भाजपा का मिशन-दलित का हथियार बनेगीं बेबी रानी मौर्या
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Mohammad Siraj
इस चेहरे को ध्यान से देखिए. हो सके तो देखने की आदत सी डाल दीजिये. क्योंकि यह चेहरा,देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश से है. जो आने वाले समय में मीडिया की सुर्खियाँ बनने वाला है.
यह देखने में तो एक आदर्श नारी का भारतीय चेहरा भर दिखाई दे रहा होगा. लेकिन इस चेहरे के जरिये दुनिया की सबसे बड़े राजनीतिक दल भाजपा, भविष्य की किन राजनीतिक लक्ष्यों का संधान करने वाली है, दरअसल, यही इस चेहरे की असली ख़बर है. अगर हमारे सूत्र और पोलिटिकल इनपुट ठीक हैं तो आप भी बाख़बर हो जाएं कि भाजपा को उत्तर प्रदेश की वह नेत्री मिल चुकी है, जो उसे सूबे में दलित राजनीति के केन्द्र में पहुंचा सकती है. और यह राजनीतिक परिवर्तन उसे उत्तर प्रदेश के सबसे ऊंचे ओहदे पर बैठा सकती है.
अगर यह राजनीतिक अनुमान ठीक है और सूत्रों की सूचनाएं ठीक तो यह महिला एक दिन सूबे की मुख्यमंत्री बनायी जा सकती हैं और उसके द्वारा दलित राजनीति की नई जमीन तैयार हो सकती है.
बताते चलें कि यह महिला उत्तराखण्ड की राज्यपाल थीं. जिन्हें इस्तीफा दिलाकर भाजपा अब आगरा ग्रामीण से 2022 के विधानसभा चुनाव में उतारी है. आगरा की प्रथम महिला मेयर बेबी रानी मौर्या अब बेबी रानी जाटव हैं. भाजपा उपाध्यक्ष यह महिला, सूबे की सियासत में व्यापक परिवर्तन का हथियार बनने वाली हैं. इनके द्वारा भाजपा दलित राजनीति में मायावती के वोटबैंक में सेंध लगाने की रणनीति पर काम करने जा रही है. दलित वोटबैंक पर कांग्रेस की भी नज़र हैं, लेकिन उससे पहले भाजपा मायावती के राजनीतिक कैरियर के अस्तांचलगामी होते ही, इस वोटबैंक को अपने इस जाटव महिला नेत्री के सहारे भाजपा की तरफ शिफ्ट कराने के मिशन पर काम कर रही है. उसी मिशन को परवान चढ़ाते हुए बेबी रानी मौर्या को उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री की कुर्सी पर भी बैठा सकती है.
योगी सत्ता में आए तो अल्पकालिक होगा सीएम की कुर्सी
अगर सूत्रों की रिपोर्ट और दलित सियासत परवान चढ़ी तो भाजपा के चाणक्य लखनऊ और दिल्ली में लंबे समय तक बने
रहने के लिए बहुत कम समय तक योगी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाएंगे. संभव हो वह पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा न कर पाएं. और मध्य में ही बेबी रानी मौर्या को लांच कर दिया जाए.
उन्हें मुख्यमंत्री बना उत्तर प्रदेश समेत देश भर के दलितों में संदेश दिया जाए कि दलितों का हित अब भाजपा में ही सुरक्षित है. ऐसा हुआ तो उत्तर प्रदेश और देश की राजनीति में आमूल चुल परिवर्तन होगा. यह बीजेपी का मिशन दलित है. चुनाव बाद उसका यह मिशन क्या गुल खिलाता है, यह तो वक्त बताएगा. फिलहाल वह इस मिशन पर काम प्रारंभ कर चुकी है।
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