 जून के बीच कराई जाएगी।

नीट परीक्षा धांधली का अदालत स्वत: संज्ञान ले : अखिलेश

लखनऊ। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि अदालत नीट परीक्षा मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए गहन जाँच करवा कर दोषियों का सख्त सजा दे। साथ ही भविष्य में इस प्रकार के दोहराव की किसी भी आशंका को निर्मूल करे।अखिलेश यादव ने शनिवार को ‘एक्स पर लिखा, कि पूरे देश में डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए प्रवेश परीक्षा के रूप में ली जानेवाली नीट परीक्षा (पूर्व में सीएमपीटी के नाम से प्रचलित) के रिज़ल्ट में सैकड़ों अभ्यर्थियों के 100% नंबर आए हैं। इनमें भी एक ही परीक्षा केंद्र से कई लोगों के एक साथ 100% नंबर आना, एक बड़ी धांधली की ओर संकेत करता है।भाजपा राज में परीक्षाएं अवैधानिक तरीके से प्रश्न पत्र लीक कराने, छद्म लोगों से पेपर दिलवाने, सेंटर की सेटिंग करवाने और रिज़ल्ट को मैनेज करने जैसे धंधे का रूप लेती जा रही हैं। अधिकतर परीक्षाओं में लगभग एक जैसा ही घपला होना कोई संयोग नहीं हो सकता। इससे देश का युवा व्यवस्था में विश्वास खोने लगा है। युवाओं की हताशा का मतलब है कि भविष्य हताश है। ये भाजपा सरकार की सबसे बड़ी नाकामियों में से एक है।

पीसीएस की कॉपी देखने को आयोग ने सालभर बाद बुलाया

प्रयागराज।प्रतियोगी छात्रों के हित की बात करने वाला उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग छात्रों के धैर्य की परीक्षा लेने से नहीं चूकता। ताजा मामला सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा (पीसीएस) 2023 से जुड़ा है, जिसकी मुख्य परीक्षा में सम्मिलित एक छात्र रोहित सिंह ने आरटीआई के तहत अपनी उत्तरपुस्तिका देखने की अर्जी दी तो आयोग ने एकसाल बाद आने का समय दिया है। आयोग ने 23 जनवरी को पीसीएस 2023 का अंतिम परिणाम घोषित किया था।मुख्य परीक्षा के परिणाम से असंतुष्ट रोहित सिंह ने दो मई को प्रार्थना पत्र भेजकर अपनी उत्तरपुस्तिकाएं दिखने का अनुरोध किया। आयोग को यह पत्र 15 मई 2024 को प्राप्त हुआ। आयोग के जन सूचना अधिकारी दुर्गेश कुमार सिंह की ओर से 30 मई को रोहित को भेजे जवाब में 15 मई 2025 को दोपहर बाद तीन बजे आयोग परिसर में उपस्थित होने को कहा है। कॉपी देखने के लिए अधिकतम 30 मिनट का समय मिलेगा।गौरतलब है कि पीसीएस 2023 प्रारंभिक परीक्षा में सफल 4047 अभ्यर्थियों के लिए 26 से 29 सितंबर 2023 तक मुख्य परीक्षा कराई गई थी। मुख्य परीक्षा का परिणाम 22 दिसंबर 2023 को घोषित हुआ था। मुख्य परीक्षा में सफल 451 में से 448 अभ्यर्थी आठ से 12 जनवरी तक आयोजित साक्षात्कार में शामिल हुए थे।

नीट में ग्रेस अंक पाने वाले छात्रों के नतीजों की जांच होगी

नई दिल्ली। नीट परिणाम में किसी तरह की धांधली या पेपर लीक के ओरोपों से नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने इंकार किया है। एनटीए ने कहा, केवल छह केंद्रों पर समय को लेकर समस्या सामने आई है, जिससे करीब 1600 छात्र प्रभावित हुए हैं। यूपीएससी के पूर्व चेयरमैन की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है, जो जांच के बाद एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट के आधार पर तय होगा कि इन छात्रों को क्या रियायत दी जा सकती है।एनटीए महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह ने उच्च शिक्षा सचिव के. संजय मूर्ति और सूचना प्रसारण मंत्रालय में सचिव संजय जाजू के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीट मामले में स्पष्टीकरण दिया। एनटीए ने पेपर लीक होने की खबरों का खंडन करते हुए कहा कि परीक्षा की शुचिता से कोई समझौता नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि जहां भी इस मामले में एफआईआर हुई है, हम पूरा सहयोग कर रहे हैं। पेपर लीक के सवाल पर एनटीए चेयरमैन ने कहा कि हमने सभी चीजों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण किया है और उसके बाद परिणाम जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि जिन केंद्रों पर छात्रों ने समस्या का सामना किया उनमें से दो केंद्र छत्तीसगढ़ में बालोद और दंतेवाड़ा में हैं, जबकि एक केंद्र बहादुरगढ़ में, एक मेघालय में, एक सूरत में और एक चंडीगढ़ में है। कुछ केंद्रों पर देर से परीक्षा शुरू करके तय टाइम पर खत्म कर दिया गया, जिससे उनके समय की हानि हुई। एक ही केंद्र पर कुछ छात्रों के ज्यादा अंक मामले में भी एनटीए चेयरमैन ने किसी तरह की गड़बड़ी को नकार दिया।

समय नष्ट होने पर ग्रेस अंक दिए गए

छात्रों ने 720 अंक में से 718 और 719 अंक कैसे प्राप्त किए, इस पर एनटीए डीजी ने कहा कि हमारी समिति की बैठक हुई और उन्होंने केंद्रों तथा सीसीटीवी के सभी विवरणों का अवलोकन किया। उन्हें पता चला कि कुछ केंद्रों पर समय नष्ट हो गया था और छात्रों को इसके लिए तय फार्मूला के तहत ग्रेस मार्क दिए गए। उन्होंने कहा कि क्लैट परीक्षा में समय की हानि पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, छात्रों को अतिरिक्त अंक दिए गए। हमने सोचा कि उम्मीदवारों को समय की भरपाई करने के तरीके के रूप में अंक आवंटित किए गए। यह प्रश्नों की संख्या के कारण नहीं बल्कि स्केल फॉर्मूले के कारण हुआ।

मौत के बाद नौकरी को पहुंचीं तीन पत्नियां

झांसी। झांसी के सिंचाई विभाग में इन दिनों अनुकंपा नौकरी का एक मामला सुर्खियों में है। विभाग के एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की बीमारी से मौत के बाद नौकरी पाने के लिए एक नहीं बल्कि तीन पत्नियां सामने आ गई हैं। उन्होंने न सिर्फ अपने आपको मृतक की पहली पत्नी बताया बल्कि तीनों ने शादी के साक्ष्य पेशकर आवेदन भी किए हैं। इसपर अफसर भी चकरा गए हैं। हालांकि विभाग ने सभी से विधिक उत्तराधिकार प्रमाण पत्र मांगा है।जोकि किसी की तरफ से नहीं दिया गया है। विभाग मामले की जांच में जुटा है। वहीं अब ये मामला कोर्ट में पहुंच गया है। अनुकंपा नौकरी में हो रही देरी पर क्रांति वंशकार ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।ललितपुर के कस्बा तालबेहट निवासी संतोष कुमार माताटीला सिंचाई खंड कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी था। कैंसर पीड़ित संतोष की बीती 6 फरवरी को मौत हो गई थी। उनकी मौत के कुछ समय बाद तालबेहट निवासी क्रांति वंशकार ने अनुकंपा नौकरी पाने के लिए विभाग में आवेदन किया था। उन्होंने संतोष कुमार का मृत्य प्रमाण पत्र लगाया। वारिसाना हक समेत, अन्य जरूरी कागजात, आधार, बैंक पासबुक सहित अन्य दस्तावेज पेश किए। विभागीय अफसर इस पर अमल कर पाते कि भोपाल निवासी सुनीता वर्मा का बतौर पत्नी अनुकंपा नौकरी के लिए आवेदन आ गया। अभी मामले में जांच चल ही रही थी कि तीसरा आवेदन तालबेहट की रहने वाली राजो ने भी ठोक दिया। राजो ने भी जरूरी दस्तावेज पेश करते हुए खुद को संतोष की पत्नी बताया। एक-एक करके तीन पत्नियों के आवेदन देख विभागीय अफसर चकरा गए।

एसडीएम तक का कर दिया सर्टिफिकेट पेश

सबसे अंत में पहुंची तालबेहट निवासी राजो देवी ने अनुकंपा नौकरी के लिए पेश किए गए दस्तावेज में एसडीएम ओर से जारी परिवार का दस्तावेज भी पेश किया है। जिसमें आधार, फोटो, पासबुक, परिवार का फोटो सहित अन्य बताए जा रहे हैं।

पति का मृत्यु प्रमाण पत्र सिर्फ एक के पास

खुद को पहली पत्नी बताने वाली भोपाल की सुनीता वर्मा ने कागजातों में शादी के कार्ड, संतोष के साथ फोटो सहित अन्य जरूरी दस्तावेज तो लगाए हैं, पर मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं हैं। वहीं तालबेहट निवासी क्रांति ने जो दस्तावेज पेश किए हैं उसमें संतोष के मृत्यु प्रमाण पत्र, वारिसाना समेत अन्य कागजात भी हैं।

मेरे कार्यकाल में यह मामला आया था। सभी से विधिक उत्तराधिकार प्रमाण पत्र मांगा गया है। जो नहीं मिल पाया है। क्रांति वंशकार ने कोर्ट में केस भी किया है।

मोहम्मद फरीद, तत्कालीन अधिशासी अभियंता

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की मौत के बाद अनुकंपा नौकरी के लिए तीन महिलाओं ने दावे किए हैं। सभी अपने आपको मृतक की पत्नी बता रही हैं। जांच कराई जा रही है। सही हकदार को ही नौकरी दी जाएगी।

पंकज सिंह, अधिशासी अभियंता

आश्रम पद्धति स्कूलों को 22 प्रिंसिपल मिले 

लखनऊ। योगी सरकार वंचित समाज के बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए लगातार काम कर रही है। समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित 22 जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालयों (आश्रम पद्धति विद्यालय) में प्रधानाचार्यों की नियुक्ति विभाग द्वारा की गई है। ये नियुक्ति यहां पढ़ाने वाले प्रवक्ताओं को प्रोन्नति देकर की गई है, ताकि विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर किया जा सके।आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित समाज के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण व आधुनिक शिक्षा देने के लिए प्रदेश भर में समाज कल्याण विभाग द्वारा 103 आश्रम पद्धति विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं।इनमें बच्चों को मुफ्त शिक्षा, आवास, भोजन, ड्रेस आदि दिए जाते हैं।

बीएड प्रवेश परीक्षा आज

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा प्रयागराज और प्रतापगढ़ के 43 केंद्रों पर रविवार को प्रवेश परीक्षा होगी। राज्य विश्वविद्यालय को नोडल केंद्र बनाया गया है। परीक्षा सुबह नौ से 12 बजे तक और दोपहर दो से पांच बजे तक दो पाली में होगी। परीक्षा के लिए प्रयागराज में राजकीय इंटर और एडेड व राजकीय डिग्री कालेज तथा एडेड महाविद्यालयों को केंद्र बनाया गया है। प्रयागराज में 36 केंद्रों पर 16,300 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं और प्रतापगढ़ के सात केंद्रों करीब 3,500 परीक्षार्थी बीएड की परीक्षा में शामिल होंगे।

परास्नातक में 53,530 हुए पंजीकरण

प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के परास्नातक पाठ्यक्रमों में शनिवार शाम पांच बजे तक तक 53,530 पंजीकरण हो चुके हैं और 31,847 ने फीस जमाकर अंतिम रूप से फार्म सब्मिट कर दिया है। आईपीएस के पीजी पाठ्यक्रमों में 2618 पंजीकरण और 563 ने फीस जमा की है। एलएलबी में 15,104 पंजीकरण और 10,054 ने फीस जमा की और पीजीएटी-1, पीजीएटी-2 में 35,055 पंजीकरण और 20,954 ने फीस जमा की है

पदोन्नति, तबादले के लिए धरना देंगे शिक्षक

प्रयागराज। राजकीय शिक्षकों की विभिन्न मांगों को लेकर राजकीय शिक्षक संघ पांडेय गुट की ओर से सोमवार से शिक्षा निदेशालय में क्रमिक धरना दिया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद पांडेय के अनुसार, प्रमुख मांगों में उत्तराखंड से आए सहायक अध्यापकों (एलटी), प्रवक्ताओं व अधीनस्थ राजपत्रित की वरिष्ठता 2000 से अद्यतन जारी की जाए। शिक्षकों की तत्काल पदोन्नति हो और आठ महत्वाकांक्षी जिलों के राजकीय शिक्षकों/ शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को स्थानान्तरण की सुविधा दी जाए। सरप्लस के नाम पर शिक्षकों का मानसिक उत्पीड़न बन्द हो।

पीसीएस मेंस में ईडब्ल्यूएस का था सर्वाधिक कटऑफ

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की ओर से आयोजित सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा (पीसीएस) 2023 की मुख्य परीक्षा में आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) अभ्यर्थियों का कटऑफ सबसे अधिक था। आयोग ने एक अभ्यर्थी को आरटीआई में 30 मई को श्रेणीवार कटऑफ अंक की सूचना दी है। जनसूचना अधिकारी दुर्गेश कुमार सिंह के अनुसार, पीसीएस-2023 की मुख्य परीक्षा में न्यूनतम 750 अंक पाने वाले ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था।वहीं, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में 738 या अधिक अंक पाने वाले अभ्यर्थी ही इंटरव्यू के लिए आमंत्रित किए गए थे। अनारक्षित वर्ग में न्यूनतम 734 अंक पाने वाले अभ्यर्थी साक्षात्कार में शामिल हुए। अनुसूचित जाति वर्ग में 703 या अधिक अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में शामिल होने का मौका मिला था। गौरतलब है कि आयोग ने 23 जनवरी को पीसीएस 2023 का अंतिम परिणाम घोषित किया था। इसमें 253 पदों के सापेक्ष 251 का चयन हुआ था। 14 मई 2023 को आयोजित प्रारंभिक परीक्षा में कुल पंजीकृत 5,65,459 अभ्यर्थियों में से 3,45,022 शामिल हुए थे।

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