यूपी के चार शहरों में रात्रि कर्फ्यू के एलान के बाद होटल इंडस्ट्री सहम गयी है, क्योकि सहालग को लेकर जो बुकिंग हुए थे वो उसके कैंसिल होने का सिलसिला शुरू हो गया है
Jay Hemrajani, Hotel Industry Kanpur
कानपुर, 08 अप्रैल 2021. देश में तेजी से कोरोना वायरस के बढ़ते मामले को देखते हुए होटल इंडस्ट्री एकबार फिर सहम गयी है. पिछले साल मार्च 20 से अक्टूबर 20 तक लगातार सात महीने तक बंद रही होटल इंडस्ट्री बामुश्किल अभी सँभालने की कोशिश कर रही थी कि कोविड19 कोरोना वायरस के दूसरी लहर की वजह से यूपी के चार शहरों में रात्रि कर्फ्यू के एलान के बाद होटल इंडस्ट्री सहम गयी है, क्योकि सहालग को लेकर जो बुकिंग हुए थे वो उसके कैंसिल होने का सिलसिला शुरू हो गया है।
पिछले करीब तीस साल से होस्टल इंडस्ट्री का कारोबार कर रहे जय हेमराजानी ने thesochtime से बात करते हुए कहा कि कोरोना वायरस की वजह से होटल इंडस्ट्री पूरी तरह से तबाह हो चुका है. पिछले साल मार्च-20 में देश भर में लागू हुए लॉक डाउन के करीब सात महीने बाद इस इंडस्ट्री को थोड़ी राहत मिली थी, मगर लोगो का आवागमन ना के बराबर होने और अन्य गतिविधिया बंद होने की वजह से ये इंडस्ट्री अभी पूरी तरह से नहीं उबार भी नहीं पायी थी कि कोरोना की दूसरी के बढ़ते प्रकोप के बाद रात्रि कर्फ्यू लगाए जाने से अब सहालग की बुकिंग कैंसिल होनी शुरू हो चुकी है.
Hotel galery
हेमराजानी ने बताया कि होटल इंडस्ट्री को उबरने में अभी कितने साल और लगेंगे ये कहना मुश्किल है मगर अगले 5 साल तक इस इंडस्ट्री को पटरी पर आने में लग जायेंगे. इनके मुताबिक़ होटलों में होने वाले सेमीनार, छोटे मोटे पार्टी, फंक्शन सभी बंद है, और इनकी जगह बेबिनार और ऑनलाइन प्लेटफोर्म ने ले लिया है, साथ ही टूरिस्टों का आवागमन भी फिलहाल पूरी तरह से बंद है, ऐसे में अब इस इंडस्ट्री को चलाना भी मुश्किल होता जा रहा है.
Jay Hemrajani, Kanpur
इन्होने बताया कि शहर के गोविन्द नगर इलाके में इनके तीन होटल है, जिसमे दो सामान्य होटल है जबकि एक लग्जरी होटल है. मगर आज की तारिक में तीनों होटल बंद चल रहे है. इनके अनुसार होटल भले ही बंद हो मगर उसके मेंटेनेंस और स्टाफ का खर्च उनका उसी रफ़्तार से हो आरहा है. इसके अलावा हाउस टैक्स भी सरकार को बराबर देना पड़ रहा है. इन्होने बताया कि बजट के दौरान होटल इंडस्ट्री एसोसियेशन ने सरकार के सामने तीन मांगे रही थी ताकि इस इंडस्ट्री को थोड़ी राहत मिले मगर सरकार ने भी इनके मांगों को अनदेखी कर दिया. उन मांगों को देखे तो…
Hotel
1. किसानों के तर्ज पर इस इंडस्ट्री के लिए बैक से लिए गए लोन पर लगने वाले ब्याज को सरकार आधा करे
2. कम से कम तीन साल तक हाउस टैक्स में छूट मिलनी चाहिए।
3.देश में आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या के आधार पर कमर्शियल टैक्स में छूट दे सरकार
Hotel room
जय हेमराजानी ने बताया कि इस शहर में छोटे बड़े मिलाकर करीब 150 से ज्यादा होटल है, साथ ही इस इंडस्ट्री से प्रत्यक्ष और अप्रत्य्क्ष रूप से करीब 20 हज़ार से ज्यादा लोग जुड़े हुए है. ऐसे में अगर शहर के होटल बंद होते है तो इससे जुड़े सभी कर्मचारियों के सामने भूखे मरने के नौबत आ जायेंगे. क्योकि इस कोरोना काल में किसी को नौकरी या काम नहीं मिल रहा बल्कि लोग तेजी से बेरोजगार भी हो रहे है. वहीँ उन्होंने बताया कि सहालग को लेकर इनके होटल में जो बुकिंग हुए थे वो भी पार्टियाँ अब कैंसिल करवानी शुरू कर दी है. रात्रि कर्फ्यू एलान होते ही करीब 5 बुकिंग कैंसिल हो गयी, आगे अनिश्चितता बनी हुई है।
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