
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत पहुंच गए हैं। उनका यह दौरा रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद पहला भारत दौरा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एयरपोर्ट पर पुतिन का गर्मजोशी से स्वागत किया। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को गले लगाया और मित्रता का भाव दिखाया। इसके बाद मोदी और पुतिन एक ही गाड़ी में बैठकर एयरपोर्ट से रवाना हुए।
इस दौरे का मुख्य उद्देश्य भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करना है। पुतिन भारत में करीब 30 घंटे रहेंगे। प्रधानमंत्री मोदी आज रात उनके सम्मान में एक प्राइवेट डिनर की मेजबानी करेंगे। इस डिनर में दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।
पुतिन के दौरे से पहले रूस के कई वरिष्ठ मंत्री दिल्ली पहुंच चुके हैं। इनमें डिप्टी प्रधानमंत्री डेनिस मांतुरोव, रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और कृषि मंत्री दिमित्री पेट्रोव शामिल हैं। इन मंत्रियों के दौरे का मकसद भारत और रूस के बीच व्यापार, रक्षा और कृषि के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देना है।
विशेष रूप से यह दौरा दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूती देगा। रक्षा, ऊर्जा और व्यापार के क्षेत्र में नई परियोजनाओं पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा, पुतिन का यह दौरा भारत की अंतरराष्ट्रीय स्थिति को भी मजबूत बनाने में मदद करेगा।
विश्लेषकों का कहना है कि पुतिन का यह दौरा वैश्विक राजनीति में संतुलन बनाने में अहम भूमिका निभा सकता है। दोनों देशों के नेताओं के बीच मित्रता और सहयोग को देखकर यह साफ होता है कि भारत और रूस लंबे समय से सहयोगी रहेंगे।इस दौरे से न केवल राजनीतिक और आर्थिक संबंध मजबूत होंगे, बल्कि दोनों देशों के बीच आपसी समझ और दोस्ती भी बढ़ेगी।







