जानिए योगी के मंत्रियों से BJP के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने पूछे कौन-कौन से सवाल
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Mohammad Siraj
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) में संगठन और सरकार में बदलाव के कयासों के बीच पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष (BL Santhosh) ने पार्टी के नेताओं से मुलाकात की है. आने वाले विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections) के मद्देनजर यह मुलाकात बेहद अहम है. पहली बार ऐसा हो रहा है की पार्टी का राष्ट्रीय संगठन प्रदेश के हर मंत्री-नेता को अलग-अलग बिठाकर आधा-आधा घंटे बात कर रहा है. पार्टी पदाधिकारियों और मंत्रियों के साथ तीन दिन तक पर्सनल मुलाक़ातों के दौर के बाद राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष लखनऊ पार्टी दफ़्तर से दिल्ली के लिये रवाना हो गए हैं. माना जा रहा है कि वे पार्टी आलाकमान को यूपी की रिपोर्ट सौंपेंगे।
इन बैठकों के सियासी गिलायारों में चर्चाएं खूब हैं. इशारा साफ है कि पार्टी के राष्ट्रीय संगठन को प्रदेश के संगठन के नेतृत्व की रिपोर्ट पर भरोसा नहीं है. इसीलिए वह खुद ही सभी से बातचीत करके मामले की जड़ तक पहुंचना चाहते हैं. दरअसल पार्टी संगठन के इस एहतियात की और भी वजह है, और सबसे बड़ी वजह यह है कि हाल के दिनों में जिस तरह से पंचायत चुनाव के दौरान पार्टी की हार हुई है और उसके बाद एक-एक करके कोरोना प्रबंधन और तमाम दूसरे मामलों में पार्टी बैकफुट पर आई है, उससे पार्टी के राष्ट्रीय संगठन को आने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की हार का डर सताने लगा है।
दोनों डिप्टी सीएम सहित इन मंत्रियों से हुई मुलाकात
बहरहाल सोमवार से शुरू हुआ मेल-मुलाकातों का सिलसिला आज भी जारी है. सुबह बीएल संतोष के मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों से मिलने का सिलसिला शुरू हुआ तो सबसे पहले उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बीएल संतोष से मुलाकात की. मुलाकात के बाद केशव प्रसाद मौर्य ने पार्टी के विधानसभा चुनावों में जबर्दस्त जीत दोहराने की बात भी कही. इसके बाद यूपी के दूसरे उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने बीएल संतोष से मुलाकात की और उन्होंने बताया कि कोरोना के आगे प्रबंधन को लेकर के चर्चा हुई है. फिर एक-एक करके श्रीकांत शर्मा, सिद्धार्थ नाथ सिंह, स्वामी प्रसाद मौर्य, अनिल राजभर, रमापति शास्त्री और दूसरे नेताओं ने मुलाकात की. हालांकि मुलाक़ात के बाद बाहर निकलकर इन सभी ने यही बताया कि कोरोना संक्रमण से प्रदेश की जनता को बचाने के लिए पार्टी की तैयारियों और आने वाले चुनाव को लेकर कुछ बातों पर चर्चा हुई है।
कुछ प्रमुख सवाल
सूत्रों के मुताबिक इन मुलाकातों में कई सवालों के जरिये बीएल संतोष ने मंत्रिमंडल के सदस्यों के जरिये यूपी की नब्ज और आगामी चुनाव तो लेकर माहोल को तलाशने की कोशिश की. जिसमें हर मंत्री से लगभग एक ही तरह के मिलते-जुलते सवाल पूछे गये. ये इस प्रकार हैं।
>>प्रदेश में संगठन कैसा काम कर रहा है?
>>आपके विभाग में क्या चल रहा है? आपका विभाग कैसा काम रहा है?
>>पंचायत चुनाव के नतीजे ऐसे क्यों आये?
>>आप कहां कमी देख रहे हैं?
>>कोरोना मैनेजमेंट में आपने क्या योगदान दिया? इतना कुप्रधंन क्यों रहा?
>>चुनाव के लिए कैसी तैयारी चल रही है?
>>अगर आज चुनाव हो जाएं तो परिणाम क्या होंगे?
>>कोरोना की वजह से जो नकारात्मक मौहाल दिखायी दे रहा है, उसे कैसे ठीक किया जा सकता है?
सब ठीक नहीं, विधानसभा चुनाव परिणाम को लेकर डर
पार्टी के भीतर के सूत्र बताते हैं कि दरअसल पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. पंचायत चुनाव के नतीजे हैरान करने वाले हैं. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान पार्टी की स्थिति बहुत खराब हुई है. ऐसे में अगले 8 महीने बाद होने वाले चुनाव कहीं उलटे ना हो जाएं, इसीलिए पार्टी का राष्ट्रीय संगठन सबसे अलग बात करके यह जानना चाहता है कि आखिर समस्या है कहां?
फेरबदल जरूर होग: सूत्र
सूत्र बताते हैं कि आलाकमान को मिली रिपोर्ट बहुत भरोसे लायक नहीं है इसीलिए राष्ट्रीय संगठन के पदाधिकारी को अलग से लोगों का फीडबैक लेने के लिए भेजा गया है. संभावना इस बात की है कि भले ही चुनाव से 7 महीने पहले सरकार में कोई विस्तार न किया जाए लेकिन संगठन में फेरबदल जरूर किया जाएगा. इसके अलावा जो कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या पार्टी सरकार के नेतृत्व में भी बदलाव कर सकती है? ऐसा तर्कसंगत नहीं लगता है।
वजह यह है कि पार्टी के पास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बड़ा और प्रभावशाली चेहरा नहीं है. दूसरी बात यह भी है कि चुनाव से पहले अगर नेतृत्व बदला जाता है तो फायदे की बजाय नुकसान होने की संभावना ज्यादा है. लिहाजा सरकार ने ज्यादा फेरबदल की कोई गुंजाइश नजर नहीं आती. बेशक एके शर्मा, जिनकी बार-बार चर्चा चलती है. उन्हें कोई सरकार यह संगठन में जिम्मेदारी दे दी जाए ताकि इन चर्चाओं पर विराम लग सके।
बता दें लोगों से फीडबैक लेने के बाद बीएल संतोष पार्टी के आलाकमान को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे. उसी के आधार पर आगे की रणनीति तय होगी कि आखिरकार बदलाव कहां और कितने किए जाने हैं? लेकिन इतना तय है चुनाव से ठीक पहले यह जो बैठकों का सिलसिला शुरू हुआ है. इसके मायने में बहुत गहरे हैं. किसी भी सूरत में संगठन और सरकार में कुछ न कुछ बदलाव जरूर होगा. जिसके साथ भारतीय जनता पार्टी विधानसभा चुनाव में कूच करेगी।
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