मुख्यमंत्री योगी ने लागू किया कड़ा नियम, अपने हक़ की उठाई आवाज तो जाना पड़ेगा जेल
😊 Please Share This News 😊
|
Mohammad Siraj
मुख्यमंत्री योगी ने लागू किया कड़ा नियम, अपने हक़ की उठाई आवाज तो जाना पड़ेगा जेल
लखनऊ: योगी सरकार ने आज गुरुवार को कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए पुरे उत्तर प्रदेश में आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम 1966 एस्मा को लागू कर दिया है साथ ही सरकारी सेवाओं में हड़ताल पर रोक लगा दी है। यूपी सरकार के अधीन सभी लोक सेवा, प्राधिकरण, निगम समेत सभी सरकारी विभागों पर एस्मा एक्ट लागू रहेगा। जानकारी से पता चला है कि कई विभाग अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर तैयारी कर रहै थे लेकिन उससे पहले योगी सरकार ने ये एक्ट लागू कर दिया है। कोरोना महामारी का खतरा अभी भी बरकररार है ऐसे में कर्मचारियों को अब 6 महीने तक हड़ताल करने की अनुमति नहीं होगी।
जानकारी के मुताबिक, अपर मुख्य सचिव मुकुल सिंघल (कार्मिक) के अनुसार, सरकार ने यूपी भर में फिलहाल 6 महीने के लिए एस्मा को लागू किया और हो सकता है कि जरूरत पड़ने पर सरकार इसको आगे भी बढ़ा सकती है। वहीं हालात ठीक होने पर 6 महीने से पहले इसे वापस भी ले सकते है। इस कानून के लागू हो जाने के बाद राज्य में अति आवश्यक सेवाओं में लगे कर्मचारी छुट्टी एवं हड़ताल पर नहीं जा सकेंगे। सभी अति आवश्यक कर्मचारियों को सरकार के निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा, जो कर्मचारी आदेशों का उल्लंघन करेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
जानें क्या है एस्मा एक्ट?
इसके बारे में आपको बता दें कि इस संकट की घड़ी में सभी एकजुट हों होकर कोई भी कर्मचारी हड़ताल पर न जाए इसके लिए 1966 में एस्मा कानून बनाया गया था। यह अधिनियम भारत की संसद द्वारा पारित है। एस्मा एक्ट लागू करने से पहले इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को समाचार पत्रों या अन्य माध्यमों से सूचित किया जाता है। केंद्र सरकार या किसी राज्य सरकार द्वारा यह कानून अधिकतम छह माह के लिए लगाया जाता है। इसके कानून के लागू होने के बाद अगर कोई कर्मचारी हड़ताल पर जाता हैं तो उनका यह कदम अवैध और दंडनीय की श्रेणी में आता है। एस्मा कानून का उल्लंघन कर हड़ताल पर जाने वाले किसी भी कर्मचारी को बिना वारंट गिरफ्तार किया जा सकता है।
व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें |