
नई दिल्ली: टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलॉन मस्क ने हाल ही में एक बयान में खुलासा किया है कि उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को कुछ नीतिगत फैसलों से रोकने की कोशिश की थी, लेकिन इसमें वह सफल नहीं हो सके। मस्क ने यह जानकारी लोकप्रिय पॉडकास्ट “पीपल बाय WTF” के इंटरव्यू में दी।
मस्क ने कहा कि उन्होंने ट्रम्प को नए टैरिफ और आयात शुल्क लागू करने के फैसले से रोकने का प्रयास किया, क्योंकि उनका मानना है कि ये नीतियाँ मुक्त व्यापार के सिद्धांतों के खिलाफ हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनावश्यक बाधाएँ पैदा कर सकती हैं। मस्क ने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे शहरों या राज्यों के बीच अतिरिक्त कर जीवन को जटिल बना देते हैं, वैसे ही देशों के बीच टैरिफ अर्थव्यवस्था में विकृतियाँ पैदा करते हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य केवल व्यावसायिक हितों की रक्षा नहीं है, बल्कि वैश्विक व्यापार को सुचारू बनाए रखना भी है। मस्क के अनुसार, टैरिफ न केवल अमेरिकी कंपनियों को प्रभावित कर सकते हैं, बल्कि अन्य देशों की कंपनियों और वैश्विक सप्लाई‑चेन को भी नुकसान पहुंचाते हैं।
यह बयान मस्क और ट्रम्प के संबंधों में बदलाव को भी उजागर करता है। पहले मस्क और ट्रम्प एक-दूसरे के मित्र और सहयोगी माने जाते थे, लेकिन अब उनके बीच सार्वजनिक रूप से मतभेद देखने को मिल रहे हैं। मस्क ने कहा कि ट्रम्प की मौजूदा नीतियां- जिनमें प्रोटेक्टिव टैरिफ और आयात शुल्क शामिल हैं, वैश्विक व्यापार और कंपनियों के लिए चुनौतीपूर्ण हैं।
यह बयान केवल व्यापारिक नीतियों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संकेत देता है कि बड़े उद्योगपति और वैश्विक नेता आर्थिक नीतियों पर खुलकर राय रखने लगे हैं। भारत जैसे देशों के लिए भी इसका असर हो सकता है, जो अमेरिकी आयात‑निर्यात नीतियों और वीज़ा कार्यक्रमों से सीधे प्रभावित होते हैं।
मस्क का यह इंटरव्यू वैश्विक आर्थिक समीकरणों पर गहरी छानबीन की आवश्यकता को भी रेखांकित करता है। मुक्त व्यापार और टैरिफ नीतियों पर उनके विचार उद्योग जगत और नीति निर्माताओं के लिए महत्वपूर्ण संकेत हैं।






