दिल्ली में केजरीवाल से मिल सकते हैं अखिलेश यादव, बदल सकता है उत्तर प्रदेश का चुनावी समीकरण
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Mohammad Siraj
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल यूपी में राजनीतिक दखल बढ़ाने के लिए दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद की सीटों पर मंथन कर रहे हैं। सत्ता में आने से पहले 2011 में समाजसेवी अन्ना हजारे के साथ अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में जन लोकपाल बिल को लेकर बड़ा आंदोलन किया था।
इस आंदोलन में दिल्ली से सटे यूपी के जिलों से तमाम लोग शामिल हुए थे। अब आप उसका फायदा उठाना चाहती है।
यूपी में बीते 1 साल से सक्रिय आम आदमी पार्टी के यूपी प्रभारी संजय सिंह लगातार अलग-अलग मुद्दों पर यूपी सरकार को घेर रहे हैं। 3 दिन पहले अखिलेश यादव से संजय सिंह ने मुलाकात कर राजनीतिक हलचलें बढ़ा दीं। ग्रेटर नोएडा गाजियाबाद में कुल 10 विधानसभा सीटें आती हैं।
अखिलेश यादव ने कई बार अपने बयान में कहा है कि वह यूपी में सक्रिय छोटे दलों से गठबंधन करेंगे। ऐसे में आप के साथ गठबंधन करने को लेकर चर्चाएं और तेज हो गई हैं। अखिलेश यादव ने अपने बयान में स्पष्ट किया है कि वह किसी भी राष्ट्रीय पार्टी से गठबंधन न करके छोटे-छोटे जातीय और अन्य क्षेत्रीय दलों से गठबंधन कर उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा को टक्कर देंगे।
आप पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सात माह पहले यूपी में विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। तब उन्होंने कहा था, ‘यूपी के लोग दिल्ली क्यों आ रहे हैं? ऐसा इसलिए क्योंकि वहां सुविधाएं नहीं हैं। अगर दिल्ली में सुविधाएं तैयार की जा सकती है तो UP में ऐसा क्यों नहीं हो सकता। UP ने अब तक गंदी राजनीति देखी है। ऐसे में अब उसे नया मौका मिलना चाहिए।’
एक जुलाई को अखिलेश यादव का बर्थडे था। लेकिन इसके दो दिन बाद 3 जुलाई को आप के यूपी प्रभारी संजय सिंह अचानक समाजवादी पार्टी के लखनऊ स्थित दफ्तर पहुंच गए। उन्होंने अखिलेश यादव से करीब 45 मिनट बात की। तब गठबंधन के सवालों को टालते हुए संजय सिंह ने कहा था कि यह आने वाला समय बताएगा।
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