31/08/2021

अवध सूत्र

Latest Online Breaking News

लखनऊ में पढ़ीं आगरा की टीचर हिमानी बुंदेला आज रात बन जायेंगी करोड़पति

1 min read
😊 Please Share This News 😊

लखनऊ में पढ़ीं आगरा की टीचर हिमानी बुंदेला आज रात बन जायेंगी करोड़पति

“केबीसी-13” को मिला पहला करोड़पति: नेत्रहीन हिमानी खोलेंगी दिव्यांग बच्चों के लिए इंस्टीट्यूट…

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी बधाई…

लखनऊ/मुंबई। टीवी शो “कौन बनेगा करोड़पति” के सीजन 13 में लखनऊ के शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय से पढ़ीं यूपी के आगरा की दिव्यांग टीचर हिमानी बुंदेला आज रात करोड़पति बन जायेंगी। एक करोड़ रुपए जीतने वाली वह इस सीजन की पहली करोड़पति होंगी। हिमानी बुंदेला का एपिसोड आज रात 9 बजे (31 अगस्त) को सोनी टीवी पर प्रसारित होगा। हिमानी बुंदेला कल प्रसारित एपिसोड के पहले भाग में पचास लाख रुपए जीत चुकीं हैं।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगरा की शिक्षिका सुश्री हिमानी बुंदेला को टीवी शो “कौन बनेगा करोड़पति” के सीजन 13 में एक करोड़ का पुरस्कार जीतने पर बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नेत्रहीन होने के बावजूद सुश्री हिमानी बुंदेला ने अपने दृढ़ संकल्प, परिश्रम और प्रतिभा से केबीसी-13, में पहली करोड़पति बनकर प्रदेश का मान बढ़ाया है।
उत्तर प्रदेश के आगरा के राजपुर चुंगी स्थित गुरु गोविंद नगर निवासी हिमानी बुंदेला के अनुसार वह 13 साल की उम्र से शो में आने और जीतने का सपना देख रही थीं। इश्‍क और मोहब्‍बत के शहर आगरा की रहने वाली हिमानी दस साल पहले एक हादसे में आंखों की रोशनी गंवा चुकी हैं। उनकी जीत और पर्सनैलिटी आज देश और दुनिया में हर किसी के लिए एक मिसाल है। मुश्किलों से हार मानने की बजाय हिमानी ने जीतने का हौसला रखा। यह साबित किया कि सपने देखने के लिए आंखों में रोशनी नहीं, मन में लगन, हौसला और जुनून होना चाहिए। 25 साल की हिमानी ने गेम शो में 15 सवालों के हर पड़ाव को हंसते-हंसते पार किया। एक करोड़ रुपये की धनराशि अपने नाम की और अब उनका सपना दिव्‍यांग बच्‍चों के लिए कोचिंग इंस्‍ट‍िट्यूट खोलने का है।
बचपन में बिग बी बनकर खेलतीं थीं केबीसी…..
केबीसी से अपने रिश्ते और क्विज के लिए अपनी तैयारी के बारे में हिमानी बताती हैं, ‘केबीसी के प्रति मेरा लगाव बचपन से ही बहुत ज्यादा था। जब मैं छोटी थी, तब से मुझे ये खेल इतना पसंद था कि मैं अपने दोस्तों के साथ केबीसी खेलती थी और उसमें अमिताभ सर बनती थी। केबीसी में जाने का सपना तो तब से था, जब से ये शो देखा। इसलिए यह मेरे लिए अब तक का सबसे बेहतरीन पल रहा। रही बात तैयारी की, तो जब मैं 13 साल की थी, तब ट्यूशन पढ़ाती थी। तब से जनरल नॉलेज में मेरी रुचि है। मेरे दिन की शुरुआत करेंट अफेयर्स और जीके पढ़ने से होती है। ये मेरी आदत है, तो शो के लिए खास तौर पर कोई तैयारी नहीं करनी पड़ी। बस थोड़ा-बहुत रिवीजन किया।’
15 साल की उम्र में गंवाईं आंखों की रोशनी. . . . .
साल 2011 में एक हादसे ने हिमानी की आंखों की रोशनी छीन ली, इसके बावजूद हिमानी ने सपने देखना नहीं छोड़ा। इस बारे में वह बताती हैं, ‘मैं सिर्फ 15 साल की थी, जब वह एक्सीडेंट हुआ था। वह मेरे लिए बहुत ही नाउम्मीदी की बात थी कि आंखें खुली, पर उसमें रोशनी नहीं थी। मेरी फैमिली के लिए भी ये बहुत मुश्किल था, पर वे मेरी ताकत बने। खास तौर पर मेरे भाई-बहन, उन्होने कभी मुझे निराश नहीं होने दिया। मेरी छोटी बहन पूजा हमेशा माहौल को खुशनुमा बनाए रहती है। मेरी दीदी मेरे खाने-पीने का पूरा ध्यान रखती हैं, तो मेरे भाई-बहनों का मेरा आत्मविश्वास बढ़ाने में बहुत योगदान है।’
लखनऊ के टीचर्स ने बदला जिंदगी का नजरिया…..
केंद्रीय विद्यालय आगरा में टीचर के रूप में कार्यरत हिमानी ने अपनी जिंदादिली से शो में बिग बी को भी अपना मुरीद बना लिया। जिंदगी के प्रति इस सकारात्मक नजरिए का श्रेय हिमानी अपने लखनऊ स्थित कॉलेज डॉ शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय के टीचर और दोस्तों को देती हैं। बकौल हिमानी, ‘मेरी जिंदगी में ये पॉजिटिव बदलाव तब आया, जब मैं डॉ शकुंतला मिश्रा विवि पहुंची। मैंने अपना टीचिंग कोर्स डीएड वहीं से किया है। वहां जाकर मेरा आत्मविश्वास 100 गुना बढ़ गया। ऐसा लगा कि मेरी प्रॉब्लम कुछ है ही नहीं। मेरे डीन, प्रोफेसर, दोस्त सब सपोर्टिव थे, दोस्तों की मदद से ही मैंने पहली ही कोशिश में सीटेट पास कर लिया। मेरे एक सर हमेशा कहते थे – स्माइल। वही अब मैं अपने स्टूडेंट्स को बोलती हूं, तो मेरे इस पॉजिटिव अप्रोच में लखनऊ के इस विवि का बहुत बड़ा हाथ है।’
मैजिक मैथ्स के नाम से बच्चों को सिखातीं हैं…..
हिमानी ने गणित की गुत्थियों को आसान तरीके से सुलझाने की कुछ ट्रिक्स भी खोजी हैं, जिसे वे अपने स्टूडेंट्स को मैजिक मैथ्स के नाम से सिखाती हैं। हिमानी बताती हैं, ‘मैथ्स मुश्किल होती है। हम अक्सर लिखकर इसके सवाल हल करते हैं, पर मैं ऐसे ट्रिक्स बनाती हूं, जिससे वह आसान हो जाए। आप बड़े-बड़े कैलकुलेशन बिना कागज-कलम के झट से जुबानी हल कर सकते हैं, तो इन ट्रिक्स को मैं जब स्टूडेंट्स को सिखाती हूं, तो मैथ्स मैजिक बोलती हूं। इस ओर मेरा रुझान मम्मी और दीदी की वजह से हुआ। मेरी मम्मी की मेंटल मैथ्स बहुत अच्छी है और मेरी दीदी मैथ्स की कोचिंग चलाती हैं। उनकी गणित भी बहुत अच्छी है, तो उनकी वजह से मुझे भी इसमें रुचि हुई।’ वहीं, 1 करोड़ की इनाम राशि का हिमानी क्या करेंगी ? यह पूछने पर वह कहती हैं, मेरा लक्ष्य है कि मुझे दिव्यांग स्टूडेंट्स के लिए एक कोचिंग इंस्टीट्यूट शुरू करना है, जहां वे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकें। ऐसा इंस्टीट्यूट जहां हर तरह के दिव्यांग बच्चे, जो सुन नहीं सकते, देख नहीं सकते या चलने-फिरने में तकलीफ है, सब एक ही जगह सीख सकें।
आईएएस प्राजंल पटेल से प्रभावित हैं हिमानी…..
हिमानी ने बताया कि आंखों की रोशनी खोने के बाद उन्होने देश की पहली दृष्टि बाधित महिला आईएएस प्रांजल पाटिल के बारे में सुना। उनकी कहानी सुनने के बाद उन्होने भी अपने सपने पूरा करने की ठानी। इसके बाद लखनऊ के शकुंतला यूनिवर्सिटी के बारे में पता चला। वहां से उनकी जिंदगी बदल गई। बीएड करने के दौरान ही नौकरी लग गई। हिमानी ने कहा कि शो पर जब वो अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर बैठी तो वो पल उनके जीवन का अब तक का सबसे यादगार पल था। उन्होने बताया कि वो फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट में वो काफी नर्वस थीं। उनको पता था कि उनके साथ जो नौ प्रतिभागी थे, उनके पास उनसे ज्यादा लर्निंग सोर्स थे। वो कंप्यूटर स्क्रीन पर देखकर जवाब दे सकते थे। मगर, मेरे मन में केवल ही एक ही बात चल रही थी कि उनके पास खोने को कुछ नहीं था, या तो यहां से कुछ नया सीख कर जाऊंगी या कुछ जीतकर। बस इसी सोच ने उनकी मदद की। हिमानी का कहना है कि ऑडियो कंटेंट सुनकर उन्होने केबीसी की तैयारी की।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें 

स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे

Donate Now

[responsive-slider id=1466]
error: Content is protected !!