भरण पोषण भत्ते के तौर पर श्रमिक के खाते में भेजी गई 230 करोड़ रुपए की धनराशि

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Mohammad Siraj
लखनऊ। कोरोना महामारी के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज बुधवार को उत्तर प्रदेश के 23.2 लाख पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बैंक खातों में 230 करोड़ रुपए की धनराशि ऑनलाइन हस्तांतरित की है। श्रमिक के खाते में ₹1000 की धनराशि भरण पोषण भत्ते के तौर पर भेजी गई है।
मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 5 श्रमिकों को ₹1000 की राशि का चेक सौंपा और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कुछ श्रमिकों से संवाद भी किया। इस दौरान सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश राज्य समाजिक सुरक्षा बोर्ड में असंगठित क्षेत्र के कामगारों के पंजीकरण के लिए पोर्टल का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि श्रमिक हितों की रक्षा करते हुए कोरोना संक्रमण की चेन को कमजोर करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने सभी को आगाह करते हुए कहा कि कोरोना कमजोर हुआ है लेकिन समाप्त नहीं हुआ है इसलिए कोरोना वायरस के लिए सतर्कता बरतें और आवश्यक कदम जरूर उठाएं। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार के अंदर संगठित व असंगठित क्षेत्र के सभी श्रमिकों का पंजीकरण कराकर उन्हें सरकार ₹2 लाख रुपए की सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देगी | उन्होंने कहा कि यह काम शुरू हो गया है इसी तरह हर श्रमिक का पंजीकरण कराकर उन्हें ₹5 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा कवर दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा देने और उनके हितों का ध्यान रखने के लिए सरकार ने प्रदेश में आयोग गठित किया है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान प्रदेश में बड़े और छोटे उद्योग चलते रहे ,खेती बाड़ी का काम जारी रहा , और निर्माण कार्य बंद नहीं होने दिए गए औद्योगिक इकाइयों और कारखानों में को बंद नहीं किया गया उन्होंने ने कहा , हमने सभी श्रमिकों को सुरक्षित रखने का कार्य किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि श्रमिकों ने अपने परिश्रम और पुरुषार्थ से प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले साल से कोरोना के खिलाफ लगातार जारी जंग में श्रमिकों ने हमेशा सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कोरोना का मुकाबला किया।
विगत वर्ष संक्रमण की पहली लहर के कारण घोषित लॉकडाउन की वजह से चुनौतियां ज्यादा थी। 40 लाख से ज्यादा प्रवासी श्रमिक उत्तर प्रदेश में आए थे जिनके भरण पोषण से लेकर 1000 तक की व्यवस्था सरकार ने की। दुनिया के तमाम संस्थानें यूपी की इस सफल मॉडल पर शोध कर रही हैं।
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