
बिहार के समस्तीपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को चुनावी रैली को संबोधित करते हुए विपक्ष पर करारा प्रहार किया। पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत ही एक अनोखे अंदाज़ में की—उन्होंने मंच से लोगों से कहा कि वे अपने मोबाइल की लाइट जलाएं, और फिर मुस्कुराते हुए पूछा—“अब बताइए, लालटेन की जरूरत है क्या?”
उनके इस बयान पर मैदान तालियों और नारों से गूंज उठा। मोदी ने इस प्रतीकात्मक इशारे के ज़रिए आरजेडी पर सीधा हमला बोला, जिसे उन्होंने बार-बार ‘जंगलराज’ की याद दिलाने वाला बताया।
प्रधानमंत्री ने अपने लगभग 45 मिनट के संबोधन में 30 बार ‘जंगलराज’ शब्द का ज़िक्र किया और कहा कि बिहार को एक बार फिर अंधकार के रास्ते पर ले जाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने राज्य को बिजली, सड़कों, शिक्षा और रोजगार के अवसरों से जोड़ा है, जबकि “लालटेन वाले सिर्फ अपने परिवार की चिंता में डूबे रहे।”
पीएम मोदी ने कहा—“आज बिहार के गांव-गांव में उजाला है, घर-घर में गैस का सिलेंडर है, किसानों के खेतों तक बिजली पहुंच चुकी है। लेकिन जिनके पास लालटेन थी, वो आज भी अंधकार की राजनीति करना चाहते हैं।”
इस बीच रैली में एक दिलचस्प राजनीतिक घटनाक्रम भी देखने को मिला। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान को मंच पर भाषण देने से रोक दिया गया। सूत्रों के अनुसार, कार्यक्रम की सूची में अचानक बदलाव किया गया, जिससे पासवान समर्थकों में नाराजगी देखी गई। हालांकि एनडीए के अन्य नेताओं ने इसे ‘तकनीकी कारण’ बताया।
मोदी ने अपने संबोधन में विपक्षी इंडिया गठबंधन को निशाने पर लेते हुए कहा कि यह “स्वार्थ और कुर्सी बचाने वाला गठबंधन” है। उन्होंने जनता से अपील की कि बिहार को फिर से “जंगलराज” में लौटने से बचाने के लिए एनडीए को भारी समर्थन दें। उन्होंने कहा की.. हमने बिहार को विकास की रोशनी दी है, अब इस रोशनी को बुझने नहीं देना है।”








