लखनऊ। केजीएमयू का पोस्टमार्टम हाउस सिर्फ एक डॉक्टर के भरोसे
एक डॉक्टर की वजह से,मुर्दाघर में नहीं हो पा रहा शवों का समय से परीक्षण।
शव परीक्षण में देरी के कारण,कई डेड बॉडी पड़ी है लंबित।
पोस्टमार्टम हाउस के प्रभारी पीएस पवार और अन्य कर्मचारियों के कोविड संक्रमित होने के उपरांत,दो डाक्टरों समेत कुल 4 टीमों को पोस्टमार्टम हाउस का सौंपा गया था जिम्मा।
दो डॉक्टरों की तैनाती में से सिर्फ,श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल से एक डॉक्टर ही आ रहे हैं पोस्टमार्टम करने वो भी आते हैं विलंब से।
दोपहर 12 बजे या उसके बाद आते हैं,सिर्फ एक डॉक्टर मुर्दा घर में।देरी से आने की वजह से शव हो रहे पेंडिंग में और शव परीक्षण में हो रही है देरी।परिजनों को करना पड़ रहा है परेशानियों का सामना औऱ लंबा इंतजार।
लखनऊ सीएमओ से शिकायत के बाद भी मुर्दाघर पर आ रहे हैं,सिर्फ एक डॉक्टर।सीएमओ के सुस्त होने की वजह से एक ही एक डॉक्टर आ रहा है पोस्टमार्टम हाउस में,जबकि दो डॉक्टरों की की गई है,मुर्दाघर में तैनाती।आखिर सीएमओ क्यों नहीं लेते हैं सुध।
वहीँ केजीएमयू प्रशासन की तरफ से मुर्दाघर में मदद के लिए तैनात किए गए फार्मासिस्ट की भी नहीं हो पा रही है तैनाती क्योंकि यह फार्मासिस्ट केजीएमयू के जिन विभागों में हैं कार्यरत,उनके विभागाध्यक्ष नहीं भेज रहे हैं उन कर्मचारियों को पीएम हाउस।