योगी मंत्रिमंडल का मुस्लिम चेहरा दानिश आजाद अंसारी, कैसे बन गए योगी के खास
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Mohammad Siraj
योगी मंत्रिमंडल का मुस्लिम चेहरा दानिश आजाद अंसारी, कैसे बन गए योगी के खास
दानिश आजाद को बिना विधानसभा का सदस्य बने ही मंत्री बनाया गया है. अब उन्हें मंत्री पद पर बने रहने के लिए अगले 6 महीने के अंदर यूपी के किसी विधानसभा क्षेत्र से एमएलए या एमएलसी चुनकर आना होगा
राजनीतिक सफर की शुरुआत
दानिश आजाद अंसारी (Danish Azad Ansari) बलिया जिले के बसंतपुर के निवासी है. दानिश ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से छात्र नेता के रूप में राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी. 32 साल की उम्र में मंत्री बनने वाले दानिश ने 2006 में लखनऊ विवि से बीकॉम की डिग्री लेने के बाद मास्टर ऑफ क्वालिटी मैनेजमेंट और उसके बाद मास्टर ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री हासिल की है. वह भाजपा के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) में कई पदों पर रहे. उन्हें सीएम योगी (CM Yogi) का भी करीबी माना जाता है. वह यूपी सरकार के फखरुद्दीन अली मेमोरियल समिति के सदस्य भी रहे हैं. इसके अलावा राज्य भाषा समिति के भी सदस्य हैं.
चुनाव से पहले दी गई थी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
2021 में दानिश को भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महामंत्री का पद सौंपा. इसके बाद उन्होंने मुस्लिम समुदाय को भाजपा से जोड़ने का काम किया. जिसका ईनाम दानिश को मंत्री पद के रुप में मिला. पिछली सरकार में मोहसिन रजा (Mohasin Raza) योगी सरकार में मुस्लिम समुदाय का चेहरा थे. उनके बयान भी अक्सर चर्चा में रहा करते थे. लेकिन इस बार योगी सरकार ने दानिश को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है.
6 महीने के अंदर बनना होगा विधानसभा का सदस्य
2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने किसी भी मुस्लिम को प्रत्याशी नहीं बनाया. अब दानिश आजाद (Danish Azad Ansari) को बिना विधानसभा का सदस्य बने ही मंत्री बनाया गया है. अब उन्हें मंत्री पद पर बने रहने के लिए अगले 6 महीने के अंदर यूपी के किसी विधानसभा क्षेत्र से एमएलए या एमएलसी चुनकर आना होगा।
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