ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के हाल बेहाल : ठेकेदारों ने दी आत्महत्या की चेतावनी, करोड़ों रुपए की पेमेंट रुकी
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Mohammad Siraj
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के हाल बेहाल : ठेकेदारों ने दी आत्महत्या की चेतावनी, करोड़ों रुपए की पेमेंट रुकी
ग्रेटर नोएडा : “ऊंची दुकान फीका पकवान” कहावत तो आपने सुनी ही होगी। यह कहावत ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर बिल्कुल सटीक साबित होती है। और क्यों ना हो, चाहे कितनी हाईटेक बिल्डिंग बना ली, लेकिन आज भी शहर की हालत ज्यादा बेकार होती जा रही है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने काफी ठेकेदारों को पैसे नहीं दिए हैं। करोड़ों रुपए ठेकेदारों के प्राधिकरण पर बकाया है। जिसकी वजह से अब ठेकेदारों ने आत्महत्या करने की चेतावनी दी है। ठेकेदारों का कहना है कि अगर बहुत जल्द ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से बकाया पेमेंट नहीं दी गई तो वह आत्महत्या के लिए मजबूर हो जाएंगे। इस समय हालात बेहद खराब है, लेकिन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बिल्कुल भी नहीं समझ रहा है।
ठेकेदारों का बुरा हाल हुआ
हंस कंट्रक्शन के अधिकारी ने बताया कि वह काफी सालों से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के क्षेत्र में विकास कार्य कर रहे हैं। जितनी बुरी हालत इस समय है, इससे पहले कभी नहीं हुई। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने विकास कार्य करवाने के बाद उनका बकाया पैसा नहीं दिया। अब ऐसे समय में वह क्या करें? ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण उनकी समस्या पर ध्यान देने के लिए तैयार नहीं है।
अधिकारी नहीं समझ रहे ठेकेदारों का दर्द
एक अन्य ठेकेदार ने कहा कि दिवाली के मौके पर सभी मजदूर अपने गांव चले जाते हैं। मजदूरों को पैसे देने पड़ते हैं, लेकिन जब ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने ही विकास कार्य करवाने के बाद पेमेंट नहीं दिया तो वह मजदूरों को कैसे दें? उनके सामने बड़ी समस्या पैदा हो गई है। काम करने वाले मजदूर उनसे पैसे मांग रहे हैं, लेकिन उनके पास एक फूटी कौड़ी तक नहीं है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी ठेकेदारों का दर्द नहीं समझ रहे हैं।
हम कैसे देंगे मजदूरों को पैसा
दूसरे ठेकेदार का कहना है कि अगर समय रहते ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने पैसा नहीं दिया तो वह अपने परिवार के साथ आत्महत्या के लिए मजबूर हो जाएंगे। शहर में विकास कार्य करवाते समय काफी मोटा कर्ज उनके सर पर चढ़ जाता है। अगर प्राधिकरण पैसा नहीं देगा तो काम चलेगा और सभी मजदूरों को भी पैसा दिया जाएगा, लेकिन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पेमेंट देने के लिए तैयार तक नहीं है। ऐसे समय पर उनके ऊपर विपरीत आर्थिक स्थिति मंडरा रही है।
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