अवध सूत्र पर बड़ी ख़बरे
शिक्षक भर्ती में आरक्षण के मसले पर केजीएमयू को क्लीन चिट
शासन ने बैठक के राजभवन को भेजा पत्र,सदन में मामला उठने के बाद राज्यपाल ने दिए थे जांच के आदेश
लखनऊ। केजीएमयू में शिक्षक भर्ती की अड़चने दूर होने की राह आसान हो गई है। शासन ने आरक्षण संबंधी मसले पर क्लीन चिट दे दी है। इससे केजीएमयू प्रशासन ने राहत की सांस ली है।केजीएमयू में गुजरे साल जुलाई में 141 पदों पर शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया था। विज्ञापन में आरक्षण की अनदेखी के आरोप लगे। मामला सदन में भी उठा। इसके बाद राजभवन ने मामले की जांच के आदेश दिए। इसके बाद केजीएमयू प्रशासन ने भर्ती प्रक्रिया रोक दी थी। 30 नवम्बर को चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिसमें चिकित्सा शिक्षा विभाग के विशेष सचिव देवेंद कुमार सिंह, केजीएमयू कुलसचिव रेखा सिंह चौहान, फिजियोलॉजी विभाग के डॉ. संदीप भट्टाचार्य और अनुभाग अधिकारी आशीष शर्मा शामिल हुए। अफसरों ने सभी नियम और दस्तावेजों का परीक्षण किया। केजीएमयू अफसरों ने बैठक में बताया कि 28 अप्रैल को संशोधित विज्ञापन में सभी आपत्तियों को दूर कर दिया गया था। इस संबंध में शुद्धि पत्र भी प्रकाशित किया जा चुका है।बैठक के बाद अफसरों ने आरक्षण संबंधी नियमों का पालन होने की बात कही। बैठक की बिन्दुवार रिपोर्ट राजभवन को भेज दी। पत्र में साफ कहा गया है कि उपलब्ध दस्तावेज के अनुसार भर्ती विज्ञापन में किसी प्रकार की कमी प्रतीत नहीं होती है। वहीं केजीएमयू प्रशासन का कहना है कि आरक्षण संबंधी नियमों का पालन पहले ही किया जा चुका है।
शिक्षक भर्ती में आरक्षण समेत सभी नियमों का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है। शासन के निर्देश पर भर्ती प्रक्रिया को रफ्तार दी जाएगी। नियमों की अनदेखी किसी भी दशा में नहीं होने दी जाएगी। डॉक्टरों की भर्ती से मरीजों को इलाज हासिल करने में आसानी होगी। मेडिकल छात्रों की पढ़ाई की गुणवत्ता में भी और सुधार होगा।
डॉ. सोनिया नित्यानंद, कुलपति, केजीएमयू
ओबीसी युवाओं को सरकारी कम्प्यूटर प्रशिक्षण के तीसरे चरण की समय सारिणी संशोधित
26 दिसम्बर से प्रशिक्षणार्थियों की बायोमैट्रिक उपस्थिति के साथ प्रशिक्षण प्रारम्भ किया जायेगा
लखनऊ। प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने बताया कि पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में वर्ष 2023-24 के लिए कंप्यूटर प्रशिक्षण कार्यकम की तृतीय चरण के प्रशिक्षण की संशोधित समय-सारिणी जारी की गई है।इसके अनुसार 17 दिसम्बर तक प्रशिक्षणार्थियों द्वारा ओ लेवल कम्प्यूटर प्रशिक्षण एवं सीसीसी कंप्यूटर प्रशिक्षण के लिए ऑनलाइन आवेदन एवं शैक्षिक व अन्य अभिलेखों को अपलोड़ किया जाएगा। साथ ही आवेदन की प्रति डाउनलोड कर समस्त अभिलेखों सहित निर्धारित तिथि तक जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी कार्यालय में हार्ड कापी जमा की जाएगी।18 से 21 दिसंबर तक जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी द्वारा ऑनलाइन प्राप्त आवेदन पत्रों एवं अभिलेखों का प्रिंट प्राप्त किया जाएगा। आय, जाति प्रमाण पत्र व अन्य शैक्षिक अभिलेखों का ऑनलाइन सत्यापन करना एवं उनकी जांच की जाएगी। प्रशिक्षण के लिए पात्र प्रशिक्षणार्थियों को सत्यापित कर लॉक करना तथा अपात्र / त्रुटिपूर्ण आवेदनों को निरस्त किया जाएगा।निदेशालय द्वारा संस्थावार / पाठ्यकमवार आवंटित लक्ष्य के सापेक्ष अनुमोदन के बाद चयनित लाभार्थियों को सत्यापित कर डिजिटली लॉक किया जाएगा तथा शेष प्रशिक्षणार्थियों की प्रतीक्षा सूची तैयार करते हुए चयनित / प्रतीक्षा सूची पर जिला स्तरीय चयन समिति का अनुमोदन प्राप्त किया जाएगा।पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ने बताया कि 22 से 25 दिसम्बर तक चयनित अभ्यर्थियों का संबंधित संस्था द्वारा प्रवेश लेते हुए प्रशिक्षणार्थियों का निलिट में रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा। साथ ही प्रवेश न लेने वाले प्रशिक्षणार्थियों के सापेक्ष प्रतीक्षा सूची से पोर्टल पर एलाटमेन्ट करते हुए प्रवेश दिलाया जाएगा। सूचना ऑनलाइन लॉगिन पर अपडेट किया जाएगा। 26 दिसम्बर से प्रशिक्षणार्थियों का प्रशिक्षण प्रारम्भ कराया जाएगा तथा प्रशिक्षणार्थियों की आधार आधारित बायोमैट्रिक उपस्थिति कराई जाएगी।
केजीएमयू में नर्सिंग भर्ती परीक्षा का रिजल्ट इसी हफ्ते
55 हजार अभ्यर्थियों को रिजल्ट का इंतजार
लखनऊ, वरिष्ठ संवाददाता।केजीएमयू में नर्सिंग भर्ती परीक्षा का रिजल्ट गुरुवार तक आने की उम्मीद है। करीब 55 हजार अभ्यर्थी रिजल्ट के इंतजार में हैं। केजीएमयू प्रशासन ने एक से दो दिन में परीक्षा परिणाम घोषित करने का दावा किया है।केजीएमयू में 26 नवम्बर को नर्सिंग भर्ती की परीक्षा हुई। 1200 पदों के लिए परीक्षा हुई थी, जिसमें करीब 55 हजार अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। लगभग 10 हजार अभ्यथिर्यों ने परीक्षा नहीं दी। प्रदेश के पांच जिलों जिसमें आगरा, ग्रेटर नोएडा, प्रयागराज, गोरखपुर और लखनऊ के 134 केंद्रों पर परीक्षा हुई थी। जिसमें 4300 से अधिक पर्यवेक्षक थे।कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने बताया कि कड़ी सुरक्षा के बीच नर्सिंग भर्ती परीक्षा कराई गई है। एक से दो दिन में परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। फिर सफल अभ्यर्थियों के शैक्षिक दस्तावेज व अनुभव प्रमाण पत्रों की जांच होगी। उसके बाद नर्सों को ज्वाइनिंग की प्रक्रिया शुरू होगी।कुलपति ने बताया कि नर्सों के आने से मरीजों का इलाज आसान होगा। जिन विभागों में नर्सों की कमी है, उनमें वरीयता के आधार पर नर्सों को तैनात किया जाएगा। ट्रॉमा सेंटर व मरीजों के अधिक दबाव वाले विभागों में अतिरिक्त नर्सों की तैनाती की जाएगी।
ईडब्ल्यूएस सीटों पर दाखिले के लिए आय सीमा पांच लाख करें:कोर्ट
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) कोटा के तहत राष्ट्रीय राजधानी के स्कूलों में प्रवेश के लिए मौजूदा आय सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये सालाना करने का आदेश दिया है। सरकार को इसमें संशोधन करने को कहा गया है।उच्च न्यायालय ने कानून की व्याख्या करते हुए कहा कि आय मानदंड योजना के इच्छित लाभार्थियों के जीवन स्तर से मेल खाना चाहिए। उच्च न्यायालय का फैसला एक व्यक्ति द्वारा जन्म एवं आय प्रमाणपत्रों में हेराफेरी करके अपने बेटे का दाखिला ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत प्रतिष्ठित संस्कृति स्कूल में कराने के मामले में आया।पीठ ने छात्र द्वारा स्कूल से उसका प्रवेश रद्द करने को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। हालांकि पीठ ने बच्चे को सामान्य श्रेणी के छात्र के रूप में वहां पढ़ाई जारी रखने की अनुमति दी है। पीठ ने कहा कि छात्र जो वर्ष 2013 से अपनी पढ़ाई जारी रख रहा है उसकी कोई गलती नहीं है। पीठ ने छात्र के पिता पर अवैध तरीकों से बेटे का दाखिला कराने के लिए दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
शिक्षक ने की आत्महत्या बीईओ पर लगा आरोप
सुलतानपुर, संवाददाता। खण्ड शिक्षा अधिकारी की प्रताड़ना से आजिज आकर कुड़वार ब्लॉक के जूनियर हाईस्कूल पूरे चित्ता रवनिया के प्रभारी प्रधानाध्यापक ने सोमवार की देर शाम उन्होंने जहरीला पदार्थ खा लिया। लखनऊ में इलाज के दौरान मंगलवार को मौत हो गई।प्रभारी प्रधानाध्यापक सूर्य प्रकाश द्विवेदी बल्दीराय ब्लॉक के केवटली गांव के रहने वाले थे। उनकी डायरी में बीईओ द्वारा उन्हें परेशान किए जाने का जिक्र किया गया है। प्रभारी प्रधानाध्यापक की मौत की खबर मिलते ही सैकड़ों शिक्षक बीआरसी कार्यालय से लेकर उनके गांव तक इकट्ठा हो गए और खण्ड शिक्षाधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने की मांग पर अड़ गए। शिक्षक का शव देर शाम उनके गांव लाया गया।शव के वाहन को पुलिस ने गांव के बाहर ही मोड़ पर ही रोक दिया। मौके पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी परिजनों व गांव वालों की मान मनौव्वल में जुटे रहे। बीएसए दीपिका चतुर्वेदी ने बताया कि डीएम की तरफ से एडीएम प्रशासन की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है।जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जायेगी। अभी किसी के खिलाफ तहरीर नहीं दी गई है।
चक्रवाती तूफान ‘मिगजौम’ से प्रयागराज व वाराणसी में बारिश, प्रदेश में रातें अब और होंगी सर्द
लखनऊ। चक्रवाती तूफान मिगजौम का असर उत्तर प्रदेश के विंध्य व आसपास के इलाकों पर पड़ेगा। इसके अलावा प्रदेश के विभिन्न अंचलों में हुई बारिश के बाद अब रात के तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है। इस वजह से अब रात में सर्दी का असर और बढ़ेगा।बंगाल की खाड़ी में बने प्रचण्ड चक्रवाती तूफान ‘मिगजौम’ के पांच दिसंबर की दोपहर दक्षिणी आंध्र प्रदेश तट को पार करने के बाद उत्तर की ओर बढ़ने से इसकी वाह्य परिधि का प्रभाव पहुंचने से 6-7 दिसंबर के दौरान उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, वाराणसी यानि विंध्य एवं आसपास के सुदूर दक्षिणी-पूर्वी अंचल में बादल छाये रहने और हल्की बारिश के आसार हैं।पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से मध्य क्षोभमंडल में अरब सागर से आ रही नमी के प्रभाव से पिछले दो दिनों के दौरान प्रदेश में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। पिछले 24 घंटों के दौरान आज सुबह 8.30 बजे तक लखनऊ के मलिहाबाद में सर्वाधिक 32.5 मिमी के साथ अमौसी वेधशाला में 15.9 मिमी. बारिश दर्ज की गई जो दिसम्बर के दौरान अमौसी के इतिहास में 10वीं सर्वाधिक एक दिवसीय वर्षा है।इस पश्चिमी विक्षोभ कमजोर पड़ने के साथ ही मौसम साफ़ होने के कारण पछुआ हवा के प्रभाव से न्यूनतम तापमान में कल से तेजी से गिरावट आने की संभावना है।
स्कूलों के ऊपर से जल्द हटेंगी बिजली की एचटी-एलटी लाइनें
लखनऊ, प्रमुख संवाददाता।प्राइमरी के करीब ढ़ाई हजार स्कूलों के ऊपर से गुजरने वाली बिजली की एचडी-एलटी लाइनें जल्द ही हटाई जाएंगी। लाखों बच्चों के जीवन पर खतरा बने इन तारों को हटाने के लिए सोमवार को बेसिक शिक्षा विभाग ने संबंधित जिलों के डीएम व बीएसए को निर्देश जारी किए हैं। साथ ही विद्युत विभाग को भी इस मामले को गम्भीरता से लेकर अतिशीघ्र कार्रवाई करने का कहा है।आपके अपने पत्र ‘हिन्दुस्तान ने बीते मार्च में अलग-अलग जिलों में इस प्रकरण को प्रमुखता उठाया था जिसकी रिपोर्ट बेसिक शिक्षा विभाग के पास भी आई थी। तब से विभाग ने प्रदेश के सभी जिलों के बीएसए से न सिर्फ उचित कदम उठाने के निर्देश दिए थे बल्कि किन जिलों में कितने स्कूलों के ऊपर से बिजली की एचटी-एलटी लाइनें गुजर रही हैं, उसकी जानकारी मांगी थी। इस बारे में विभाग को अब तक तीन जिलों महोबा, मैनपुरी एवं पीलीभीत को छोड़ सभी जिलों ने अपने यहां के ऐसे स्कूलों की सूची भेज दी हैं, जिसके ऊपर से बिजली की लाइनें गुजर रही हैं।बेसिक शिक्षा विभाग के पास अलग-अलग जिलों से स्कूलों के ऊपर से गुजरने वाली बिजली की लाइनों से जुड़ी हजारों शिकायतें पिछले कई सालों से लगातार मिल रही थीं। जवाब में विभाग संबंधित बीएसए को स्थानीय प्रशासन के सहयोग से हटवाने के निर्देश जारी करता रहा। इसका नतीजा यह रहा कि कुछ स्कूलों के ऊपर से गुजर रहीं लाइनों को तो हटा दिया गया लेकिन ज्यादातर में बीएसए को इस कार्य में सफलता नहीं मिली।
लाइनें हटाने में होने वाले खर्च पर अटका है मामला
असल कारण था कि लाइनों को हटाने में आने वाला खर्च कौन वहन करेगा? ज्यादातर जगहों पर स्कूलों के ऊपर से गुजरने वाली लाइनें बिलकुल सीधी हैं और उसे हटाने से लाइन आड़ी-तिरछी हो सकती हैं या फिर आसपास के भवन उससे प्रभावित होने लगते हैं। लाइन को भूमिगत करने पर खर्च अधिक है और स्कूलों के ऊपर के तारों को भूमिगत करने या हटाने का बिजली विभाग के पास कोई अलग मद नहीं है। न ही शिक्षा विभाग के पास ही ऐसी कोई वित्तीय सुविधा है। ऐसे में लाइनें हटाने के खर्च को लेकर लम्बे समय से स्कूलों के ऊपर से गुजरने वाले बिजली के तारों को हटाया नहीं जा सका है।
नये नियम से तो मान्यता ही नहीं दी जा सकती
स्कूलों को मान्यता दिए जाने के नये नियम के अनुसार अगर विद्यालय भवन या परिसर के ऊपर से बिजली की तार गुजर रही हैं तो ऐसी दशा में उस स्कूल को मान्यता नहीं दी जा सकती। यह मानक मान्यता के शीर्ष पांच मानकों में से एक है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
बेसिक शिक्षा निदेशक डा. महेन्द्र देव कहते हैं-‘पुराने स्कूलों के ऊपर से ही एचटी-एलटी लाइनों के गुजरने की शिकायतें हैं। इसके लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस मामले में बिजली विभाग से समन्वय स्थापित कर तथा जरूरत पड़ने पर जिला प्रशासन से सहयोग लेकर स्कूलों के ऊपर से गुजर रहे एलटी-एचटी लाइनों को हटवाएं ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना की कोई अंदेशा न रहे।
अनुदानित व मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच टली
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अनुदानित व मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच फिलहाल नहीं होगी। यह बात मंगलवार को यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डा. इफ्तिखार अहमद जावेद और राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह के बीच हुई वार्ता में तय हुई। प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने मदरसों की जांच के लिए कमेटी गठित कर जांच की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी की थी।मंगलवार को इस बारे में यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन की अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री से वार्ता हुई। चेयरमैन ने मंत्री को एक पत्र भी सौंपा। इस पत्र में कहा गया है कि अभी मदरसों में वर्ष 2023 की वार्षिक परीक्षा में एक या दो विषय में फेल हुए या अनुपस्थित रहे परीक्षार्थियों के परीक्षाफल घोषित किये जाने की प्रक्रिया चल रही है।साथ ही अगली वार्षिक परीक्षा 2023-24 की तैयारी भी की जा रही है। बोर्ड की मंशा है कि चूंकि अगले साल की शुरुआत में लोकसभा चुनाव भी होने हैं इसलिए अन्य परीक्षा बोर्ड के साथ ही मदरसों की भी वार्षिक परीक्षा करवा ली जाए। ऐसी स्थिति में मदरसों की जांच शुरू होने से असमंजस पैदा हो रहा है।माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, सीबीएसई, आईसीएससी आदि सभी परीक्षा बोर्ड द्वारा लोकसभा चुनाव के मद्देनजर वार्षिक परीक्षा की तिथि फरवरी 2024 में करवाने के लिए घोषित हो चुकी है। मदरसा शिक्षा बोर्ड में भी परीक्षा की तैयारी चल रही है। इसलिए ऐसे समय में मदरसों की जांच प्रक्रिया परीक्षा कार्य को प्रभावित कर सकती है। इसलिए उक्त जांच प्रक्रिया को स्थगित किया जाना चाहिए।यूपी सरकार ने स्थाई मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच कराने की तैयारी की थी। इन मदरसों की संख्या 4394 है। सरकार इस जांच की शुरुआत सरकार से अनुदान पाने वाले 560 मदरसों से करने की तैयारी में थी।
यूपी के बेरोजगार युवाओं के लिए इंटर्नशिप योजना, काम सीखने के साथ कमाई का भी मौका, जानें कैसे
लखनऊ।यूपी की योगी सरकार प्रदेश के युवाओं के लिए सरकारी योजनाएं चलाती है। इनमें से ही एक यूपी इंटर्नशिप स्कीम है। जिसके तहत सूबे के बेरोजगार युवा काम सीखने के साथ 2500 रुपये भी पाएंगे। दरअसल राज्य सरकार इस योजना के तहत युवाओं को कामकाज से जोड़ने की कोशिश कर रही है। बता दें कि मानदेय के तौर पर मिलने वाले 2500 रुपये में से 1 हजार रुपये राज्य सरकार और बाकि के 1500 रुपये केंद्र सरकार की तरफ से दिए जाते हैं। यूपी इंटर्नशिप योजना की खास बात यह है कि इसके लिए 12वीं पास युवाओं के साथ हाई प्रोफाइल कोर्स करने वाले युवा भी आवेदन कर सकते हैं। इस स्कीम के तहत 20 फीसदी सीटें लड़कियों के लिए रिजर्व होती हैं। युवाओं को उनके ट्रेड के हिसाब से 6 महीने से लेकर 1 साल तक की ट्रेनिंग दी जाती है। आज की स्टोरी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि आप इस योजना के लिए कैसे आवेदन कर सकते हैं।
दस्तावेज
इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदनकर्ता के पास आधार कार्ड, पैन कार्ड, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, 10 और 12वीं के साथ हाई प्रोफाइल पढ़ाई की मार्कशीट, फोटो और बैंक अकाउंट डिटेल
होना चाहिए।
यहां करें आवेदन
सबसे पहले यूपी सरकार की रोजगार संगम की साइट https://sewayojan.up.nic.in/ पर जाएं।
यहां सबसे पहले खुद का रजिस्ट्रेशन कर लें।
अब यूपी इंटर्नशिप के ऑप्शन पर जाकर फॉर्म भर दें।
अंत में सबमिट पर क्लिक कर दें।
इसके अलावा आप ऑफलाइन तौर पर भी आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आपको रोजगार मेले में जाना होगा। बता दें कि यूपी सरकार की रोजगार संगम साइट की मदद से आप अपने मनमुताबिक जॉब भी ढूंढ सकते हैं।
चक्रवात मिचौंग से यूपी में भी बिगड़ सकता है मौसम
लखनऊ बंगाल की खाड़ी में उठे तूफान मिचौंग का असर उत्तर प्रदेश में भी देखने को मिल सकता है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार फिलहाल लखनऊ में बादलों की आवाजाही के साथ तेज हवा चल सकती है। सूबे के दक्षिण पश्चिमी हिस्सों में बूंदाबांदी और बारिश की संभावना है।मिचौंग के तट से टकराने के बाद अगले कुछ घंटों में तय हो जाएगा कि आगे तक इसका असर कितना रहता है। अमौसी स्थित मौसम केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल सिंह के अनुसार इस चक्रवाती तूफान का असर बुधवार से गुरुवार के बीच दक्षिण पश्चिम में दिख सकता है। पश्चिमी विक्षोभ गुजर जाने के बावजूद लखनऊ और आसपास के जिलों में बादलों की आवाजाही की भी यही वजह है। मौसम वैज्ञानिक के अनुसार ये बादल काफी ऊपर हैं, जो वर्षा नहीं करते। यदि बुधवार तक तूफान का वेग बना रहा तो लखनऊ में भी बूंदाबांदी या बारिश हो सकती है।
मलिहाबाद में सर्वाधिक बारिश
लखनऊ में पश्चिमी विक्षोभ के असर से हुई बारिश सबसे अधिक मलिहाबाद क्षेत्र में हुई। मौसम केन्द्र के अनुसार मलिहाबाद केन्द्र में 32.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई। अमौसी वेधशाला में 15.9 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई थी।
सुबह-शाम सर्द हवाएं
बारिश के दौरान नमी बढ़ने से न्यूनतम तापमान ज्यादा रहा। पश्चिमी विक्षोभ का असर खत्म होने के बाद मंगलवार सुबह निकलने वालों को सर्द हवाओं ने ठिठुराया। अमौसी मौसम केन्द्र के अनुसार अधिकतम पारा 25.6 डिग्री दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान 16.1 डिग्री सेल्सियस
पीसीएस-जे : मेधावियों के समायोजन को सूची जल्द
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा सिविल जज जूनियर डिवीजन (पीसीएस-जे) भर्ती 2022 में साक्षात्कार देने के बावजूद चयन से वंचित अभ्यर्थियों के समायोजन की सूची जल्द जारी होगी। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पीसीएस की तरह पीसीएस-जे 2022 के साक्षात्कार से छंटे अभ्यर्थियों से 20 नवंबर तक सहमति और सूचना मांगी थी। सहमति देने वाले मेधावियों की सूची आयोग की वेबसाइट पर जारी की जाएगी। आयोग के इस कदम की विधि विशेषज्ञों ने सराहना की है और कुछ लॉ फर्मों ने साक्षात्कार से छंटे अभ्यर्थियों को अपने यहां समायोजित करने की इच्छा भी जताई है। आयोग ने 30 अगस्त को पीसीएस-जे 2022 का परिणाम घोषित किया था। साक्षात्कार में शामिल 959 अभ्यर्थियों में से 302 को ही सफलता मिली थी। चयन से वंचित शेष 657 अभ्यर्थियों से नाम, साक्षात्कार तिथि, अनुक्रमांक, पिता/पति का नाम, जन्मतिथि, श्रेणी, लिंग, शैक्षिक अर्हताएं, पत्राचार का पता, मोबाइल नंबर आदि ई-मेल आईडी के माध्यम से आयोग ने मांगा था। इससे पहले तीन अक्टूबर को आयोग ने पीसीएस 2022 में चयन से वंचित 270 मेधावियों से सहमति लेने के बाद उनकी सूचना वेबसाइट पर अपलोड की थी।
बच्चों को समावेशी शिक्षा का मंच देना सरकार की जिम्मेदारी
प्रयागराज गोविंद बल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान में आयोजित दो दिनी राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन मंगलवार को हुआ। डॉ. अर्चना सिंह ने विषय-प्रवर्तन कराया। डॉ. अम्बुज शर्मा ने दिव्यांगता-समावेशी भारत के अतीत, वर्तमान एवं भविष्य विषय को रेखांकित किया। मुख्य अतिथि सक्षम संस्थान के संयुक्त सचिव कमलाकांत पांडेय ने कहा कि सभी के साथ अपने परिवेश में अपनी क्षमता और योग्यता के अनुसार पढ़ने का अवसर ही समावेशी शिक्षा है। कहा कि हमारे बच्चों को समावेशी शिक्षा का मंच प्रदान करना सरकार और समाज दोनों की जिम्मेदारी है।मुख्य वक्ता आम्बेडकर विश्वविद्यालय की प्रो. अनीता घई और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. सोमेंश्वर सती ने भी विचार रखे। डॉ. आलोक कुमार उपाध्याय ने अनेक प्रकार की दिव्यांगता एवं संबंधित सहायक तकनीक से सभी को परिचित कराया। कार्यक्रम में 40 शोधपत्र प्रस्तुत किए गए। इस अवसर पर डॉ. सुरेश कुमार दिगुमरथी, डॉ. सोनिया, प्रो. जीसी रथ, डॉ. जुएल राणा, डॉ. पूजा पाल, डॉ. सुभाष कुमार, डॉ. कैमई सैमसन मौजूद रहे।
विद्यापीठ: 51 छात्राओं व 14 छात्रों को मिलेगा स्वर्ण पदक
वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में 11 दिसंबर को दीक्षांत समारोह में 14 छात्रों व 51 छात्राओं को स्वर्ण पदक दिया जाएगा। इस तरह स्वर्ण प्राप्त करने वालों में लड़कों की तुलना में लड़कियां तीन गुना ज्यादा हैं।सर्वोच्च अंक पाने वालों में एमएससी बाटनी की आस्था मिश्रा, बीए की उजाला यादव, बीए संस्कृत में शिखा, बीकाम में इशिका, बीकाम आनर्स में श्रेयांश जैन, बीएससी में श्रेया त्रिपाठी, बीएससी (कृषि) में अंकित सिंह, बीएससी (टेक्सटाइल ऐंड हैंडलूम) में संध्या, बीएफए में जयश्री डे पुरकायस्था, बीएड में श्रेया गुप्ता, बीपीएड में आशीष कुजूर, बीम्यूज में भाविका जैन, बी लिब में निधि नारायण जायसवाल, एलएलबी में संजना उपाध्याय, बीबीए में सगुन सिंह, बीसीए में खुशी गुप्ता, बीए आनर्स मास कम्युनिकेशन में तृप्तिका बनर्जी, उत्कृष्ट खिलाड़ी पुरुष में सिद्धांत सेठ, उत्कृष्ट खिलाड़ी महिला में अंजलि पटेल व स्नातकोत्तर एमटीटीएम में मनीषा मौर्या हैं। वहीं 28064 छात्र व 37024 छात्राओं को स्नातक की उपाधि दी जाएगी। 4029 छात्र व 8500 छात्राओं को स्नातकोत्तर, 74 छात्र- छात्राओं को शोध व एक छात्र को डी. लिट् की उपाधि प्रदान की जाएगी।
बीईओ पर केस और 30 एईआरओ का वेतन कटेगा
वाराणसी। डीएम व जिला निर्वाचन अधिकारी एस. राजलिंगम ने सोमवार को मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम में लापरवाही पर बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने उत्तरी विस क्षेत्र के एईआरओ व खंड शिक्षा अधिकारी अखिलेश कुमार यादव पर केस दर्ज कराने का निर्देश दिया है। अखिलेश को प्रतिकूल प्रविष्टि देते हुए एक माह का वेतन काटने का भी आदेश दिया है। उनपर कार्रवाई के लिए शासन को भी लिखा जाएगा। वहीं, 30 एईआरओ का एक-एक दिन का वेतन काटने का आदेश दिया है।यूपी कॉलेज में मतदाता जागरूकता अभियान में भाग लेने के बाद डीएम ने पुनरीक्षण कार्य का निरीक्षण किया। उत्तरी विस क्षेत्र के एईआरओ के मौके पर नहीं पहुंचने पर डीएम ने नाराजगी जताई। उधर, कमिश्नरी सभागार में समीक्षा के दौरान नव मतदाता के फार्म-6 भरवाने की एईआरओ से प्रगति जानी। सभी विस क्षेत्रों की प्रगति खराब मिली। कैंटोंमेंट ईआरओ से स्पष्टीकरण मांगते हुए 9 दिसम्बर तक लक्ष्य पूरा करने की चेतावनी दी। कहा कि सभी एईआरओ बूथवार कम से कम 10 फार्म अवश्य भरें।फार्म-6 की प्रगति अत्यंत खराब पाये जाने पर दक्षिणी विस क्षेत्र के खंड शिक्षा अधिकारी, दो नायब तहसीलदार, दो सीडीपीओ का एक-एक दिन और बाल विकास परियोजना अधिकारी व जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी का एक-एक सप्ताह का वेतन काटने का निर्देश दिया और स्पष्टीकरण भी मांगा। रोहनियां विस क्षेत्र में काशी विद्यापीठ के खंड विकास अधिकारी द्वारा केवल 189 फार्म ही भरवाने पर जोनल अधिकारी, नायब तहसीलदार-कटेहर, खंड शिक्षा अधिकारी पंकज कुमार, खंड शिक्षा अधिकारी स्कन्द गुप्ता, सहायक चकबंदी अधिकारी, समाज कल्याण अधिकारी, तहसीलदार राजातालाब का एक-एक दिन और सीडीपीओ का एक सप्ताह का वेतन काटते हुए स्पष्टीकरण मांगा है।डीएम ने बताया कि 30 लाख वोटर में से केवल सात हज़ार फार्म पहुंचे हैं। 18 से 19 साल के वोटरों का प्रतिशत 4 फीसदी होना चाहिए जो अभी 0.6 ही है। डीएम ने कहा कि बीएलओ व सुपरवाइजर की मीटिंग कराकर युद्धस्तर पर फार्म इकट्ठा कराएं। जिनकी प्रगति खराब हो उनका मानदेय काटा जाए।
इग्नू वाराणसी के हेमंत को सर्वश्रेष्ठ नवाचार का पुरस्कार
वाराणसी। इग्नू वाराणसी के एमबीए के छात्र हेमंत सिंह को सीड बॉल ब्रॉडकास्टिंग ड्रोन प्रणाली के लिए सर्वश्रेष्ठ नवाचार पुरस्कार मिला। इसके अंतर्गत उन्होंने तेजी से वनों की कटाई को देखते हुए डेटा विज्ञान और पारिस्थितिकी का उपयोग कर मानसून के दौरान वनों की भूमि बहाली के लिए काम किया। वाराणसी केंद्र के क्षेत्रीय निदेशक डॉ उपेन्द्रनभ त्रिपाठी ने सोमवार को उनका अभिनंदन किया।हेमंत सिंह नेशनल कोल लिमिटेड (एनसीएल) सहित अन्य कंपनियों के साथ सोनभद्र और मिर्जापुर के पहाड़ी क्षेत्रों में इस तकनीक का इस्तेमाल किया। बड़े पैमाने पर पौधारोपण के बाद उन पौधों को सूखने से बचाने में बड़ी सफलता अर्जित की। हेमंत सिंह ने बताया कि आज औद्योगिकीकरण, शहरीकरण व प्रकृति के अतिदोहन से पहाड़ी और घने इलाकों में पारिस्थितिकी संतुलन बिगड़ रहा है। इसे पुनः बहाल करने के लिए सीड बॉल ब्रॉडकास्टिंग का उपयोग किया जा रहा है।इसके लिए बीजों को जैविक खाद मिली मिट्टी के साथ उनका गोला बनाकर सीड बॉल ब्रॉडकास्टिंग ड्रोन प्रणाली से रोपा जा रहा है। नेशनल सेंटर फॉर इनोवेशन इन डिस्टेंस एजुकेशन (एनसीआईडीई) द्वारा इग्नू के 13 छात्रों को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विवि के स्थापना दिवस पर दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और इग्नू के कुलपति प्रो. नागेश्वर राव ने पुरस्कृत किया। इसमें सात को श्रेष्ठ इनोवेटर्स और छह को स्टार्टअप पुरस्कार दिए गए। इन छात्रों ने विशेषज्ञ समितियों के समक्ष अपने नवाचारों और स्टार्टअप को प्रस्तुत किया था।
ओपीएस पर किसी भी वक्त निर्णय ले सकती है सरकार, तो फिर क्यों आ रही कर्मियों के कमर कसने की नौबत
जितेंद्र भारद्वाज।देश में ‘पुरानी पेंशन’ बहाली या एनपीएस में सुधार, इस मुद्दे पर केंद्र सरकार बहुत जल्द अंतिम निर्णय ले सकती है। इसके बावजूद, सरकारी कर्मचारियों के लिए ‘ओपीएस’ पर कमर कसने की नौबत आ रही है। कर्मचारी संगठन, एक खतरा महसूस कर रहे हैं कि मध्यप्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस सरकार द्वारा बहाल की गई ‘पुरानी पेंशन’ योजना अब वापस हो जाएगी। वजह, इन दोनों प्रदेशों के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रचंड बहुमत से जीत हासिल की है। ओपीएस के लिए गठित नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) की संचालन समिति के राष्ट्रीय संयोजक एवं स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद ‘जेसीएम’ के सचिव शिवगोपाल मिश्रा ने कहा, केंद्र सरकार इस मुद्दे पर जल्द ही फाइनल निर्णय ले सकती है।रेलवे और रक्षा क्षेत्र (सिविल) में स्ट्राइक बैलेट हो चुका है। अब देश में अनिश्चितकालीन हड़ताल की तिथि निर्धारित करने के लिए बैठक होगी। अगर किसी राज्य में ओपीएस को खत्म किया जाता है, तो उसका बड़े स्तर पर विरोध किया जाएगा। कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एंप्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव एसबी यादव का कहना है, हमारी प्रमुख मांग पीएफआरडीए एक्ट को खत्म करने या उसमें बदलाव की है। इसके बिना ‘ओपीएस’ बहाली संभव नहीं है। किसी प्रदेश में ओपीएस खत्म होती है, तो निश्चित तौर पर हमारा कन्फेडरेशन आवाज उठाएगा।
ज्वाइंट फोरम की बैठक में होगा निर्णय
शिव गोपाल मिश्रा ने बताया, ओपीएस पर केंद्र और सरकार के कर्मचारी लगातार अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। कर्मचारी संगठनों ने रामलीला मैदान में रैलियां की हैं। सरकार के समक्ष कई प्लेटफॉर्म के माध्यम से ओपीएस की मांग उठाई गई है। हमने सरकार को स्पष्ट तौर पर बता दिया है कि कर्मचारियों को ओपीएस के अलावा कुछ भी मंजूर नहीं है। सरकार को एनपीएस खत्म करना होगा और गारंटीकृत पुरानी पेंशन योजना बहाल करनी पड़ेगी। संभव है कि भारत सरकार, इस मुद्दे पर ही बहुत जल्द कोई निर्णय ले सकती है। ओपीएस एक गैर राजनीतिक मुद्दा है। केंद्र या राज्यों में सरकार चाहे जिस भी दल की हो, हमारा आंदोलन जारी रहेगा। रेलवे के 11 लाख कर्मियों में से 96 फीसदी कर्मचारी ओपीएस लागू न करने की स्थिति में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा रक्षा विभाग (सिविल) के चार लाख कर्मियों में से 97 फीसदी कर्मी, हड़ताल के पक्ष में है। स्ट्राइक बैलेट, पूरी तरह निष्पक्ष तरीके से हुआ है। कर्मियों ने बिना किसी दबाव के अपना मत डाला है। अब जल्द ही 15 दिसंबर को नई दिल्ली में ज्वाइंट फोरम की बैठक बुलाई जा रही है। उसमें सभी संगठनों से बातचीत कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के निर्णय पर मुहर लगेगी। ज्वाइंट फोरम में केंद्रीय संगठनों के अलावा राज्यों के भी 36 संगठन शामिल हैं।
पीएफआरडीए में संशोधन के बिना ओपीएस संभव नहीं
कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एंप्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव एसबी यादव ने कहा, पुरानी पेंशन योजना को दोबारा से लागू करने वाली राज्य सरकारों और केंद्र के बीच विवाद है। जिन गैर-भाजपा शासित राज्यों ने अपने कर्मियों को पुरानी पेंशन के दायरे में लाने की घोषणा की थी, उन्हें केंद्र सरकार ने ‘एनपीएस’ में जमा कर्मियों का पैसा वापस देने से मना कर दिया था। केंद्र सरकार की तरफ से यह बात साफ कर दी गई थी कि यह पैसा ‘पेंशन फंड एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी’ (पीएफआरडीए) के पास जमा है। नई पेंशन योजना ‘एनपीएस’ के अंतर्गत केंद्रीय मद में जमा यह पैसा राज्यों को नहीं दिया जा सकता। वह पैसा केवल उन कर्मचारियों के पास जाएगा, जो इसका योगदान कर रहे हैं। यादव ने कहा, तीन नवंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एंप्लाइज एंड वर्कर्स के बैनर तले आयोजित हुई रैली में ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट एंप्लाइज फेडरेशन सहित करीब 50 कर्मचारी संगठनों ने हिस्सा लिया था। उस रैली में कई मांग उठाई गई थी। केंद्र सरकार में रिक्त पदों को नियमित भर्ती के जरिए भरना, निजीकरण पर रोक, आठवें वेतन आयोग का गठन और कोरोनाकाल में रोके गए 18 महीने के डीए का एरियर जारी करना, इन मांगों के अलावा पीएफआरडीए एक्ट में संशोधन करना या उसे पूरी तरह खत्म करना भी शामिल था। जब तक इस एक्ट को खत्म नहीं किया जाता, तब तक विभिन्न राज्यों में लागू हो रही ओपीएस की राह मुश्किल ही बनी रहेगी।
जंतर मंतर पर आयोजित होगी ‘पेंशन जयघोष महारैली
ऑल इंडिया एनपीएस एंप्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मंजीत पटेल का कहना है कि ‘नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत’ के बैनर तले जंतर मंतर पर 10 दिसंबर को ‘पेंशन जयघोष महारैली’, आयोजित होगी। अगर इसके बाद भी केंद्र सरकार, पुरानी पेंशन बहाल नहीं करती है, तो उस रैली में अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की जाएगी। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) के अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा है, अगर किसी भी राज्य में ओपीएस को वापस लिया जाता है, तो उस स्थिति में विरोध प्रदर्शन होगा। कर्मचारी संगठनों को यह आशंका है कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ओपीएस योजना खत्म कर दी जाएगी। ऐसा होता है, तो उसके खिलाफ बड़ा आंदोलन किया जाएगा। हमारा संगठन, देश के विभिन्न हिस्सों में पुरानी पेंशन लागू कराने के लिए संघर्षरत है। ओपीएस की मांग के लिए पटना में 10 दिसंबर को सरकारी कर्मियों की एक बड़ी रैली आयोजित होगी। केंद्र सरकार को पुरानी पेंशन बहाली को लेकर सकारात्मक निर्णय लेना पड़ेगा। एनपीएस स्कीम में शामिल कर्मी, अगर 18 साल बाद रिटायर होते हैं, तो उन्हें दो-चार हजार रुपये की मासिक पेंशन मिलती है
अनुदानित व मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच टली
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अनुदानित व मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच फिलहाल नहीं होगी। यह बात मंगलवार को यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डा. इफ्तिखार अहमद जावेद और राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह के बीच हुई वार्ता में तय हुई। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने मदरसों की जांच के लिए कमेटी गठित कर जांच की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी की थी।
तमिलनाडु में बाढ़ से भारी तबाही, 12 लोगों की मौत
चेन्नई। उत्तरी तटीय तमिलनाडु में चक्रवाती तूफान ‘मिचौंग’ के कारण चेन्नई और आसपास के जिलों में सोमवार को बाढ़ ने भारी तबाही मचाई। इससे राज्य में मरने वालों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है। इसके साथ ही मंगलवार को चेन्नई और उसके आसपास के जलभराव वाले इलाकों में फंसे लोगों को बचाने के लिए नौकाओं और ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया गया। चेन्नई के निगम मुख्यालय में मंगलवार को मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि राहत कार्य युद्ध स्तर किए जा रहे हैं
8वां वेतन आयोग का शीघ्र गठन करे केंद्र सरकार
कानपुर। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष राजा भरत अवस्थी की अध्यक्षता में मंगलवार को विकास भवन सभागार में बैठक हुई। इसमें पदाधिकारियों ने केंद्र सरकार से 8वां वेतन आयोग गठन करने की मांग की। संचालन जिला मंत्री इंजीनियर कोमल सिंह ने किया। अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुरेश चन्द्र गुप्ता, पेंशनर्स कल्याण समिति के मंडल संयोजक इंजीनियर एएन द्विवेदी, परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष आरडी सिंह आदि रहे।
बिना अनुमोदन कॉलेज में की क्लर्क की नियुक्ति
सर्वोदय शिक्षा सदन इंटर कॉलेज भीरपुर का मामला
2013 से क्लर्क, चपरासी की नियुक्ति पर है रोक
मैनेजर-डीआईओएस कार्यालय की मिलीभगत
प्रयागराज। एनपीएस घोटाला, कोरांव के संस्कृत महाविद्यालय में नौ शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति के बाद जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय का एक और कारनामा सामने आया है। इस बार प्रदेश सरकार से सहायता प्राप्त सर्वोदय शिक्षा सदन इंटर कॉलेज भीरपुर करछना में सहायक लिपिक की नियुक्ति कर दी गई। हैरानी की बात है कि लिपिक की नियुक्ति से पहले नियमानुसार माध्यमिक शिक्षा निदेशक से अनुमति भी नहीं ली गई।गौरतलब है कि शासन ने चार सितंबर 2013 से एडेड कॉलेजों में लिपिकों की सीधी नियुक्ति पर रोक लगा दी थी। पिछले साल नियुक्ति से रोक तो हटी लेकिन उसके लिए कठिन चयन प्रक्रिया और पीईटी सफल अभ्यर्थियों को ही अर्ह किया गया था। आरोप है कि सर्वोदय शिक्षा सदन इंटर कॉलेज भीरपुर करछना में सारे कायदे-कानून दरकिनार करते हुए सहायक लिपिक पद पर अर्पित कुमार सिंह की नियुक्ति 26 फरवरी 2018 को दिखाई गई है और वेतन पांच साल बाद हाल ही में जारी हुआ है। शासनादेश के अनुसार चयन समिति में प्रधानाचार्य का भी शामिल होना अनिवार्य है लेकिन इस मामले में प्रधानाचार्य डॉ. सूर्यकान्त को कोई जानकारी नहीं है। फर्जी नियुक्ति की शिकायत आईजीआरएस पोर्टल के साथ ही महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद से हुई है।वर्ष 2010 से 2022 तक विद्यालय में लिपिक की नियुक्ति के संबंध में की गई कोई भी प्रक्रिया मेरे संज्ञान में नहीं है और न ही कोई पत्रावली है। दो परिचारक की नियुक्ति 2013 में हुई लेकिन उसकी पत्रावली भी विद्यालय में नहीं है।
तहसीलों में बिना तिथि, स्पष्ट मोहर व हस्ताक्षर मान्य नहीं
लखनऊ। राजस्व दफ्तरों में अब मेटल की मोहरें ही प्रयोग होंगी। साथ ही सभी बाबुओं, लेखपालों, कानूनगो के हस्ताक्षर के नमूने और कॉपी सभी एसडीएम के पास रहेंगे। कोई भी हस्ताक्षर बिना दिनांक और मोहर के मान्य नहीं होगा। यह निर्देश डीएम सूर्य पाल गंगवार ने मंगलवार को राजस्व कार्यों की समीक्षा बैठक में दिए हैं।फर्जी हस्ताक्षरों के जरिए आदेश निकालने की पूर्व में कई घटनाएं हो चुकी हैं। सरोजनीनगर में पिछले वर्ष ही आठ राजस्व कर्मियों के फर्जी आदेश के जरिए जमीन कब्जे की घटना सामने आई थी। ऐसे में अब सावधानी बरती जा रही है। कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में डीएम ने कहा कि मेटल की मोहरों की कॉपी नहीं हो सकती। इसलिए अब इसका प्रयोग होगा। कार्यालय में जिस कर्मचारी के पास मोहर हो, उसे लिखित में प्रभार मिले। निर्देश दिया पांच वर्षों से अधिक समय से लम्बित मुकदमों को एक माह में निस्तारित करें। किसी तहसील में मुकदमे लम्बित रहते हैं तो संबंधित अफसर पर कार्रवाई होगी। समीक्षा के दौरान तेज निस्तारण मलिहाबाद में मिला। डीएम ने सात दिनों में रेरा के मुकदमों की वसूली का निर्देश दिया। तहसील के आधार पर आरसी की सूची तैयार की जाएगी। इसके बाद वसूली होगी।