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पंजाब में नही थम रही पराली की आग, 26,583 पहुंचा आंकड़ा, CM मान का जिला लगातार अव्वल, दिल्ली में प्रदूषण से सख्ती जारी, UP भी चपेट में

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पंजाब में नही थम रही पराली की आग, 26,583 पहुंचा आंकड़ा, CM मान का जिला लगातार अव्वल, दिल्ली में प्रदूषण से सख्ती जारी, UP भी चपेट में

पंजाब में पराली जलाने के मामले थम नहीं रहे हैं. खेतों में आग के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. पंजाब सरकार का अपना ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड रिमोट सेंसिंग पर रिपोर्ट होने वाले पराली को आग लगाने के आंकड़े जारी कर रहा है लेकिन पंजाब सरकार को ही उन आंकड़ों पर भरोसा नहीं है. पंजाब सरकार का कहना है कि जितने आंकड़े दिखाए जा रहे हैं पंजाब उतनी जगह पराली जल नहीं रही.

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पिछले कल प्रदेश के कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड देखने वाले मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने अपने ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़़ों को झुठलाते हुए कहा कि पंजाब को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. दिल्ली में पराली के धुएं के कारण गैस चैंबर बनने जैसी परिस्थितियां बन गई हैं, हेल्थ इमरजेंसी लगाकर स्कूलों को बंद कर दिया गया है और पंजाब के दोनों मंत्री कह रहे हैं कि प्रदूषण हरियाणा में जल रही पराली के कारण फैला है. उन्होंने बाकायदा प्रेस कान्फ्रेंस में हरियाणा के शहरों के प्रदूषण का स्तर तक बताया.

दोनों मंत्रियों ने पंजाब में धुएं से प्रदूषण न होने का दावा करते हुए कहा कि हवा गुणवत्ता आयोग ने जो टॉप टेन प्रदूषित शहरों का आंकड़ा जारी किया उसमें पंजाब का कोई शहर नहीं है. कृषि मंत्री ने तो अपने दावे को जस्टिफाई करने के पिछले सालों के आंकड़े तक दे डाले कि इस बार कम रकबे में पराली जली है. हालांकि धरातल पर हालात यह हैं कि आसमान में धुएं की मोटी परत बन गई है और शहरों में शाम लेकर रात कर हवा में प्रदूषण का स्तर 300 तक पहुंच रहा है.

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नए आंकड़ों के मुताबिक पिछली रात तक 2437 नए मामले पंजाब में पराली जलाने के रिपोर्ट हुए हैं. इनके साथ ही राज्य में पराली जलाने का आंकड़ा 26583 पर जा पहुंचा है. यहां पर हैरानी की बात तो यह है कि पिछले करीब तीन चार दिनों से मुख्यमंत्री का जिला संगरूर पराली जलाने में अपनी बढ़त बनाए हुए हैं. ताजा आंकड़े जो सामने आए हैं उनमें भी मुख्यमंत्री भगवंत मान का जिला संगरूर 471 नए पराली जलाने के मामलों के साथ पंजाब भर में अव्वल है.

पंजाब में पराली जलाने के सबसे ज्यादा मामले मालवा क्षेत्र में दर्ज हुए हैं जबकि दोआबा और माझा में पराली जलाने के मामलों में काफी कमी आई है. मालवा में संगरूर के बाद पराली जलाने में दूसरे नंबर पर 258 मामलों के साथ बठिंडा और 267 पराली जलाने के मामलों के साथ बरनाला तीसरे स्थान पर है।

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