Responsive Menu

Download App from

Download App

Follow us on

Donate Us

राहुल गांधी के सख्त स्टैंड के चलते बागियों की कांग्रेस में वापसी पर लग सकता है ग्रहण

Author Image
Written by

राहुल गांधी के सख्त स्टैंड के चलते बागियों की कांग्रेस में वापसी पर लग सकता है ग्रहण

बागियों की वापसी पर `राहुल’ का सख्त स्टैंड!न Blackmail होंगे न जिद सहेंगे

सूत्रों की खबर-काँग्रेस VP की राय, एक बार और सरकार भले न आए पर अनैतिक दबाव नहीं मानेंगे’

Advertisement Box

पूर्व बागियों की कांग्रेस में वापसी की कोशिशों पर इसी लिए `ब्रेक’

चेतन गुरूंग
कांग्रेस VP और असली Driver राहुल गांधी उत्तराखंड में अपने 5 साल पहले के बागियों को फिर वापस लेने के मामले में बहुत सख्त रुख अपनाए हुए हैं। उनके स्टैंड के चलते ही जो पूर्व बागी चाह के भी फिर से कांग्रेस नहीं लौट पा रहे हैं कि उनको पार्टी से किसी भी किस्म का कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया जा रहा। कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक जब भी उत्तराखंड के सूबेदार-जमींदार उनसे मिल रहे तो उनका संकेत साफ रहता है। भले एक बार और सरकार न आ पाए, लेकिन बागियों की किसी भी शर्त को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

हकीकत तो ये ही है मशहूरे सियासत समझे जाने वाले कई नामचीन भाजपा विधायक और मंत्री की चाह के भी कांग्रेस में फिर से लौटने की गाड़ी राहुल बाबा के इस रुख और सख्त फैसले के कारण अटक गई है। उनका मानना है कि एक बार भले सरकार और उनके पास न आए लेकिन भविष्य में सभी राज्यों में पार्टी को फिर कोई परेशानी नहीं होगी। एक बार संदेश साफ चला जाएगा कि कांग्रेस बागियों के साथ कोई सहानुभूति न तो रखती है न ही उनके दबाव में आने वाली है।

इसकी एक वजह ये भी है कि उनको ये लग रहा है कि विधानसभा चुनाव में अबकी बार कांग्रेस सरकार होने वाला है। पूर्व बागियों को भी इसका एहसास हो रहा है। इसके चलते ही वे बीजेपी छोड़ कांग्रेस लौटने को बेसब्र दिख रहे हैं। जिन पूर्व बागियों के नाम कांग्रेस जाने के लिए सुर्खियों में हैं उनमें मंत्री डॉ0 हरक सिंह रावत, विधायक उमेश शर्मा काऊ का नाम ज़ोरशोर से लिया जा रहा है। हरक ये तो कह रहे कि उनका कोई ईरादा कांग्रेस जाने या बीजेपी छोड़ने का नहीं है, लेकिन कोई उन पर यकीन नहीं कर रहा।

खुद बीजेपी के बड़े नेताओं को भी उन पर भरोसा नहीं रह गया है। इसकी बड़ी वजह उनका बार-बार बयान बदलते रहना है। वह कभी काँग्रेस चुनाव अभियान समिति के प्रमुख हरीश रावत की आलोचना करते नजर आते हैं तो कभी उनको बड़ा भाई और अपना गुरु किस्म का करार देते नजर आते रहे हैं। इसके चलते ही ये चर्चा आग की तरह फैली कि वह बीजेपी में अपनी पारी खेल चुके हैं। नई पारी की शुरुआत वह फिर से काँग्रेस से कर सकते हैं।

काऊ तो कांग्रेस जॉइन करने के लिए दिल्ली भी पहुँच चुके थे। बीजेपी ने उनको 11वें घंटे में किसी तरह रोकने में सफलता पाई। काऊ के बारे में कहा जा रहा है कि वह काँग्रेस में सरकार आने पर मंत्री बनाए जाने की गारंटी चाहते हैं। हरक तो ऐसा चाहते ही हैं, साथ ही अपने खानदान में से किसी और को भी टिकट की मांग करने के मूड में माने जाते हैं। पहले ये माना जा रहा था कि उनकी कांग्रेस में वापसी में असली अड़चन हरीश हैं। धीरे-धीरे पुख्ता सूत्रों के मुताबिक ये पता चल रहा है कि असली रुकावट राहुल बाबा हैं। वह किसी को भी कोई गारंटी तो दूर आश्वासन तक देने के हक में नहीं हैं। ये बात भी सच है कि प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह भी इस हक में हैं कि पूर्व बागियों को पार्टी में फिर ले लिया जाए।

कांग्रेस के अघोषित सुप्रीम कमांडर राहुल के कड़क रुख के चलते पूर्व कांग्रेस बागियों और उनकी वापसी के समर्थकों की उम्मीदों पर घड़ों पानी पड़ता दिख रहा है। पूर्व बागियों को ये भी खतरा लग रहा है कि ऐसा न हो कि माना वे तो काँग्रेस में चले जाएं और उनको टिकट तक के लाले पड जाये।

आज का राशिफल

वोट करें

भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम के बाद कांग्रेस ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। क्या सरकार को इस पर विचार करना चाहिए?

Advertisement Box
Advertisement Box
WhatsApp