10/01/2022

अवध सूत्र

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सपा बसपा का भंग नहीं हो रहा मुस्लिम प्रेम, एक और कद्दावर मुस्लिम नेता ने थामा सपा का दामन तो दूसरे ने ज्वाइन की बसपा

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सपा बसपा का भंग नहीं हो रहा मुस्लिम प्रेम, एक और कद्दावर मुस्लिम नेता ने थामा सपा का दामन तो दूसरे ने ज्वाइन की बसपा

लखनऊ: चुनाव आयोग द्वारा उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) की तिथियों को घोषित करने के बाद प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गयी है. राजनीतिक पार्टियों के साथ सूबे के नेताओं ने भी अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं. सत्तारूढ़ भाजपा के साथ ही मुख्य विपक्षी सपा अपने-अपने जीत का दावा कर रहे हैं. लेकिन दोनों दलों के नेता एक दूसरे दल में अपना सुरक्षित ढौर तलाशने में लगे हैं. सपा के नेता भाजपा में जा रहे हैं तो भाजपा के नेता सपा में जा रहे हैं. बहुजन समाज पार्टी के नेता भी सपा-भाजपा की तरफ रूख कर रहे हैं. लेकिन ऐसे नेताओं के आने-जाने से किसी दल का कोई बहुत राजनीतिक नुसान नहीं होने जा रहा है.चुनाव तिथियों की घोषणा के बाद राजनीतिक दलों की नजर पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर लगी है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में राजनीतिक रसूख वाले काजी रशीद मसूद परिवार में सुरक्षित सियासी घरौंदे की तलाश चल रही है. जिसके चलते मसूद फैमिली में दो भाइयों की राहें जुदा हो गई हैं. सोमवार को पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव इमरान मसूद ने कांग्रेस छोड़ कर समाजवादी पर्टी में शामिल होने का ऐलान कर दिया वहीं उनके भाई दो बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुके और नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन नोमान मसूद ने राष्ट्रीय लोकदल को छोड़कर बसपा में शामिल होने की घोषणा कर दी.दरअसल, विधानसभा चुनाव के ऐलान के साथ नेताओं की दलीय निष्ठाएं बदलने लगी हैं।

सहारनपुर के सियासी योद्धा पूर्व केंद्रीय मंत्री और नौ बार के सांसद काजी रशीद मसूद के भतीजे इमरान मसूद ने कांग्रेस को झटका देकर सपा में शामिल होने की कई दिन से चर्चा थी. सोमवार को खुद इमरान एसपी में जाने की घोषणा कर दी. इस बीच इमरान मसूद के ही जुड़वा भाई नोमान मसूद ने रालोद (राष्ट्रीय लोकदल) को छोड़कर बीएसपी के हाथी की सवारी करने का ऐलान कर दिया.नोमान मसूद अपने कार्यकर्ताओं के साथ बीएसपी के वेस्ट यूपी प्रभारी शमसुद्दीन राइन के आवास गाजियाबाद में पार्टी में शामिल हुए. नोमान कुछ दिन पहले ही कांग्रेस छोड़कर आरएलडी में शामिल हुए थे. नोमान मसूद दो बार गंगोह विधानसभा सीट से चुनाव लड़े, मगर हारे. अब उनकी गंगोह से बीएसपी से चुनाव लड़ना तय माना जा रहा हैं।

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