पुलिसकर्मी अब नही कर सकते यौनकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार, सुप्रीमकोर्ट ने दिए सम्मान के साथ व्यवहार करने निर्देश
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Mohammad Siraj
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इसमें कहा गया है कि यौन उत्पीड़न की शिकार किसी भी यौनकर्मी को कानून के अनुसार तत्काल चिकित्सा सहायता सहित यौन हमले की पीड़िता को उपलब्ध सभी सुविधाएं मुहैया कराई जानी चाहिए।
यौनकर्मियों के प्रति पुलिस का रवैया रहता है हिंसक: पीठ
पीठ ने कहा कि यह देखा गया है कि यौनकर्मियों के प्रति पुलिस का रवैया अक्सर क्रूर और हिंसक होता है। ऐसा लगता है कि वे एक वर्ग हैं जिनके अधिकारों को मान्यता नहीं है। पुलिस और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों को यौनकर्मियों के अधिकारों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। जो सभी नागरिकों के लिए संविधान में गारंटीकृत सभी बुनियादी मानवाधिकारों और अन्य अधिकारों का भी आनंद लेते हैं। पुलिस को सभी यौनकर्मियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करना चाहिए और उन्हें मौखिक और शारीरिक रूप से दुर्व्यवहार नहीं करना चाहिए, उन्हें हिंसा के अधीन नहीं करना चाहिए या उन्हें किसी भी यौन गतिविधि के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए।
बता दें कि शीर्ष अदालत उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें कोरोना महामारी के कारण यौनकर्मियों की समस्याओं को उठाया गया था। याचिका में कोरोना के कारण यौनकर्मियों की बदहाली को उजागर किया गया है और पूरे भारत में नौ लाख से अधिक महिलाओं और ट्रांसजेंडर यौनकर्मियों के लिए राहत उपायों की मांग की गई है।
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