लखनऊ: ब्लड की तस्करी करने वाले सात तस्करों को एसटीएफ ने किया गिरफ्तार।
एसटीएफ ने दो ब्लड बैंकों मे छापामारी कर किया खुलासा।
दैनिक चर्चा: उत्तर प्रदेश एसटीएफ और एफएसडीए ने गुरुवार दोपहर संयुक्त छापेमारी करते हुए लखनऊ के ठाकुरगंज के मिड लाइफ चैरिटेबल ब्लड बैंक और कृष्णा नगर स्थित नारायणी ब्लड बैंक में खून तस्करी को पकड़ा। रास्थान से तस्करी कर लाया गया खून राजधानी समेत आस पास के जनपदों में बेचा जा रहा था। यहां मिले ब्लड बैग पर न तो एक्सपायरी डेट लिखी थी न ही उन पर डोनर व कलेक्शन करने वाले का नाम था। खून को सुरक्षित रखने के लिये पर्याप्त तापमान भी नहीं था। यह हाल देख एसटीएफ ने मिड लाइफ ब्लड बैंक के मालिक मो०अम्मार व नारायणी ब्लड बैंक के मालिक अजीत दुबे समेत सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार लोगों में दो तस्कर तीन लैब टेक्नीशियन हैं। इन लोगों के पास 302 यूनिट खून बरामद हुआ है।
एसटीएफ की छापेमारी से ब्लड बैंक मे मचा हड़कम्प।
डिप्टी एसपी प्रमेश कुमार शुक्ला के मुताबिक एसटीएफ टीम को सूत्रों से सूचना मिली की दूसरे प्रदेशों से बड़े पैमाने पर तस्करी कर लाया खून फर्जी दस्तावेजों के जरिये लखनऊ व आस पास के जिलों में ब्लड बैंकों और अस्पताल में सप्लाई किया जा रहा है।
एसटीएफ के मुताबिक मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ टीम को जानकारी हुई कि 29 जून की रात काफी मात्रा में राजस्थान से तस्करी कर लाये गये ब्लड बैग को ब्लड बैंकों के अलावा कई अस्पताल में उतारा जायेगा। एसटीएफ और एफएसडीए टीम जैसे ही दोपहर में इन ब्लड बैंकों में पहुंची तो वहां हड़कम्प मच गया। हालांकि एसटीएफ पहले पहुंच कर वहां तस्करों के आने का इंतजार करने लगी। इसी दौरान एक स्विफ्ट कार वहां आकर रुकी। उससे दो लोग उतरे और कार से दो बॉक्स लेकर अंदर जाने लगे। इसी दौरान एसटीएफ ने दोनों को पकड़ लिया। बॉक्स में ब्लड बैग मिले। इस कार्रवाई से वहां हड़कम्प मच गया।
ब्लड बैग पर न डोनर का नाम न कलेक्शन करने वाले का नाम।
एसटीएफ के डिप्टी एसपी प्रमेश कुमार शुक्ला के मुताबिक ब्लड बैंक के अंदर लाये गये गत्तों की जब तलाशी ली गई तो उसमें ब्लड बैग भरे मिले। इन पर मित्रा कम्पनी का स्टिकर लगा था। पर, इन पर डोनर व कलेक्शन करने वाले का नाम नहीं था। इन बैग पर एक्सपायरी डेट तक नहीं लिखी थी। ब्लड बैग में गत्ते में गलत तरीके से ठूंसे हुये थे। खून को सुरक्षित रखने के लिये आवश्यक तापमान भी नहीं रखा गया था। किसी भी ब्लड बैग में सम्बन्धित बैंक या अस्पताल का नाम नहीं लिखा था। इससे ही साफ था कि तस्करी कर खून लाया गया है।
पूछताछ मे तस्करों ने किया चौकाने वाला खुलासा।
कार से खून लेकर आये नौशाद और असद को एसटीएफ ने सबसे पहले पकड़ा था। इसके बाद ही कई खुलासे हुये। कार सवार नौशाद और असद ने एसटीएफ को बताया कि ये ब्लड बैग ठाकुरगंज और कृष्णानगर के ब्लड बैंकों में सप्लाई करना था। यहां से पहले वह दो डिब्बे ब्लड बैग नारायणी ब्लड बैंक में देकर आये हैं। इसके बाद ही एक टीम नारायणी ब्लड बैंक भेज दी गई थी। वहां भी इसी तरह की अनियमिततायें मिली थी। यहां मालिक अजीत दुबे और टेक्नीशियन संदीप कुमार को हिरासत में ले लिया था। कानपुर, हरदोई, बहराइच, उन्नाव के ब्लड बैंकों में भी सप्लाई तस्कर नौशाद ने कुबूला कि लखनऊ के इन दोनों ब्लड बैंकों के अलावा उसने बर्लिंगटन चौराहा पर स्थित लखनऊ चैरिटेबल ब्लड बैंक, कृष्णानगर के मानव ब्लड बैंक में भी ब्लड बैग कई बार सप्लाई किये हैं। इसके अलावा हरदोई के संडीला में यूनिवर्सल ब्लड बैंक, फतेहपुर के आभा ब्लड बैंक, कानपुर के अंजली ब्लड बैंक, बहराइच के हसन ब्लड सेन्टर और उन्नाव के सिटी चैरेटेबिल ब्ल्ड बैंक में इसी तरह सप्लाई दे चुका है।
एसटीएफ के मुताबिक कृष्णानगर स्थित मानव ब्लड बैंक में कई बार सप्लाई किया। यह ब्लड बैंक डॉ.पकंज त्रिपाठी चलाते हैं। डॉ. पकंज मिडल लाइफ ब्लड बैंक में मेडिकल आफीसर भी है। वहीं संदीप सिंह नारायणी ब्लड बैंक के अलावा इस ब्लड बैंक में भी टेक्नीशियन का काम पार्ट टाइम करता है। संदीप ने तस्कर को ब्लड बैग लाने को कहा था।
गिरफ्तार किए गए तस्वीरों का नाम व पता
मिडलाइफ ब्लड बैंक का मालिक बाजारखाला निवासी मो०अम्मार
मिडलाइफ के टेक्नीशियन फैजुल्लागंज निवासी करन मिश्र मिडलाइफ का कर्मचारी फतेहपुर चौरासी, उन्नाव निवासी रोहित नारायणी ब्लड बैंक का मालिक इन्द्रलोक कालोनी, कृष्णानगर निवासी अजीत दुबे,नारायणी ब्लड बैंक का टेक्नीशियन कल्याणपुर निवासी संदीप कुमार नारायणी ब्लड बैंक का टेक्नीशियन कल्याणपुर निवासी संदीप कुमार तस्कर तोप दरवाजा चौक निवासी असद तस्कर रामकोला, कुशीनगर निवासी नौशाद अहमद।
पकड़े गए खछन के तस्करों कज खिलाफ अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है।