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कोविड-19: शहर में बढ़ते कोरोना मरीज से हर कोई हुआ परेशान, सोशल मिडिया के जरिये लोग जिला प्रशासन को भेज रहे सुझाव

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कानपुर।  नगर में तेजी से बढ़ते कोरोना महामारी ने सभी नगरवासियों को चिंता में डाल दिया है. हर कोई अब इस महामारी से निजात दिलाने के लिए भगवान् से दुआ कर रहा है. शहर में तेजी से बढ़ते मरीज और अस्पताल में कम पड़ते जगह को लेकर लोग अब सोशल मिडिया के माध्यम से जिला प्रशासन को सुझाव भेज रहे है।

दिव्यांग बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने वाली संस्था दिव्यांग डेवलपमेंट सोसाइटी की संग्रक्षक मनप्रीत कौर ने शहर में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण पर चिंता जाहिर किया. हांलाकि शहर में कई ऐसे संस्थाएं है जो मानव कल्याण के लिए काम कर रही है वो भी इस कोरोना महामारी को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है. मगर जिला प्रशासन के दिशा निर्देश को पालन करते हुए अपने अपने घरों में रहकर इन संस्थाओं ने अब सोशल मिडिया के माध्यम से जिला प्रशासन को अपने सुझाव भेज रहे हैं।

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वहीँ दिव्यांग डेवलपमेंट सोसाइटी ने भी अपनी तरफ से जिला प्रशासन को कई सुझाव सोशल मिडिया के माध्यम से भेजा है. जिसमे जिला प्रशासन शहर में कम पड़ते आइसोलेशन सेंटर को कैसे बढ़ा सकता है, किन लोगों से उन सेंटरों में काम लिया जा सकता है।

दिव्यांग डेवलपमेंट सोसाइटी के सुझाव जिला प्रशासन के नाम       

व्यवस्था के लिए नए सिरे से कहीं पर इंतजाम करने से बेहतर है कि नगर में ही बड़े-बड़े इंजीनियरिंग कॉलेजेस व अन्य कॉलेज स्कूल हैं, जहां पर 3 से 4000 तक स्टूडेंट के रहने की व्यवस्था हॉस्टल द्वारा होती है. वहां पानी, बिजली की पूर्ण सुविधा होती है. उसे प्रशासन द्वारा अधिग्रहित करके तुरंत आइसोलेशन वार्ड बनाया जा सकता है ।

हर कॉलेज में कैंटीन, मैस, किचन भी चलती है, नाश्ता लंच डिनर के लिए उन्हीं लोगों से आउट सोर्स करवाया जा सकता है।

सफाई के लिए भी हर कॉलेज में पर्याप्त स्टाफ रहता है, कॉलेज बंद होने की वजह से इस समय सभी स्टाफ बेरोजगार होगा अतः उनसे भी काम लिया जा सकता है।

नगर में जितने भी गेस्ट हाउस हैं, क्लब्स हैं वहां पर भी कमरे, बिजली, पानी, किचन सफाई कर्मचारी सब की व्यवस्था पहले से ही है. उसे भी अपने अधिकृत करके तुरंत आइसोलेशन सेंटर बनाया जा सकता है।

जितने भी रजिस्टर डॉक्टर हैं सबको करोना मरीज या उनके जो सिम्टम्स है ऐसे पेशेंट को देखना अनिवार्य कर दिया जाए कॉलेजों स्कूल गेस्ट हाउस क्लब्स में बने अस्थाई हॉस्पिटल में इनकी ड्यूटी लगा दी जाए।

सभी ANM, GNM, B.SC nursing / M. B. B. S / B. M. S/ बी फार्मा अन्य मेडिकल कोर्स करने वाले लाखों छात्र हैं, सबकी सेवा जरूरत के हिसाब से ली जाए. इसको एक सेवा भाव / इंटर्नशिप / वॉलिंटियर के माध्यम से उन्हें प्रोत्साहित किया जाए जो आगे उनके करियर के लिए महत्वपूर्ण हो।

सभी जनरल फिजिशियन को निर्देश दिया जाए और प्रशासन द्वारा अपील की जाए कि अपने अपने क्षेत्र में अपने अगल-बगल 50 से 100 मरीजों की देखभाल चाहे फोन पर या होम आइसोलेशन वाले मरीजों के घर तक जाकर देखे. इससे मरीजों का हौसला बढ़ेगा।

बहुत से ऐसे प्राइवेट डॉक्टर होंगे जो नर्सिंग होम नहीं चलाते उनका एक ग्रुप बना कर अस्थाई हॉस्पिटल्स बनाकर वहां का संचालन उनको करने दिया जाए. कुछ मेडिकल के स्टूडेंट और डॉक्टर मिलकर वहां का इलाज करें।

सेवा भाव वाले लोगों की भर्ती की जाए उनको थोड़ा सा ट्रेंड करके साफ सफाई/ दवा / खाने पीने के हिसाब से किसी भी प्रकार की व्यवस्था में लगाया जा सकता है ।

प्रशासन द्वारा कई प्रकार की व्यवस्थाएं की जा रही होंगी इस युद्ध में जन सहयोग भी उतना ही जरूरी है तभी लोगों के मन में जोश आएगा हिम्मत बढ़ेगी और उत्साह रहेगा ।लोगों का मनोबल बढ़ेगा एडमिट होंगे तो पैनिक नहीं रहेंगे।

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