केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने कहा है कि लोग भारतीय रिजर्व बैंक (RBI-आरबीआई) के द्वारा 5 मई 2021 को जारी दिशानिर्देशों के मुताबिक पुनर्गठन के लिए पात्र हैं। और जिन्होंने 4 साल के लिए ईसीएलजीएस 1.0 (ECLGS 1.0) के तहत ऋण लिया था, जिसमें केवल पहले 1 साल (12 महीनों) के लिए ब्याज (Interest) चुकाने के साथ कुल 3 साल (36 महीनों) में मूलधन और ब्याज (Principal and interest) चुकाना था। अब वे 4 के बजाय 5 साल में लोन (Loan) चुका सकते हैं। अर्थात उन्हें अब दो (24 महीने- 12 Month) के लिए ब्याज देना होगा और मूलधन और ब्याज को कुल 3 साल (Three Year) में अदा करना होगा।
केंद्र सरकार (Central Government) ने नागरिक उड्डयन सेक्टर (civil aviation sector) को ईसीएलजीएस 3.0 के तहत ला दिया है। साथ ही ईसीएलजीएस 3.0 के तहत लोन आउटस्टैंडिंग की पांच सौ करोड़ रुपये की मौजूदा सीमा भी हटा दी गई है। केंद्र की मोदी सरकार ने ईसीएलजीएस की वैधता भी बढ़ाकर इस साल सितंबर कर दी है। यह स्कीम दिसंबर तक वैध रहेगी, जब तक कि 3 लाख रुपये के लोन पर गारंटी और उसका डिस्बर्समेंट नहीं हो जाता। जानकारी के लिए आपको बता दें कि शुरुआत में यह स्कीम अक्टूबर 2020 तक वैध थी। जिसे बाद में बढ़ाकर नवंबर अंत तक कर दिया गया था।






