UP: अफसरों-कर्मचारियों को अब हर महीने देनी होगी परीक्षा, नंबर कम आए तो होगी कार्रवाई
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Mohammad Siraj
मासिक मूल्यांकन रिपोर्ट के आधार पर ही अच्छा प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया जाएगा जबकि खराब प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ कार्यवाही होगी
अब डीएम से लेकर एसपी और तहसीलदार, प्रोफेसर, लेक्चरर, सिपाही तक की हर महीने परीक्षा ली जाएगी. दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार जनसमस्याओं की सुनवाई और शिकायतों/समस्याओं के निस्तारण की व्यवस्था बदलने जा रही है. इसी के तहत पुलिस-प्रशासन, नगर निगम, विकास प्राधिकरण और विश्वविद्यालयों का मासिक मूल्यांकन होगा. सभी को नंबर मिलेंगे और मार्कशीट दी जाएगी. मासिक मूल्यांकन रिपोर्ट के आधार पर ही अच्छा प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया जाएगा जबकि खराब प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ कार्यवाही होगी।
मुख्य सचिव आरके तिवारी के मुताबिक मूल्यांकन की व्यवस्था पहले से है लेकिन अब नई व्यवस्था लागू की जा रही है जिसमें हर महीने अधिकारियों और कर्मचारियों के काम का मूल्यांकन किया जाएगा. इससे शिकायतों के निस्तारण में तत्परता सुनिश्चित होगी. मूल्यांकन में निस्तारण की गुणवत्ता को आधार मानकर अधिकारियों को नंबर दिए जाएंगे।
नई व्यवस्था शासन, जोन, मंडल, विकास प्राधिकरण, नगर निगम, विश्वविद्यालय, जिला, तहसील व थाना स्तर पर कार्यालय अध्यक्षों के मासिक मूल्यांकन के लिए लागू की जा रही है. मंडलायुक्त व जिलाधिकारी अपने मंडल और जिले के समस्त कार्यालयों में इस व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए जिम्मेदार होंगे. शासन ने तय किया है कि रैंडम आधार पर शिकायतों का श्रेणीकरण कर निस्तारण की गुणवत्ता जांची जाएगी. श्रेणीकरण में मुख्यमंत्री को दिए जाने वाले शिकायतीपत्रों, मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर भेजी जाने वाली शिकायतों, केंद्र सरकार के ऑनलाइन पीजी पोर्टल, डीएम, एसएसपी, एसपी व संपूर्ण समाधान दिवस से संबंधित संदर्भों को लिया जाएगा. अधिकारी निस्तारण आख्या को उत्कृष्ट यानी ए श्रेणी, सामान्य यानी बी श्रेणी व खराब यानी सी श्रेणी में चिन्हित करेंगे. सी श्रेणी के शिकायती प्रकरणों की दोबारा से जांच कराई जाएगी. श्रेणी 2 व इससे ऊपर के अधिकारी हर महीने न्यूनतम 30 और अधिकतम 100 प्रकरण का श्रेणीकरण करेंगे.
150 अंकों का होगा मूल्यांकन
मूल्यांकन 150 अंकों का होगा जिसमें संदर्भों की मासिक प्राप्ति 20 अंक, संदर्भों की मार्किंग व अग्रसारण 10 अंक, डिफाल्टर संदर्भ 20 अंक, आवेदक फीडबैक 30 अंक, सी श्रेणी प्राप्त संदर्भ 20 अंक, मुख्यमंत्री कार्यालय से सी श्रेणीकृत संदर्भ 10 अंक, उच्च अधिकारी के रूप में कार्यवाही 1 (अधीनस्थों के रैंडम श्रेणीकरण) 10 अंक, उच्च अधिकारी के रूप में कार्रवाई 2 (अपने कार्यालय में प्राप्त प्रकरण) 10 अंक, कार्यालय में संदर्भ फील्डिंग की स्थिति 10 अंक और संदर्भों के भौतिक सत्यापन की कार्रवाई 10 अंक की होगी।
ऐसे होगा मूल्यांकन
– डीएम की रैंकिंग में उनके और उनके अधीनस्थ विभागों के कार्यालयों में प्राप्त संदर्भ जोड़े जाएंगे।
– पुलिस आयुक्त, एसएसपी और एसपी की रैंकिंग में उनके अधीनस्थ समस्त कार्यालयों के संदर्भ लिए जाएंगे।
मंडलायुक्त की रैंकिंग में उनके व उनके अधीन समस्त मंडल स्तरीय कार्यालयों के अधिकारियों को प्राप्त संदर्भ जोड़े जाएंगे।
समस्त संदर्भ से तात्पर्य है कि नए संदर्भ व असंतुष्ट फीडबैक पर 7 दिन में निर्णय न लेने पर उच्च अधिकारी के स्तर पर डिफाल्टर माना जाएगा।
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