उत्तर प्रदेश टीके की कमी के कारण टीकाकरण में समस्याएं,
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Mohammad Siraj

टीके की कमी के कारण टीकाकरण में समस्याएं, कई जिलों में केंद्रों पर टीकाकरण नहीं होने की शिकायतें – वैक्सीन की कमी से कोरोनाकिनीकरण में समस्या बनी हुई है, कई जिलों के केंद्रों पर टीकाकरण न होने की शिकायत है।
प्रदेश में वाराणसी, गाजियाबाद, कानपुर, गोरखपुर सहित कई दूरस्थ जिलों के टीकाकरण केंद्रों पर वैक्सीन की कमी के कारण टीका नहीं पाया गया। कई केंद्रों पर हंगामा भी हुआ। जबकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने दावा किया है कि प्रदेश में कई भी वैक्सीन की कमी नहीं है। केंद्रों पर अधिक संख्या में लाभार्थियों के पहुंचने के कारण सभी को केक नहीं लग पाए होंगे। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद बृहस्पतिवार तक 78.67 लाख लाभार्थियों को टीकाकरण करने का दावा कर रहे हैं। इनमें से लगभग 66.88 लाख लोगों को पहले और 11.79 लाख को सेक डोज लगाया गया है। वहीं, राजकीय अधिकारी डॉ। अशोक कुमार घई का कहना है कि वर्तमान में वैक्सीन की 9.5 लाख डोज मौजूद है। अगर प्रदेश में हर दिन 2.5 से 3.0 लाख टीकाकरण होगा तो यह तीन दिन के लिए पर्याप्त है। रोज़ाना वैक्सीन लगने के दौरान तीन से चार दिन का स्टॉक रहता है। शनिवार को केंद्र से 20 लाख डोज और मिल जाएगा। रविवार को टीकाकरण बंद रहता है। इसी दिन सभी जिलों को वैक्सीन की आपूर्ति की जाएगी। इस तरह की कमी की कोई आशंका नहीं है। घई ने बताया कि प्रदेश में दो लाख लीटर वैक्सीन भंडारण की क्षमता है। आर्मी को भी लगभग तीन लाख डोज दी जा चुकी है। गाजियाबाद और वाराणसी को भी वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में बुधवार को दी जा चुकी है। इसलिए कमी का सवाल भी नहीं।उधर, वाराणसी में भी निजी अस्पतालों पर वैक्सीन नहीं लगाई जा रही है। प्रयागराज में वैक्सीन की किल्लत हो गई है। यहाँ कई जगह टीकाकरण हो गया है। बृहस्पतिवार को 42 निजी अस्पतालों में अभियान के तहत केवल पांच सौ लोगों को टीका लगाया गया। टीकाकरण प्रभारी डॉ। आरएस ठाकुर के मुताबिक अब वैक्सीन का स्टॉक शुक्रवार तक के लिए ही है। जबकि गोरखपुर के निजी अस्पतालों में मौजूदा समय में सिर्फ 8 से 10 वायल ही बचे हैं। सीएमओ डॉ। सुधाकर पांडेय ने बताया कि शासन स्तर से ही वैक्सीन कम आई थी। प्रदेश में अब पहले से कम बर्बाद हो रही वैक्सीनकैशन के दौरान वैक्सीन के रखरखाव और उसे लगाने के दौरान लगभग 10 प्रतिशत बर्बाद होने का राष्ट्रीय औसत है। यूपी में शुरुआत में यह नौ प्रतिशत था। इसकी वजह कई जिलों में अधिक और कम ठंड की समस्या थी। यह भी सुदीप गया है। अब यह बकर 5.5 प्रतिशत कर दिया गया है। साथ ही यह और भी कम करने का प्रयास किया जा रहा है। डॉ। घई ने बताया कि शुरुआत में कोविक्सीन के एक वायल से 20 लोगों का टीकाकरण हो रहा था।अब कंपनी ने इसे छोटा कर दिया है। इससे 10 लोगों का टीकाकरण हो रहा है। जबकि कोविशील्ड की एक वायल से शुरू से ही 10 लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है। इससे भी वायल खुलने के बाद वैक्सीन के इस्तेमाल न होने के मामलों में कमी आई है। लखनऊ में कई पीएचसी और निजी केंद्रों के लौटे लोगलखनऊ के दौलतगंज, शीश महल, सेवा सदन, नादरगंज, हरौनी पीएचसी और निजी केंद्रों पर बृहस्पतिवार को केक लगवाने पहुंचे लोगों को निराश करने की नौबत आ गई। वहाँ स्वास्थ्यकर्मियों ने वैक्सीन न आने की बात कही। इसके बारे में लोगों के स्वास्थ्यकर्मियों से नोकझोंक भी हुई। फसी हरौनी पर तो स्टाफ ही नदारद था। सीएचसी सरोजनीनगर के प्रभारी अशोक कुमार ने बताया कि पीएचसी नादरगंज और हरौनी में वैक्सीन ज्यादा खराबी हो रही है। इसलिए दोनों केंद्रों पर दो दिन वैक्सीन न लगाने का आदेश जारी हुआ है।अवध के जिलों में निजी केंद्रों पर वैक्सीन लगवाना मुश्किल सर्बंकी में निजी अस्पतालों में तीन दिन में एक बार भी टीकाकरण नहीं हुआ है। हाल और मेयो में सप्ताह में सिर्फ तीन दिन ही टीका लगाया जा रहा है। वहाँ यह भी कहा जा रहा है कि दस लोग एक साथ होंगे, केवल टीका लगाया जाएगा। अमेठी में निजी अस्पताल वैक्सीन ले ही नहीं गए। बलरामपुर में निजी अस्पतालों ने टीकाकरण में वांछित नहीं ले रहे हैं। अंबेडकरनगर में भी तीन में से एक ही निजी केंद्रीकरण को आगे आया और दो वायल ले गया।
प्रदेश में वाराणसी, गाजियाबाद, कानपुर, गोरखपुर सहित कई दूरस्थ जिलों के टीकाकरण केंद्रों पर वैक्सीन की कमी के कारण टीका नहीं पाया गया। कई केंद्रों पर हंगामा भी हुआ। जबकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने दावा किया है कि प्रदेश में कई भी वैक्सीन की कमी नहीं है। केंद्रों पर अधिक संख्या में लाभार्थियों के पहुंचने के कारण सभी कोek नहीं लग पाए होंगे।
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद बृहस्पतिवार तक 78.67 लाख लाभार्थियों को टीकाकरण करने का दावा कर रहे हैं। इनमें से लगभग 66.88 लाख लोगों को पहले और 11.79 लाख को सेक डोज लगाया गया है। वहीं, राजकीय अधिकारी डॉ। अशोक कुमार घई का कहना है कि वर्तमान में वैक्सीन की 9.5 लाख डोज मौजूद है। अगर प्रदेश में हर दिन 2.5 से 3.0 लाख टीकाकरण होगा तो यह तीन दिन के लिए पर्याप्त है। रोज़ाना वैक्सीन लगने के दौरान तीन से चार दिन का स्टॉक रहता है। शनिवार को केंद्र से 20 लाख डोज और मिल जाएगा। रविवार को टीकाकरण बंद रहता है। इसी दिन सभी जिलों को वैक्सीन की आपूर्ति की जाएगी। ऐसे में कहीं कमी की कोई आशंका नहीं है।
डॉ। घई ने बताया कि प्रदेश में दो लाख लीटर वैक्सीन भंडारण की क्षमता है। आर्मी को भी लगभग तीन लाख डोज दी जा चुकी है। गाजियाबाद और वाराणसी को भी वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में बुधवार को दी जा चुकी है। इसलिए कमी का सवाल भी नहीं है।
उधर, वाराणसी में भी निजी अस्पतालों पर वैक्सीन नहीं लगाई जा रही है। प्रयागराज में वैक्सीन की किल्लत हो गई है। यहाँ कई जगह टीकाकरण हो गया है। बृहस्पतिवार को 42 निजी अस्पतालों में अभियान के तहत केवल पांच सौ लोगों को टीका लगाया गया। टीकाकरण प्रभारी डॉ। आरएस ठाकुर के मुताबिक अब वैक्सीन का स्टॉक शुक्रवार तक के लिए ही है। जबकि गोरखपुर के निजी अस्पतालों में मौजूदा समय में सिर्फ 8 से 10 वायल ही बचे हैं। सीएमओ डॉ। सुधाकर पांडेय ने बताया कि शासन स्तर से ही वैक्सीन कम आई थी।
प्रदेश में अब पहले से कम बर्बाद हो रही वैक्सीन
टीकाकरण के दौरान वैक्सीन के रखरखाव और उसे लगाने के दौरान लगभग 10 प्रतिशत बर्बाद होने का राष्ट्रीय औसत है। यूपी में शुरुआत में यह नौ प्रतिशत था। इसकी वजह कई जिलों में अधिक और कम ठंड की समस्या थी। यह भी सुदीप गया है। अब यह बकर 5.5 प्रतिशत कर दिया गया है। साथ ही यह और भी कम करने का प्रयास किया जा रहा है। डॉ। घई ने बताया कि शुरुआत में कोविक्सीन के एक वायल से 20 लोगों का टीकाकरण हो रहा था।
अब कंपनी ने इसे छोटा कर दिया है। इससे 10 लोगों का टीकाकरण हो रहा है। जबकि कोविशील्ड की एक वायल से शुरू से ही 10 लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है। इससे भी वायल खुलने के बाद वैक्सीन के इस्तेमाल न होने के मामलों में कमी आई है।
लखनऊ में कई Phasi और निजी केंद्रों के लौटे लोग
लखनऊ के दौलतगंज, शीश महल, सेवा सदन, नादरगंज, हरौनी पीएचसी और निजी केंद्रों पर बृहस्पतिवार को केक लगवाने पहुंचे लोगों को निराश लौटना पड़ा। वहाँ स्वास्थ्यकर्मियों ने वैक्सीन न आने की बात कही। इसके बारे में लोगों के स्वास्थ्यकर्मियों से नोकझोंक भी हुई। फसी हरौनी पर तो स्टाफ ही नदारद था। सीएचसी सरोजनीनगर के प्रभारी अशोक कुमार ने बताया कि पीएचसी नादरगंज और हरौनी में वैक्सीन ज्यादा खराबी हो रही है। इसलिए दोनों केंद्रों पर दो दिन वैक्सीन न लगाने का आदेश जारी हुआ है।
अवध के जिलों में निजी केंद्रों पर वैक्सीन लगवाना मुश्किल है
बाराबंकी में निजी अस्पतालों में तीन दिन में एक बार भी टीकाकरण नहीं हुआ है। हाल और मेयो में सप्ताह में सिर्फ तीन दिन ही टीका लगाया जा रहा है। वहाँ यह भी कहा जा रहा है कि दस लोग एक साथ होंगे, केवल टीका लगाया जाएगा। अमेठी में निजी अस्पताल वैक्सीन ले ही नहीं गए। बलरामपुर में निजी अस्पतालों ने टीकाकरण में वांछित नहीं ले रहे हैं। अंबेडकरनगर में भी तीन में से एक ही निजी केंद्रीकरण को आगे आया और दो वायल ले गया।
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