06/05/2023

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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर 12 दिन से धरना जारी : 15 मई को होगी आर-पार की लड़ाई, किसानों ने तैयारी की शुरू

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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर 12 दिन से धरना जारी : 15 मई को होगी आर-पार की लड़ाई, किसानों ने तैयारी की शुरू

ग्रेटर नोएडा : किसान सभा के कार्यकर्ताओं ने 8 मई को जेपी गोल चक्कर से परी चौक होते हुए वापस जेपी गोल चक्कर पर काली पट्टी बांधकर जुलूस निकालने का प्रोग्राम जारी किया है। साथ ही 15 मई को हजारों की संख्या में प्राधिकरण के घेराव का कार्यक्रम रखा है। दोनों कार्यक्रमों की तैयारी के लिए धरना स्थल पर बैठक हुई। गांव में प्रचार के लिए कमेटियों का गठन किया गया है, जो उक्त दोनों कार्यक्रमों के लिए लोगों को अवगत कराएंगे और गांव स्तर की कमेटियां भारी संख्या में लोगों को लेकर आएंगी।

*किसानों की मांग*

किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि प्राधिकरण अधिकारियों से हुई वार्ता के क्रम में प्राधिकरण के स्तर से कोई प्रगति दिखाई नहीं दे रही है। 10% के मुद्दे पर ठाकुर जयवीर सिंह की हाई पॉवर कमेटी ने सभी को 64 परसेंट मुआवजा और 10% प्लाट देने की सिफारिश की थी। 91वीं बोर्ड बैठक में प्राधिकरण ने 64 परसेंट मुआवजे की सिफारिश मान ली, जबकि 104वीं बोर्ड बैठक में 10% प्लॉट देने का प्रस्ताव पास कर अनुमोदन के लिए शासन को प्रेषित कर दिया था। प्राधिकरण ने जानबूझकर गुमराह करने की नीयत से प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया था जबकि इस संबंध में शासन स्तर से पहले ही हाई पॉवर कमेटी की सिफारिशें मौजूद थी।

*गुमराह करने का आरोप*

संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि अभी भी प्राधिकरण किसानों के साथ वार्ता में शासन का अनुमोदन प्राप्त करने की जिद किए हुए हैं, जबकि हाई पॉवर कमेटी की सिफारिशों के मद्देनजर शासन के अनुमोदन की कोई आवश्यकता नहीं है। जिस तरह 91वीं बोर्ड बैठक में 64 परसेंट मुआवजे के संबंध में सिफारिश अपना ली गई थी। उसी तरह 10 परसेंट के संबंध में हाई पॉवर कमेटी की सिफारिशों को अपनाकर बिना शासन के अनुमोदन की आवश्यकता के प्लाट दिए जा सकते हैं। प्राधिकरण के अधिकारी शासन का पूर्व अनुमोदन प्राप्त करने की बात कह कर किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।

*शासन स्तर पर पैरवी नहीं : किसान*

उन्होंने कहा कि इसी तरह प्राधिकरण की ओर से 533 आबादी प्रकरणों और 208 बादलपुर के प्रकरणों में शासन स्तर पर पैरवी नहीं की जा रही है। जिसके कारण कई वर्षों से उक्त प्रकरण लीज हेतु लंबित हैं। शिफ्टिंग के संबंध में भी प्राधिकरण अधिकारी किसानों को गुमराह कर रहे हैं। प्राधिकरण ने अपनी जरूरत के अनुसार किसानों की आबादी को विकसित क्षेत्र से कम विकसित क्षेत्र में शिफ्टिंग की है। शिफ्टिंग के संबंध में आबादी नियमावली में पहले से प्रावधान मौजूद हैं। परंतु प्राधिकरण ने किसानों को नुकसान पहुंचाने के मकसद से शिफ्टिंग के 211 प्रकरणों में शिफ्टिंग का रकबा आधा करने का प्रस्ताव शासन को भेज दिया। पिछले 3 माह से किसानों से वार्ता में प्राधिकरण अधिकारियों ने इस प्रस्ताव को गलत माना है परंतु इस पर आज तक कोई कार्यवाही प्राधिकरण की ओर से नहीं की गई है।

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