
वृंदावन/गोवर्धन।
राधाष्टमी के पावन अवसर पर सम्पूर्ण ब्रजभूमि ‘राधे-राधे’ के उद्घोषों से गूंज उठी। इसी दिव्य दिन, राधा कुंड (गोवर्धन) से बाल कथावाचक अभिनव अरोड़ा ने अपना नया भजन वीडियो ‘श्री राधा कृपा कटाक्ष’ प्रकाशित किया, जिसने भक्तजनों को भक्ति और भाव की अद्भुत धारा में डुबो दिया।भजन का विमोचन ऐसे समय हुआ जब वृंदावन, बरसाना, गोवर्धन और नंदगांव में राधाष्टमी महोत्सव अपने शिखर पर था। इस अवसर पर परम पूज्य प्रेमानंद जी महाराज हजारों शिष्यों सहित बरसाना पधारे। महाराज के दिव्य दर्शन और भक्तों की विशाल उपस्थिति के बीच अभिनव अरोड़ा का यह भजन मानो सम्पूर्ण सभा में राधारानी की कृपा का प्रसार कर गया।
राधा कृपा कटाक्ष : करुणा से भरी दया-दृष्टि
कटाक्ष का अर्थ केवल दृष्टि नहीं, बल्कि करुणा और अनुग्रह से भरी कृपा-दृष्टि है। शास्त्रों में वर्णन है कि जब राधारानी अपनी कृपा दृष्टि किसी साधक पर डाल देती हैं, तो उसका जीवन आलोकित हो जाता है और वह कृष्णप्रेम की सर्वोच्च अनुभूति प्राप्त करता है।गौड़ीय वैष्णव आचार्यों का मानना है कि कृष्ण तक पहुँचने का सहज मार्ग राधारानी की शरण में है। यही कारण है कि भक्त बार-बार प्रार्थना करते हैं –“करुणामयी श्री राधे, हम पर अपनी कृपा दृष्टि बरसाओ।”
भजन की प्रस्तुति और वातावरण
यह वीडियो वृंदावन की पावन भूमि पर रचा गया है। मधुर संगीत, सरल शब्द और गहन भावों का ऐसा संगम है जो आत्मा को भीतर से झकझोर देता है।भजन को यूट्यूब, स्पोटिफाई, हंगामा, इंस्टाग्राम सहित अनेक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जारी किया गया है, जहाँ इसे भक्तों का भरपूर स्नेह और सराहना मिल रही है।
भक्त समुदाय की प्रतिक्रिया
भजन के प्रकाशन के साथ ही वृंदावन-मथुरा क्षेत्र में विशेष उत्साह देखने को मिला। सोशल मीडिया पर इसे ‘राधाष्टमी पर राधारानी की कृपा का जीवंत अनुभव’ कहा जा रहा है।
अभिनव अरोड़ा की विशेषता
अभिनव अरोड़ा केवल आठ साल की आयु में “राधा कृपा कटाक्ष” का अध्ययन और आत्मसात करने वाले अभिनव अरोड़ा “बाल संत” के रूप में विख्यात हैं। उनकी भक्ति और सरल प्रस्तुति बच्चों से लेकर वृद्धों तक हर वर्ग को प्रभावित करती है।उन्होंने देशभर में कई मंचों पर श्रीमद्भागवत कथा, श्रीकृष्ण लीला और रामकथा का वाचन किया है। उनका उद्देश्य केवल धार्मिक शिक्षा तक सीमित नहीं, बल्कि नई पीढ़ी को संस्कार और संस्कृति से जोड़ना है।