06/07/2023

अवध सूत्र

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अवध सूत्र पर बड़ी ख़बरे

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अवध सूत्र पर बड़ी ख़बरे

अवध सूत्र हिंदी दैनिक समाचार पत्र

कायदे-कानून दरकिनार, तबादले पर रार

सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूल के शिक्षकों का मामला

सामान्य की सीट पर ओबीसी का कर दिया स्थानान्तरण

पति-पत्नी के एक जिले में ट्रांसफर का नियम भी नहीं माना गया, बढ़ी निराशा

तबादला सूची के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की तैयारी में कई शिक्षक

संजोग मिश्र प्रयागराज। सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के तबादले के लिए दो साल तक चली कानूनी लड़ाई के बाद भी मनमानी हो गई। अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक सुरेन्द्र कुमार तिवारी की ओर से 30 जून को जारी 1193 शिक्षकों की तबादला सूची पर विवाद खड़ा हो गया है। आरोप है कि कायदे-कानून दरकिनार कर मनमाने तरीके से शिक्षकों के तबादले किए गए हैं। असंतुष्ट शिक्षक अब हाईकोर्ट में याचिका करने की तैयारी में है।माध्यमिक शिक्षा विभाग ने 12 जुलाई 2021 को ऑनलाइन ट्रांसफर के लिए 1056 रिक्तियां प्रदर्शित की थीं। जिसके सापेक्ष लगभग 2250 शिक्षकों ने आवेदन किया था। एक शिक्षक राकेश कुमार प्रजापति के याचिका करने पर प्रक्रिया 19 अगस्त 2021 को रोक दी गई और पौने दो साल तक कानूनी लड़ाई के बाद तबादले को हरी झंडी मिली। इन लगभग 2250 शिक्षकों व प्रधानाचार्यों में से 668 की फाइल शिक्षा निदेशालय पहुंची और 356 का ऑनलाइन जबकि 837 ऑफलाइन ट्रांसफर किया गया। पीड़ित शिक्षकों ने ऑफलाइन तबादले की आड़ में खेल किए जाने का आरोप लगाया है।

केएस इंटर कॉलेज हाथरस के प्रवक्ता जीव विज्ञान अवधेश सिंह ने अयोध्या के एसएसबी इंटर कॉलेज में तबादले के लिए 2021 में सामान्य वर्ग में ऑनलाइन आवेदन किया था। उनकी पत्नी अयोध्या में ही कार्यरत हैं और नियमावली के अनुसार उन्हें 100 गुणांक देते हुए उनका तबादला होना चाहिए था। उन्होंने हनुमत इंटर कॉलेज सुल्तानपुर का दूसरा विकल्प भी दिया था। 30 जून को जारी तबादला सूची में एसएसबी इंटर कॉलेज अयोध्या के पद को ओबीसी का मानते हुए उनका तबादला नहीं किया गया। खास बात यह है कि उन्होंने सुल्तानपुर का जो दूसरा विकल्प दिया था उस पर भी उनका तबादला न करके यहां 10 गुणांक वाले एक शिक्षक का स्थानान्तरण कर दिया गया।

जिला पंचायत इंटर कॉलेज मानपुर प्रयागराज में सहायक अध्यापक हिन्दी का एक पद था। यहीं कार्यरत एक शिक्षिका के पति, जो कि कासगंज में तैनात हैं, ने ऑनलाइन आवेदन किया था। 100 गुणांक पति-पत्नी और 10 अतिरिक्त गुणांक (छात्रों को बोर्ड परीक्षा में 80 प्रतिशत से अधिक अंक मिलने पर) के आधार पर तबादला होना चाहिए था। लेकिन इस एक पद के सापेक्ष दो अन्य शिक्षकों का तबादला कर दिया गया। अमरोहा से अनिल कुमार पाल और हाथरस से राम कैलाश प्रजापति का इस पद पर ट्रांसफर हो गया। अनिल की पत्नी कानपुर में तैनात हैं पर उन्हें पति-पत्नी को एक जिले के लिए मिलने वाले गुणांक का लाभ दे दिया गया। कुछ इसी तरह मिर्जापुर के शिवाजी इंटर कॉलेज में भी हुआ। यहां सहायक अध्यापक हिन्दी ओबीसी के एक पद पर दो शिक्षकों सत्येन्द्र कुमार यादव और रवीन्द्र कुमार का तबादला किया गया है।

तिलक इंटर कॉलेज कोटवा प्रयागराज में प्रवक्ता इतिहास के पद पर तबादले के लिए पूरे प्रदेश से आधा दर्जन से अधिक शिक्षकों ने ऑनलाइन आवेदन किया था। ऑनलाइन तबादला सूची में यह पद सामान्य वर्ग का था लेकिन 30 जून को जारी सूची में ओबीसी वर्ग के शकील अहमद का ट्रांसफर हो गया। शकील अहमद ने ऑफलाइन आवेदन किया था।

 

एलयू की केंद्रीयकृत प्रवेश व्यवस्था में 95 फीसदी निजी कॉलेज

प्रवेश प्रक्रिया में शामिल कॉलेजों की सूची जारी,मात्र चार एडेड कॉलेज हुए प्रक्रिया में शामिल

लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा केंद्रीयकृत प्रवेश व्यवस्था से जुड़े कॉलेजों की सूची जारी कर दी गई है। जिसमें 95 फीसदी से अधिक निजी कॉलेज सेल्फ फाइनेंस पाठ्यक्रमों के लिए हैं। पूरी सूची में किसी भी नामी एडेड या राजकीय कॉलेज का नाम नहीं है। अब प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को पता चल सकेगा कि काउंसलिंग प्रक्रिया में कौन-कौन से कॉलेज शामिल होंगे।एलयू में आवेदन करने वाले अभ्यर्थी असमंजस में थे कि यदि एलयू में एडमिशन न हुआ तो किस कॉलेज में दाखिला मिलेगा। कई अभ्यर्थियों को इस बात से परेशानी थी कि उन्हें कॉलेजों के नाम न पता होने से दोनों जगह फॉर्म भरना पड़ रहा है। बुधवार को एलयू ने स्नातक, स्नातक प्रोफेशनल व बीएलएड कॉलेजों की सूची जारी कर दी है।प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि अभ्यर्थी एलयू की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर एडमिशन पेज से स्नातक, स्नातक प्रोफेशनल और बीएलएड पाठ्यक्रम के कॉलेज की लिस्ट देख सकते हैं।डॉ. श्रीवास्तव का कहना है कि स्नातक स्तर पर बीए एनईपी के लिए 12, बीकॉम ऑनर्स में 14, बीकॉम एनईपी से 32, बीएससी कृषि में 4, बीएससी बायो में 8, बीएससी मैथ्स में 11, बीएजेएमसी से 4, बीवीए या बीएफए में 2 और एलएलबी पांच वर्षीय के लिए 11 कॉलेज जुडे हैं। बीएलएड के लिए 19 महाविद्यालय और स्नातक प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों में बीबीए में 18 व बीसीए में 15 कॉलेज शामिल हैं।

नामी एडेड कॉलेजों को रास नहीं आई प्रवेश व्यवस्था

एलयू से सम्बद्ध कई ऐसे कॉलेज हैं जिनका राजधानी में एक अलग नाम है। इसमें केकेसी, केकेवी, शिया, आईटी, क्रिश्चियन, विद्यांत, कालीचरण, डीएवी व अवध गर्ल्स डिग्री कॉलेज शामिल हैं। इनकी अलग प्रवेश प्रक्रिया है। यह कॉलेज एलयू की केंद्रीयकृत प्रवेश व्यवस्था में शामिल नहीं हैं। इसके पीछे वजह एलयू द्वारा प्रति विषय लिया जाना 50 हजार शुल्क है। जिसके लिए कॉलेज तैयार नहीं हुए। वहीं जो एडेड कॉलेज जुड़े हैं वह भी ज्यादातर सेल्फ फाइनेंस पाठ्यक्रम के लिए हैं।

केंद्रीयकृत प्रवेश से जुड़े मात्र चार एडेड कॉलेज

कॉलेज — पाठ्यक्रम— सीटें

नवयुग — बीए एनईपी– 700

— बीकॉम एनईपी– 240

एपी सेन — बीए एनईपी— 475

— बीकॉम एनईपी–80

करामत हुसैन- बीकॉम एनईपी–60

– बीएससी बायो– 120

– बीएससी मैथ्स– 60

महिला विद्यालय – बीएससी मैथ्स- 180

– बीसीए- 60

वर्जन–

सीयूईटी की तरह पारदर्शी प्रवेश प्रक्रिया होनी चाहिए। किसी भी कॉलेज से जुडने के लिए रूपये लिए जाएंगे तो वह कैसे जुड़ पाएगा। लुआक्टा द्वारा एलयू की केंद्रीयकृत प्रवेश व्यवस्था का विरोध जारी रहेगा।

– डॉ. मनोज पांडेय (अध्यक्ष, लुआक्टा)

 

लखनऊ से अनूप ने सीए की परीक्षा में किया टॉप

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया ने परीक्षा परिणाम जारी किया

लखनऊ में 18 छात्रों ने सीए बन लहराया मेधा का परमच

 

 

सात साल में 12 भर्तियां, चार साल से सन्नाटा

यूपी में आरटीई लागू होने के बाद 8वीं तक शिक्षकों की भर्ती का मामला

बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में नहीं हो रही नई भर्ती

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश में जुलाई 2011 में निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) लागू होने के बाद सात साल तक आठवीं तक के स्कूलों में बम्पर 12 भर्तियां निकलीं। लेकिन उसके बाद से जो ब्रेक लगा तो पिछले साढ़े चार साल से सन्नाटा पसरा हुआ है।प्राथमिक स्कूलों में 1,37,517 शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पद पर समायोजन 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट से निरस्त होने के बाद सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर ही प्रदेश सरकार ने दो चरणों में 68500 और 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती निकाली थी। जनवरी 2018 में 68500 और दिसंबर 2018 में 69000 शिक्षक भर्ती शुरू हुई। उसके बाद से कोई भर्ती नहीं आई। परिषदीय स्कूलों से हर साल औसतन 12 हजार शिक्षक सेवानिवृत्त होते हैं। सरकार ने चार साल पहले सुप्रीम कोर्ट में शिक्षकों के 52 हजार पद रिक्त होने की बात स्वीकार की थी। शिक्षक भर्ती न निकलने से10 लाख से अधिक बीएड और डीएलएड बेरोजगार निराश हैं।

कब कितने पदों पर आई भर्ती

शिक्षक भर्ती कब आई

72825 नवंबर 2011

9770 अक्टूबर 2012

10800 अप्रैल 2013

10000 अक्टूबर 2013

4280 उर्दू भर्ती अगस्त 2013

29334 जुलाई 2013

15000 दिसंबर 2014

3500 उर्दू भर्ती जनवरी 2016

16448 जून 2016

12460 दिसंबर 2016

68500 जनवरी 2018

69000 दिसंबर 201

चौथा पैनल गठित किया जाएगा सफल अभ्यर्थी होंगे शामिल

प्रयागराज, वरिष्ठ संवाददाता आरआरसी लेवल वन 2019 ग्रुप डी भर्ती के सफल अभ्यर्थियों को खाली पद होने के बावजूद न रखे जाने का मामला बुधवार को रेलवे के आला अफसरों तक पहुंच गया। बुधवार को भी अभ्यर्थियों ने आरआरसी कार्यालय के सामने हंगामे की कोशिश की। अभ्यर्थियों से मिलने चेयरमैन डॉ. आशीष सचान मुख्यालय पहुंच गए। उन्होंने अभ्यर्थियों से बात की। इसके बाद नाराज अभ्यर्थियों ने उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय पर सीपीओ को लिखित शिकायत दी।अभ्यर्थियों के विरोध पर अंत में रेलवे अफसरों ने साफ किया कि अभी भर्ती बंद नहीं हुई है। इसी महीने चौथा पैनल गठित होगा। इससे 577 अभ्यर्थियों को भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा। अभ्यर्थियों को बताया गया कि कई का मेडिकल परीक्षण फिर से होगा। फिंगर प्रिंट, हस्ताक्षर, लिखावट में अंतर आदि की वजह से अंतिम सूची में उन्हें शामिल नहीं किया गया था। सीपीआरओ हिमांशु शेखर उपाध्याय के मुताबिक, अभ्यर्थियों को गलतफहमी हो गई है। अभी भर्ती प्रक्रिया चल रही है। चौथा पैनल गठित होगा। इसमें सफल अभ्यर्थी शामिल होंगे। भर्ती प्रक्रिया से किसी को भी बाहर नहीं किया गया है। भर्ती में कुल 4730 पद हैं। इसके लिए 4653 अभ्यर्थियों को अभिलेख सत्यापन के लिए बुलाया गया था। अंतिम चयन के लिए इसके अब तक तीन पैनल गठित हुए हैं जिसमें पहले पैनल में 2103, दूसरे पैनल में 1909, तीसरे पैनल में 64 अभ्यर्थियों को जगह मिली है। कुल 4076 अभ्यर्थी अब पैनल में शामिल हो चुके हैं। इस हिसाब से अभी 577 अभ्यर्थी बचे हुए हैं। जबकि भर्ती में रिक्त पद और अब तक पैनल में शामिल अभ्यर्थियों से पद भर भी दिए जाएं तो सीधे तौर पर 665 पद खाली हैं। इसमें विभिन्न मदों से कुछ को समायोजित भी किया जाएगा।

 

एलयू: एलएलबी पांच वर्षीय की एक सीट के 37 दावेदार

लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय में एलएलबी इंटीग्रेटेड पांच वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए एक सीट पर 37 अभ्यर्थियों की दावेदारी सामने आई है। बीते सत्र के मुकाबले इस सत्र आवेदनों की संख्या में 42 फीसदी की बढोतरी भी हुई है।एलयू में केंद्रीयकृत प्रवेश व्यवस्था के तहत स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन बंद हो चुके हैं। 10 जुलाई से प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने की तैयारियां जारी हैं। वहीं सत्र 2023-24 में आवेदनों की संख्या में भारी वृद्धि देखने को मिल रही है। प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि एलएलबी इंटीग्रेटेड पांच वर्षीय पाठ्यक्रम में आवेदनों की संख्या में बढोतरी हुई है। डॉ. श्रीवास्तव का कहना है कि एलएलबी इंटीग्रेटेड पांच वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए पिछले सत्र 4106 आवेदन फार्म आए थे। जबकि सत्र 2023-24 में आवेदन फार्म लगभग 42 प्रतिशत बढ़कर 5864 हो गए हैं। यह आवेदन 160 सीटों के सापेक्ष आए हैं। इससे एक सीट के लिए लगभग 37 अभ्यर्थियों की दावेदारी पेश हुई है।

ऑनलाइन पीजी पाठ्यक्रमों के लिए मांगे आवेदन

एलयू में ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू करने की प्रक्रिया जारी है। इसकी शुरुआत बीकॉम और बीबीए पाठ्यक्रमों के साथ होगी। बाद में परास्नातक पाठ्यक्रमों को भी शामिल किए जाने की योजना प्रस्तावित है। इसके मद्देनजर ऑनलाइन एवं दूरस्थ शिक्षा केंद्र के निदेशक प्रो. पीयूष भार्गव ने कला एवं वाणिज्य संकाय के विभागाध्यक्षों, समन्वयकों और निदेशकों को पत्र भेज कर उनसे परास्नातक पाठ्यक्रमों के लिए प्रस्ताव मांगे हैं।

 

कृषि प्राविधिक सहायक भर्ती का रास्ता साफ

प्रयागराज:कृषि विभाग में 3466 पदों पर कृषि प्राविधिक सहायक भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने ओवरएज 906 अभ्यर्थियों का डाटा कृषि निदेशालय लखनऊ को भेज दिया है। अब इन 906 अभ्यर्थियों को शामिल करते हुए उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग नई भर्ती का विज्ञापन जारी करेगा। अब तक डाटा नहीं मिलने के कारण विज्ञापन जारी नहीं होने की बात कही जा रही थी।2013 में यूपीपीएससी ने 6628 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था जिसमें कानूनी विवाद के कारण 906 अभ्यर्थी ज्वाइनिंग से वंचित रह गए थे। सर्वोच्च न्यायालय ने इन अभ्यर्थियों को नए विज्ञापन में अवसर देने के निर्देश दिए थे। इन छात्रों ने अपना डाटा कृषि निदेशालय को भेजने के लिए दो बार यूपीपीएससी के बाहर प्रदर्शन भी किया था। प्रतियोगी कृषि छात्र अभिनव मिश्रा, अमित शुक्ला, विशाल सिंह, अनुज चौधरी, ब्रजेंद्र पांडेय आदि का कहना है कि वे पिछले तीन वर्षों से विज्ञापन का इंतजार कर हैं।

 

मेडिकल कॉलेज में एडमिशन कराने के नाम पर 30 लाख की ठगी

प्रयागराज:मेडिकल कॉलेज में एडमिशन दिलाने के नाम पर 30 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। कटरा के रहने वाले सुरेश बहादुर सिंह ने चार लोगों के खिलाफ कर्नलगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। सुरेश ने पुलिस को बताया कि उसकी पहचान मलीहाबाद, लखनऊ के रहने वाले अंकित द्विवेदी और सुल्तानपुर के आबिद रशीद से हुई थी। उन लोगों ने बताया कि वह ठेकेदारी के साथ-साथ मैनेजमेंट कोटे से मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश दिलाते हैं।झांसे में लेकर उन लोगों ने बेटे और भांजे का एडमिशन लखनऊ के हिन्द मेडिकल कॉलेज में कराने के लिए दस लाख रुपये की मांग की। सुरेश ने आबिद के एकाउंट मे दस लाख रुपये जमा कर दिए। इसके बाद दोनों ने एडमिशन कराने को जमा हुई रकम की फर्जी रसीद भी दे दी। कुछ दिन बाद उन्होंने फिर फोन कर बीस लाख रुपये की मांग की। कहा कि यदि रुपये नहीं दोगे तो पहले के दस लाख रुपये भी डूब जाएंगे।इसके बाद सुरेश ने दो अलग-अलग तारीख में बीस लाख रुपये उनके खाते में जमा कराएं। ट्रांजेक्शन की डिटेल भी सुरेश के पास मौजूद है। सुरेश का आरोप है कि बाद में वह लोग टाल मटोल करने लगे। रसीद को चेक कराने से साफ हो गया कि वह फर्जी है। इसके बाद सुरेश ने अंकित और आबिद से रुपये मांगे तो वह धमकी देने लगे। सुरेश की तहरीर पर कर्नलगंज पुलिस ने अंकित द्विवेदी, उसके पिता संतोष द्विवेदी, आबिद रसीद निवासी और अंकित की पत्नी के नाम मुकदमा दर्ज कर लिया है।

 

अग्निवीर योजना यूपी से सर्वाधिक अभ्यर्थी चयनित होने चाहिए : मुख्य सचिव

लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा है कि अग्निवीर योजना में उत्तर प्रदेश से सर्वाधिक अभ्यर्थी चयनित करने के लिए रोडमैप बनाया जाए। अभ्युदय योजना के तहत अभ्यर्थियों की शारीरिक व लिखित परीक्षा का प्रशिक्षण दिलाने की व्यवस्था की जाये। साथ ही भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जाए।मुख्य सचिव ने डीएम कमिश्नर व पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि सेना अधिकारियों के समन्वय के लिये ए0डी0एम0 स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित कर दिया जाये।

प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को लेकर निर्देश

मुख्य सचिव ने कहा कि 7 जुलाई को प्रधानमंत्री वाराणसी में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लाभार्थियों को पी0वी0सी0 कार्ड, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत लाभार्थियों को प्रतीकात्मक चाभी, पी0एम0स्वनिधि योजना के अंतर्गत ऋण वितरित करेंगे। पी0एम0स्वनिधि योजना के अन्तर्गत सभी निकायों में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाये। कार्यक्रम में ऋण प्रमाण पत्रों का वितरण, जनपद में सर्वाधिक डिजिटल ट्रांजेक्शन करने वाले 05 वेण्डर्स को सम्मानित, परिचय बोर्ड का वितरण, ‘मैं भी डिजिटल सम्बन्धी जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया जाए।

सार्वजनिक सम्पत्ति को क्षति पहुंचाने वालों पर एफ0आई0आर0 दर्ज करायें

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में ओवरलोड वाहनों के संचालन पर पूर्णतः अंकुश लगाया जाये। सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुंचाने के लिए उनके विरुद्ध एफ0आई0आर0 दर्ज करायें। एचएसआरपी नंबर प्लेट से छेड़छाड़ करने वाले वाहनों को खनिज परिवहन की अनुमति न दी जाये। ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त करने के साथ-साथ वाहन मालिक को भी नोटिस इश्यू की जाये। उन्होंने आगामी 10 अगस्त से 25 सितम्बर, 2023 तक खरीफ फसल का डिजिटल क्राप सर्वे के बाबत भी निर्देश दिए।

जनशिकायतों के निस्तारण में किसी भी प्रकार लापरवाही क्षम्य नहीं

मुख्य सचिव ने कहा कि उन्होंने आईजीआरएस एवं सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा करते हुए कहा कि जनशिकायतों के निस्तारण में किसी भी प्रकार लापरवाही क्षम्य नहीं है। शिकायतों का निस्तारण अगले थाना व तहसील दिवस से पूर्व अवश्य हो जाये।

 

मोबाइल से नकल करते पकड़ा गया परीक्षार्थी

प्रयागराज।  प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भय्या) विश्वविद्यालय की ओर से महिला सेवा सदन डिग्री कॉलेज बैरहना में संचालित एलएलबी एवं बीए-एलएलबी की सम सेमेस्टर एवं बीएड की अष्टम सेमेस्टर की परीक्षा में बुधवार को तीन परीक्षार्थी नकल करते पकड़े गए। इनमें से एक परीक्षार्थी मोबाइल से नकल करते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया। प्राचार्य अमिता शुक्ला के नेतृत्व में आंतरिक सचल दल के सदस्य प्रो. रूबी वर्मा तथा एसोसिएट प्रोफेसर आराधना कुमारी ने तीन परीक्षार्थियों को अनुचित साधन का प्रयोग करते हुए पकड़ा

 

छात्रवृत्ति घोटाले में दो बैंक मैनेजरों को नोटिस

लखनऊ। प्रमुख संवाददाता:छात्रवृत्ति घोटाले में प्रबन्धक व प्रिंसिपल से साठगांठ रखने में शक के दायरे में विवेचक ने लकी जाफरी को नोटिस उसके घर पर तामील करा दी है। उसे तीन दिन के अंदर विवेचक को बयान देने के लिये कहा गया है। लकी के घर वालों ने नोटिस ले ली लेकिन यह भी विवेचक से कहा कि लकी की तबियत खराब चल रही है। इसके अलावा दो बैंक मैनेजर को भी नोटिस देने की तैयारी विवेचक ने कर ली है।इस घोटाले की जांच एसआईटी कर रही है। एसआईटी इस मामले में तीन आरोपितों को रिमाण्ड पर लेकर पूछताछ कर चुकी है। इस पूछताछ में ही बैंक अफसरों व कर्मचारियों की भूमिका का पता चला था। छात्रवृत्ति की रकम तीन बैंकों के माध्यम से फर्जी दस्तावेजों से प्रवेश लेने वाले छात्रों के खातों में गई थी। छात्रवृत्ति घोटाले में सबसे पहली कार्रवाई ईडी ने की थी। इसके बाद ही कई बिन्दुओं पर पुलिस ने जांच की और हजरतगंज कोतवाली में 30 मार्च को एफआईआर दर्ज करा दी गई थी। विवेचना में ही तीन बैंकों के अफसरों व कर्मचारियों की भूमिका शक के दायरे में आयी। इस पर ही बैंक प्रबन्धकों से पूछताछ की गई। जाफरी बन्धुओं और मास्टरमाइन्ड बताये जा रहे कर्मचारी रवि प्रकाश गुप्ता को रिमाण्ड पर लेकर पूछताछ की गई। इनसे कुछ जानकारियां ही मिली। पुलिस ने फिर कॉल डिटेल के आधार पर आगे की पूछताछ की। इस प्रकरण की जांच इस समय जेसीपी कानून व्यवस्था उपेन्द्र अग्रवाल के नेतृत्व वाली एसआईटी कर रही है।

 

दो चिकित्साधिकारियों का चयन छह महीने बाद निरस्त

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने चिकित्साधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य (आयुर्वेद एवं यूनानी) के पद पर चयनित दो अभ्यर्थियों का चयन छह महीने बाद बुधवार को निरस्त कर दिया। आयोग ने 962 पदों पर सीधी भर्ती का अंतिम चयन परिणाम 11 जनवरी को जारी किया था। चयन परिणाम में मुख्य सूची में अनारक्षित श्रेणी में 237 व 325 नंबर पर चयनित अभ्यर्थी क्रमश: योगिता श्रीवास्तव व शिखा का चयन निरस्त किया है। योगिता श्रीवास्तव के स्थान पर समेकित योग्यता सूची से पूजा पवार (पूर्व में ईडब्ल्यूएस श्रेणी में चयनित) की संस्तुति की है। पूजा पवार का चयन अनारक्षित श्रेणी में होने के कारण ईडब्ल्यूएस के पद पर कोई अन्य अभ्यर्थी उपलब्ध होने के चलते पुन: विज्ञापित करने की संस्तुति की गई है। वहीं शिखा के स्थान पर अभ्यर्थी उपलब्ध न होने के कारण इसे भी फिर से विज्ञानित करने की सिफारिश की गई है।

 

पीसीएस 2023 मेन्स में पहली बार ओटीआर से आवेदन

प्रयागराज उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (पीसीएस) 2023 की मुख्य परीक्षा में पहली बार ओटीआर (वन टाइम रजिस्ट्रेशन) के जरिए आवेदन लेगा। आयोग ने 26 जून को प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम घोषित किया था जिसमें 254 रिक्तियों के सापेक्ष 4047 अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए सफल घोषित किया गया है।मुख्य परीक्षा 23 सितंबर से प्रस्तावित है। आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत ने जनवरी में ही साफ कर दिया था कि एक अप्रैल के बाद होने वाली सभी भर्तियों के आवेदन में ओटीआर अनिवार्य रहेगा। आयोग के मीडिया प्रभारी विनोद गौड़ का कहना है कि पीसीएस 2023 मुख्य परीक्षा में ओटीआर के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। आयोग ने तीन मार्च से पीसीएस 2023 के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू किए थे।उस समय ओटीआर अनिवार्य नहीं था। लिहाजा बगैर ओटीआर के भी आवेदन स्वीकार किए गए थे। लेकिन मुख्य परीक्षा में ओटीआर अनिवार्य होगा। गौरतलब है कि पीसीएस 2023 की प्रारंभिक परीक्षा के लिए 565459 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था जिनमें से 345022 अभ्यर्थी 14 मई को आयोजित परीक्षा में शामिल हुए थे।

 

ट्रिपलआईटी: इसी सत्र से नई शिक्षा नीति आधारित पढ़ाई

प्रयागराज। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपलआईटी) झलवा ने वर्तमान सत्र 2023-2024 से ही नई शिक्षा नीति (एनईपी) आधारित पाठ्यक्रम को लागू करने के लिए तैयारी पूरी कर ली है। संस्थान के निदेशक प्रो. मुकुल शरद सुतावने ने बुधवार को प्रशासनिक भवन सभागार में शिक्षकों को नई शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुपालन पर आयोजित विशेष सत्र में यह घोषणा की। सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार संस्थान ने नई शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम को विकसित कर लिया है जिसका क्रियान्वयन इसी शैक्षिक सत्र से किया जाएगा।ट्रिपलआईटी ने हाल में ही कार्यशालाओं का आयोजन किया था जिसमें प्रतिष्ठित शिक्षाविदों, विषयवस्तु विशेषज्ञों और विविध शैक्षणिक पृष्ठभूमि के संकाय सदस्यों की भागीदारी हुई। उनकी सामूहिक विशेषज्ञता और सहयोगात्मक प्रयासों ने ट्रिपलआईटी के लिए एनईपी अनुरूप पाठ्यक्रम को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 

सहायक प्रोफेसर के लिए पीएचडी जरूरी नहीं

नई दिल्ली।  विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सहायक प्रोफेसर पद पर सीधी भर्ती के लिए पीएचडी की अनिवार्यता खत्म कर दी है। एक जुलाई से लागू हुए नए नियमों के तहत राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट), राज्य पात्रता परीक्षा (सेट) तथा राज्य स्तर पात्रता परीक्षा (एसईएलटी) उत्तीर्ण करने वाले सहायक प्रोफेसर बन सकेंगे।यूजीसी अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने बुधवार को ट्वीट कर नए बदलावों की जानकारी दी। यूजीसी ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी है। कुछ साल पहले यूजीसी ने सहायक प्रोफेसर के लिए पीएचडी को अनिवार्य बना दिया था। हालांकि, इस बदलाव के बाद भी ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।नियुक्त प्रक्रिया में जब अकादमिक स्कोर तैयार होता है तो पीएचडी उम्मीदवार को ज्यादा अंक दिए जाते हैं और गैर-पीएचडी को कम। इसलिए यदि पीएचडी उम्मीदवार की मौजूदगी के रूप में गैर-पीएचडी वाले की नियुक्त मुश्किल है। जहां पीएचडी उम्मीदवार उपलब्ध नहीं हैं, वहां फायदा होगा।

 

तीन माह से प्रभारी बीईओ के जिम्मे परिषदीय विद्यालय

मांडा। तीन माह पूर्व मांडा के बीईओ महेंद्र प्रताप सिंह का स्थानांतरण हुआ, तभी से प्रभारी बीईओ शिव औतार मांडा का अतिरिक्त काम देखने कभी कभार मांडा आते हैं। मांडा के प्रभारी बीईओ शिव औतार के पास मांडा के अलावा खंड शिक्षा अधिकारी मुख्यालय व नगर क्षेत्र का भी अतिरिक्त कार्यभार है। काम की अधिकता के चलते बीईओ कभी कभार ही मांडा आ पाते है।

सिपाही की नौकरी पाते ही बदल गया पत्नी का व्यवहार

मेजा। मेजा के जरार गांव के रविन्द्र कुमार ने जिस पत्नी को पढ़ा लिखाकर पुलिस की नौकरी दिलाई, अब वही पत्नी उसके साथ जीवन यापन नहीं करना चाह रही है। दो दिन पहले रविन्द्र कुमार पत्नी को मनाने के लिए गाजीपुर जिले के उस थाने पहुंचे जहां पत्नी की तैनाती है।पत्नी को साथ रहने को बोला तो वह भला बुरा कहते हुए भाग जाने को कही। सिपाही पत्नी की दुत्कार के बाद गांव लौट आया। बुधवार को दोपहर जरार गांव की दलित बस्ती में लोग पहुंचे तो सिपाही के पति ने रोकर बताया कि जिस पत्नी को उसने पढ़ा लिखाकर नौकरी दिलाई अब वह उसके जान की दुश्मन बन चुकी है। रविन्द्र की मां ने भी बताया कि इकलौते बेटे की शादी वर्ष 2016 में मांडा के एक गांव में सुषमा से कर दी। सुषमा उस समय 11वीं कक्षा पास थी। उसे बारहवीं व बीए की परीक्षा दिलाने के बाद पुलिस की नौकरी मिली तो खुशी छा गई। लेकिन नौकरी पाते ही बहू का व्यवहार बदल गया, वह सुसराल से अधिक मायके पक्ष से मतलब रखते हुए ससुराल आने से इंकार कर रही है। इसके लिए बिरादरी से पंचायत भी कराई, लेकिन कुछ न हो सका।

 

यूपी बोर्ड स्क्रूटनी का परिणाम आज

प्रयागराज। यूपी बोर्ड की 2023 हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं की स्क्रूटनी का परिणाम गुरुवार को घोषित किया जाएगा। पांचों क्षेत्रीय कार्यालयों को स्क्रूटनी के कुल 24557 आवेदन मिले थे। इसमें हाईस्कूल के 3903 और इंटर में 20654 आवेदन शामिल हैं।

 

संस्कृत डिप्लोमा के चार कोर्स शुरू होंगे

लखनऊ। प्रदेश के 15 जिलों में राज्य सरकार की तरफ से नये आवासीय संस्कृत विद्यालय खोले जाएंगे जबकि रोजगारपरक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये संस्कृत विद्यालयों में चार डिप्लोमा कोर्सेज शुरू किए गए हैं। जिसमें छात्रों को पौरोहित्य (कर्मकाण्ड), व्यवहारिक वास्तुशास्त्रत्त्, व्यवहारिक ज्योतिष तथा योग विज्ञानम् में एक वर्षीय डिप्लोमा मिलेगा। ये डिप्लोमा पाठ्यक्रम मान्यता प्राप्त विद्यालयों में स्ववित्तपोषित आधार पर संचालित होगें। पाठ्यक्रम एक वर्षीय तथा दो सेमेस्टर में विभाजित होगा। इंटर्नशिप के माध्यम से व्यवहारिक ज्ञान पर अधिक बल दिया जायेगा।

 

अपात्र शिक्षक को एआरपी बना दिया

लखनऊ, बीएसए कार्यालय ने पांच साल का शिक्षण अनुभव पूरा न करने वाले शिक्षक को गणित विषय का एआरपी (एकेडमिक रिसोर्स पर्सन) बना दिया है। प्राइमरी स्कूल खुलने पर इसकी जानकारी होने पर शिक्षकों ने विरोध शुरू कर दिया है।शिक्षक नेताओं ने अर्हता पूरी न करने वाले एआरपी की नियुक्ति रद्द करने के लिए बीएसए से शिकायत की है। नेताओं का आरोप है कि बीएसए अनुभव पूरा न होने की वजह से इस शिक्षक का जनवरी में एआरपी का आवदेन निरस्त कर चुके हैं। बीएसए ने 23 जून को छह एआरपी के तैनाती का आदेश जारी किया था। इसमें मोहनलालगंज के प्राथमिक स्कूल के सहायक शिक्षा भूपेश ओझा को सरोजनीनगर ब्लॉक में गणित विषय का एआरपी का नाम शामिल है। जबकि नियमत एआरपी के लिए प्राथमिक व जूनियर में कम से कम पांच साल का शिक्षण का अनुभव पूरा होना चाहिए। एआरपी का उस ब्लॉक के स्कूलों के शिक्षकों को विषयगत प्रशिक्षण देने से लेकर निगरानी का होता है। भूपेश की नियुक्ति तारीख चार सितंबर 2018 को हुई थी। अभी पांच साल पूरे नहीं हुए हैं। इसके बावजूद मोहनलालगंज के बीईओ मनीष कुमार सिंह भूपेश के एआरपी पद के आवेदन की संस्तुति कर दी। नेताओं का कहना है कि जब एक बार पहले आवेदन निरस्त किया जा चुका है, तो दोबारा बिना अनुभव पूरा हुए कैसे तैनाती दे दी?

यदि शिक्षक द्वारा एआरपी के आवेदन में कोई तथ्य छुपाएं हैं। मामले की जांच करायी जाएगी। मानक पूरे न होने पर नियुक्ति निरस्त की जाएगी। अरुण कुमार,

पुलिसकर्मियों को नियुक्ति पत्र आज

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को सुबह 11 बजे लोक भवन सभागार में आयोजित एक समारोह में नव चयनित 1148 पुलिसकर्मियों को नियुक्ति पत्र देंगे। इन पुलिसकर्मियों का चयन उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के माध्यम से किया गया है।बोर्ड से चयनित इन अभ्यर्थियों में 217 उप निरीक्षक (गोपनीय), 587 सहायक उप निरीक्षक (गोपनीय) और 344 सहायक पुलिस उप निरीक्षक (लेखा) तथा खेल कोटे में चयनित 299 सिपाही शामिल हैं।नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, डीजीपी विजय कुमार, स्पेशल डीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार और भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष एवं डीजी रेणुका मिश्रा समेत अन्य वरिष्ठ पुलिस अफसर मौजू

कस्तूरबा स्कूलों में सेवा समाप्ति के शासनादेश पर रोक बढ़ी

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में 10 साल से संविदा पर कार्यरत एकाउंटेंट की सेवा समाप्ति के शासनादेश व सर्कुलर पर लगी रोक 14 अगस्त तक बढ़ा दी है। साथ ही इस मामले में दा़खलि याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है।यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर एवं न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने गोरखपुर के फारूक अहमद शेख व 30 अन्य संविदा एकाउंटेंट की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। प्रोजेक्ट डायरेक्टर (समग्र शिक्षा) लखनऊ केंद्र सरकार के 12 अक्टूबर 2022 के आदेश के अनुपालन में सर्कुलर जारी किया है, जिसमें केंद्र सरकार ने छात्राओं की सुरक्षा के लिए वार्डेन, इंचार्ज अध्यापक, आवासीय अध्यापक व स्टाफ केवल महिला रखने का आदेश जारी किया है। याचियों का कहना है कि प्रदेश के प्रत्येक जिले के हर ब्लाक में कस्तूरबा बालिका विद्यालय है। पिछले दस वर्षों से याचियों का हर साल जून माह में नवीनीकरण होता आ रहा है। याचियों की संविदा गत 28 फरवरी को समाप्त हो गई है। इस बार भी नवीनीकरण की संस्तुति की गई है लेकिन नवीनीकरण न कर उन्हें हटा दिया गया है।

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