
रूस के कामचटका प्रायद्वीप के प्रशांत तट पर मंगलवार को 8.7 तीव्रता का जबरदस्त भूकंप आया, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। इस शक्तिशाली झटके के कारण पूरी धरती कांप उठी और लोग दहशत में अपने घरों से बाहर निकल आए। भूकंप के फौरन बाद रूस के सुदूर पूर्वी तट और कामचटका के समूचे इलाकों के लिए सुनामी अलर्ट जारी कर दिया गया है।
यूएसजीएस (USGS) के अनुसार, भूकंप की गहराई काफी कम थी, जिसकी वजह से इसके बाद सुनामी उत्पन्न होने की संभावना भी बढ़ गई है। राष्ट्रीय मौसम सेवा (NWS) के सुनामी चेतावनी केंद्र ने न सिर्फ रूस के तटीय इलाकों के लिए, बल्कि पूरे हवाई राज्य के लिए भी सतर्कता जारी कर दी है।
इसी महीने कामचटका में 5 भूकंप आ चुके
इससे पहले जुलाई में ही कामचटका के पास समुद्र में पांच शक्तिशाली भूकंप आए थे। इनमें से सबसे बड़े भूकंप की तीव्रता 7.4 थी। भूकंप का केंद्र जमीन से 20 किलोमीटर की गहराई में था।
4 नवंबर 1952 को कामचटका में 9 तीव्रता के भूकंप से नुकसान हुआ था। हालांकि, हवाई में 9.1 मीटर ऊंची लहरें उठने के बावजूद किसी के मरने की सूचना नहीं मिली थी।
कैलिफोर्निया समेत 4 अमेरिकी राज्यों में भी अलर्ट
अमेरिका के अलास्का स्थित नेशनल सुनामी वॉर्निंग सेंटर ने अलास्का अल्यूशियन आइलैंड के कुछ हिस्सों के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की है। साथ ही कैलिफोर्निया, ओरेगन, वॉशिंगटन और हवाई सहित पश्चिमी तट के कुछ हिस्सों के लिए निगरानी अलर्ट जारी किया है। इस चेतावनी में अलास्का की समुद्र तट रेखा के एक बड़े हिस्से को भी शामिल किया गया है। इधर, टोक्यो यूनिवर्सिटी के भूकंप विज्ञानी शिनिची सकाई ने NHK को बताया कि अगर भूकंप का केंद्र उथला हो तो दूर से आने वाला भूकंप जापान को प्रभावित करने वाली सुनामी की वजह बन सकता है। जापान ‘पैसिफिक रिंग ऑफ फायर’ का हिस्सा है। यह दुनिया में सबसे ज्यादा भूकंप आने वाले देशों में से एक है।
भूकंप क्यों आता है?
हमारी धरती की सतह मुख्य तौर पर 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है और इस डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।