19/10/2023

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नवरात्रि का पांचवा दिन : आज करें मां स्कंदमाता की पूजा, जानिए माता को प्रसन्न करने की पूजन विधि, मंत्र और उपाय 

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नवरात्रि का पांचवा दिन : आज करें मां स्कंदमाता की पूजा, जानिए माता को प्रसन्न करने की पूजन विधि, मंत्र और उपाय

ग्रेटर नोएडा : शारदीय नवरात्रि की शुरुआत रविवार 15 अक्टूबर से हो चुकी है। नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। आज नवरात्रि का पांचवा दिन है। आज के दिन मां स्कंदमाता की पूजा होती है। नवरात्रि के पांचवे दिन की स्वरूप स्कंदमाता की पूजा व्यक्ति को अच्छी सेहत प्रदान करता है।

मां दुर्गा का पांचवा स्वरूप

नवरात्रि के पांचवें दिन की स्वरूप मां स्कंदमाता के पास चार भुजाएं हैं। स्कंद मतलब भगवान कार्तिकेय है। इसलिए इनके नाम का मतलब स्कंद की माता है। मां स्कंदमाता का रूप बड़ा मनमोहक है। देवी के दो हाथों में कमल, एक हाथ में कार्तिकेय और एक हाथ से अभय मुद्रा सुशोभित हैं। नवरात्रि के पांचवें दिन अपने घर के पास किसी भी शक्ति पीठ या देवी मंदिर में जाकर शुद्ध घी का दीपक जलाकर देवी भगवती के 32 नामों के नामवली का कम से कम 32 बार पाठ करें। इस महा उपाय को करने से अच्छे भाग्य की प्राप्ति होती है। इस उपाय से देवी का आशीर्वाद मिलता और शीघ्र संतान प्राप्ति के योग बनने लगते हैं।

स्कंदमाता की पूजा विधि

नवरात्रि के पांचवे दिन सुबह स्नान आदि के पश्चात मां के इस स्वरूप की पूजा से भक्तों को सुख और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। कमल पर विराजमान होने के कारण स्कंदमाता को पद्मासना भी कहा जाता है। यह देवी ममता की प्रतीक हैं। माना जाता है कि स्कंदमाता की उपासना से महिलाओं की सूनी गोद भी भर जाती है। स्कंदमाता की पूजा में उनके मंत्रों और महाउपायों से विशेश लाभ मिलता है।

स्कंदमाता का मंत्र

ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः॥

प्रार्थना मंत्र

सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चित करद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥

स्तुति

या देवी सर्वभू‍तेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

इस मंत्र का उच्चारण करने से माता प्रसन्न होती हैं और माता की कृपा हमेशा बनी रहती है। नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमता की उपासना कर इस मंत्र के उच्चारण से माता की दया-दृष्टि और उनका आशीर्वाद हमेशा बना रहता है। मनचाहा वरदान मिलता है और परिवार पर भी माता की कृपा बनी रहती है। सुख समृद्धि और संपत्ति बनी रहती है।

नवरात्रि में पंचामृत का महत्व

नवरात्रि के 9 दिन के पूजन के दौरान माता की पूजा के लिए चीनी, शहद, दही, घी और गाय के दूध से बने खाद्य पदार्थों का एक पारंपरिक मिश्रण बनाया जाता है। यह आमतौर पर पूजा में प्रसाद के रूप में परोसा जाता है। इसे 5 पदार्थों के मिश्रण से बनाया जाता है, इसीलिए इसे पंचामृत कहते हैं। नवरात्रि के 9 दिन पूजा के दौरान पंचामृत का उपयोग बहुत ही लाभदायक साबित हो सकता है।

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