
देश के सबसे स्वच्छ शहर का तमगा लगातार आठ बार जीत चुके इंदौर में दूषित पानी की सप्लाई से हाहाकार मच गया है। भागीरथपुरा इलाके में नर्मदा जल योजना की मुख्य पाइपलाइन में लीकेज के कारण सीवरेज का पानी मिल गया, जिससे उल्टी-दस्त की महामारी फैल गई। स्थानीय निवासियों का दावा है कि अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि प्रशासन ने केवल 3 मौतों की पुष्टि की है। 100 से अधिक मरीज विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर है।
नगर निगम आयुक्त दिलीप कुमार यादव ने बताया कि जांच में मुख्य पाइपलाइन पर बने सार्वजनिक शौचालय के नीचे लीकेज मिला, जिससे ड्रेनेज का पानी पीने की लाइन में घुस गया। शौचालय को बंद कर दिया गया है और लाइन की मरम्मत की जा रही है। फिलहाल इलाके में नर्मदा सप्लाई बंद कर टैंकरों से पानी दिया जा रहा है। पानी के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।
मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने 7 मौतों की बात स्वीकारी, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने अन्य मौतों को पहले से मौजूद बीमारियों या कार्डियक अरेस्ट से जोड़ा। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घटना को गंभीर बताते हुए तीन अधिकारियों पर कार्रवाई की-दो निलंबित और एक की सेवा समाप्त। मृतकों के परिवारों को 2 लाख रुपये की सहायता और सभी मरीजों का मुफ्त इलाज का ऐलान किया गया है।
कांग्रेस ने इसे भाजपा सरकार की घोर लापरवाही करार दिया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि इंदौर ने भाजपा को सब कुछ दिया, लेकिन बदले में जहर मिला। पार्टी ने मेयर और आयुक्त पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की।
यह घटना स्वच्छ सर्वेक्षण में नंबर-1 शहर की छवि पर बड़ा सवाल खड़ा कर रही है। निवासियों का गुस्सा फूट पड़ा है, वे कई दिनों से गंदे पानी की शिकायत कर रहे थे, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया।








