
हाल ही में संसद में पारित VB-G RAM G (विकसित भारत – गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन ग्रामीण) विधेयक ने ग्रामीण भारत की सबसे बड़ी रोजगार योजना मनरेगा (MGNREGA) को पूरी तरह बदल दिया है। इसका नया नाम ‘जी राम जी’ है, जो विकसित भारत 2047 के लक्ष्यों के अनुरूप ग्रामीण विकास को नई दिशा देगा।
मुख्य बदलाव क्या हैं?
रोजगार की गारंटी बढ़ी: पहले मनरेगा में हर ग्रामीण परिवार को साल में 100 दिन का गारंटीड रोजगार मिलता था। अब 125 दिन का होगा। इससे ग्रामीण परिवारों की आय में स्थिरता आएगी और गांव की अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिलेगी।
काम के क्षेत्र: रोजगार अब चार प्राथमिक क्षेत्रों पर केंद्रित होगा — जल सुरक्षा, ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर, आजीविका और पर्यावरण। इससे टिकाऊ संपत्तियां बनेगी, जैसे जल संरक्षण, सड़कें, बाजार और मिट्टी-जल संरक्षण।
खेती के मौसम में ब्रेक: बुआई और कटाई के पीक सीजन में 60 दिन तक काम रोका जा सकता है, ताकि मजदूर खेतों में उपलब्ध रहें। इससे किसानों को फायदा होगा।
फंडिंग पैटर्न: पहले केंद्र 100% मजदूरी देता था। अब 60:40 अनुपात में केंद्र-राज्य साझेदारी होगी (कुछ राज्यों में 90:10)। इससे राज्यों की जिम्मेदारी बढ़ेगी।
भुगतान और पारदर्शिता: मजदूरी साप्ताहिक या 15 दिनों में मिलेगी। डिजिटल निगरानी से फर्जीवाड़ा रुकेगा।
इससे देश को कैसे मिलेगी रफ्तार?
ग्रामीण क्षेत्रों में 125 दिन का रोजगार मिलने से परिवारों की आय बढ़ेगी, खर्च बढ़ेगा और उपभोग बढ़ेगा। इससे गांव की अर्थव्यवस्था तेज होगी। साथ ही, जल सुरक्षा और इंफ्रा पर फोकस से खेती बेहतर होगी, बेरोजगारी कम होगी और विकसित भारत 2047 का लक्ष्य करीब आएगा।
विपक्ष का विरोध
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इसे महात्मा गांधी के नाम को हटाने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि 125 दिन की गारंटी कागजी है, क्योंकि फंडिंग राज्यों पर डाली गई है और पहले भी 100 दिन पूरे नहीं होते थे।
कुल मिलाकर, ‘जी राम जी’ योजना ग्रामीण भारत को नई ऊर्जा देगी, लेकिन सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि राज्यों की भागीदारी और क्रियान्वयन कितना मजबूत होता है। यह एक बड़ा कदम है, जो ग्रामीण भारत को रफ्तार दे सकता है!







