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UP विधानसभा चुनाव 2022:बेटे को मंत्री न बनाए जाने से नाराज संजय निषाद बोले- अगर अनुप्रिया पटेल को कैबिनेट में जगह मिल सकती है तो प्रवीण निषाद को क्यों नहीं

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UP विधानसभा चुनाव 2022:बेटे को मंत्री न बनाए जाने से नाराज संजय निषाद बोले- अगर अनुप्रिया पटेल को कैबिनेट में जगह मिल सकती है तो प्रवीण निषाद को क्यों नहीं

निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद की फोटो। - Dainik Bhaskar
निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद की फोटो।

निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने मोदी कैबिनेट में बेटे प्रवीण निषाद को जगह न दिए जाने पर नाराजगी जताई है। संजय ने कहा कि अगर अनुप्रिया पटेल को कैबिनेट में जगह मिल सकती है तो प्रवीण निषाद को क्यों नहीं मिल सकती है।

उन्होंने ये भी कहा कि भाजपा अगर ऐसे ही निषाद समाज की उपेक्षा करती रही तो आने वाले समय में उसे बड़ा अंजाम भुगतना पड़ेगा।

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गोरखपुर में प्रवीण निषाद ने दर्ज की थी जीत
संजय निषाद ने गुरुवार को कहा कि, 2018 के उपचुनाव में गोरखपुर के संसदीय क्षेत्र में सीएम योगी आदित्यनाथ के उम्मीदवार को प्रवीण निषाद ने हराया था। 2019 में जब भाजपा के साथ आए तो लोकसभा की 40 सीटें बीजेपी को जिताने में निषाद समुदाय के लोगों ने मदद की। यूपी के विधानसभा चुनाव में 160 सीटों पर निषाद बाहुल्य वोटरों का प्रभाव है। भाजपा अगर नहीं सुधरी तो 2022 में उसे अंजाम भुगतना पड़ेगा।

प्रवीण की लोकप्रियता को देखते हुए मंत्रिमंडल में जगह मिलनी चाहिए थी
उन्होंने कहा कि संत कबीर नगर से सांसद प्रवीण निषाद हमारे पुत्र जरूर हैं लेकिन वह भाजपा के सांसद भी हैं। प्रवीण निषाद की लोकप्रियता को देखते हुए उनको केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह जरूर मिलनी चाहिए थी।

संजय निषाद ने अनुप्रिया पटेल के मंत्री बनने पर कसा तंज
संजय निषाद ने अनुप्रिया पटेल के मंत्री बनने के पर तंज कसते हुए कहा कि, अगर कुछ सीटों पर प्रभाव रखने वाली अपना दल की अनुप्रिया पटेल को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती थी तो हमारी 160 सीटों पर प्रभाव रखने वाले निषाद समाज के बेटे को जगह क्यों नहीं दी गई? उन्होंने ये भी कहा कि कि भाजपा से निषाद समाज कटा-कटा नजर आ रहा है। अगर भाजपा ने अपनी गलती नहीं सुधारी तो इसकी कीमत 2022 की विधानसभा में चुकानी पड़ सकती है।

निषादों की अनदेखी हुई तो साथ रहना मुश्किल होगा
संजय निषाद ने कहा कि अभी तो हम भाजपा के साथ हैं लेकिन निषादों की अनदेखी भाजपा अगर ऐसे ही करती रही तो उसके साथ आगे रहना मुश्किल होगा। आने वाले समय में हमें अपनी नई रणनीति तैयार करके विचार करना होगा। निषाद पार्टी के अध्यक्ष ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश के 144 से अधिक विधानसभा की सीटों पर निषाद व उनकी अन्य उपजातियों का दबदबा है। यही जाति भाजपा को विजय दिलाती हैं।

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