
ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में चर्चा आज भी जारी है. गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में विपक्ष पर जमकर निशाना साधा और कहा कि पहलगाम के गुनहगारों को सेना ने ऑपरेशन महादेव में ठोक दिया है. उन्होंने मारे गए आतंकियों के पाकिस्तानी होने के सबूत मिलने की जानकारी भी सदन में दी. लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की शुरुआत सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की थी, जो देर रात 1 बजे तक चली. इस दौरान लोकसभा में उप नेता गौरव गोगोई ने भी अपनी बात रखी थी और सरकार पर तीखे हमले किए थे. विपक्ष की ओर से आज लोकसभा में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव जैसे बड़े नेताओं के नाम वक्ताओं की लिस्ट में हैं. ऑपरेशन सिंदूर पर आज से राज्यसभा में भी चर्चा की शुरुआत होनी है. राज्यसभा में भी सत्ता पक्ष की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ही चर्चा की शुरुआत करेंगे. उच्च सदन में दोपहर 2 बजे से चर्चा शुरू होनी है.
पहलगाम में जो 26लोग मारे गए, उनमें 25 भारतीय थे, आपने नहीं दी सुरक्षा- प्रियंका गांधी
प्रियंका गांधी ने सत्ता को कांटों का ताज बताते हुए कहा कि नेतृत्व बस श्रेय लेने से नहीं होता. मेरी मां के आंसू तब गिरे थे, जब आतंकियों ने मेरे पिता को मार दिया था जब वो महज 46 साल की थीं. और आज मैं 26 परिवारों के दर्द की बात इस सदन में कर पा रही हूं तो उसके पीछे वही दर्द है जो मैंने सहा है. ऑपरेशन सिंदूर अगर आतंकवाद को खत्म करने के लिए था, तो इसे गहरा धक्का लगा जब पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद रोधी समिति का अध्यक्ष बना दिया गया. .ये किसकी विफलता है. उन्होंने कहा कि आज यहां जितने भी लोग बैठे हैं, सबके पास सुरक्षा है. पहलगाम के बैसरन वैली में जो 26 लोग मारे गए, उनमें से 25 भारतीय थे. आप कितने भी ऑपरेशन कर लें, इस सच के पीछे छिप नहीं सकते कि उनको आपने कोई सुरक्षा नहीं दी. प्रियंका गांधी ने पहलगाम में मारे गए एक-एक व्यक्ति के नाम भी सदन में पढ़े. इस दौरान सत्ता पक्ष की ओर से किसी सदस्य ने कुछ कहा.
मेरी मां के आंसुओं तक चले गए, लेकिन जवाब नहीं दिया कि सीजफायर हुआ क्यों ?
प्रियंका गांधी ने कहा कि क्या सेना प्रमुख, क्या इंटेलीजेंस प्रमुख ने इस्तीफा दिया. क्या गृह मंत्री ने इस्तीफा दिया. इस्तीफा छोड़िए, जिम्मेदारी तक नहीं ली. इतिहास की बात आप करिए, मैं वर्तमान की बात करूंगा. 11 साल से सत्ता में आप हो. कल मैं देख रही थी, जब गौरव गोगोई ने जिम्मेदारी की बात कही, राजनाथ सिंह सिर हिला रहे थे, लेकिन गृह मंत्री हंस रहे थे. इन्होंने कल कहा कि मुंबई हमले के बाद मनमोहन सरकार ने कुछ नहीं किया. जब घटना चल रही थी, तभी तीन आतंकियों को मार दिया गया था और एक बचा था जिसे पकड़ा गया और बाद में फांसी दी गई. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और देश के गृह मंत्री ने इस्तीफा दिया. राजनाथ जी उरी-पुलवामा के समय गृह मंत्री थे, आज वह रक्षा मंत्री हैं. अमित शाह के समय मणिपुर जल रहा है, दिल्ली दंगे हुए, पहलगाम हुआ और आज भी वह गृह मंत्री हैं. क्यों. देश जानना चाहता है. पहलगाम हमला हुआ, सब एकजुट होकर खड़े हो गए. दोबारा होगा तो दोबारा भी खड़े हो जाएंगे. देश पर हमला होगा तो हम सब सरकार के साथ खड़े हो जाएंगे,. ऑपरेशन सिंदूर में सेना ने बहादुरी के साथ लड़ाई लड़ी, लेकिन श्रेय प्रधानमंत्री जी चाहते हैं.
सरकार भरोसे लोग पहलगाम गए थे, सरकार ने उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने सेना के शौर्य को सलाम किया और कहा कि आजादी अहिंसा के आंदोलन से मिली, लेकिन 1948 में पाकिस्तान की ओर से हुई पहली घुसपैठ से अब तक हमारी अखंडता को अक्षुण्ण रखने में सेना का बड़ा योगदान है. उन्होंने कहा कि मंत्रियों ने तमाम पहलू गिना दिए, इतिहास का पाठ भी पढ़ा दिया, लेकिन एक बात रह गई. पहलगाम में हमला कैसे हुआ, क्यों हुआ? ये सवाल अब भी खटक रहा है. प्रियंका गांधी ने शुभम द्विवेदी की पत्नी को भी कोट किया और कहा कि लोग सरकार के भरोसे पहलगाम गए थे, सरकार ने उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया. हमले की जिम्मेदारी किसकी है. क्या नागरिकों की सुरक्षा रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी नहीं है, क्या ये गृह मंत्री की जिम्मेदारी नहीं है. उन्होंने टीआरएफ की स्थापना, इसकी गतिविधियों और इसे आतंकी संगठन कहे जाने का जिक्र कर सवाल उठाए और कहा कि सरकार की कोई ऐसी एजेंसी नहीं है, जिसे भनक लगे कि ऐसे भयानक हमले की योजना बन रही है. ये एजेंसियों की विफलता है कि नहीं है. ये बड़ी विफलता है.