स्मारक घोटाला: नसीमुद्दीन और बाबू सिंह कुशवाहा की बढ़ीं मुश्किलें, विजिलेंस ने किया तलब
स्मारक घोटाला: नसीमुद्दीन और बाबू सिंह कुशवाहा की बढ़ीं मुश्किलें, विजिलेंस ने किया तलब
लखनऊ। विजिलेंस टीम ने 4200 करोड़ रुपये के स्मारक घोटाला मामले में बसपा (BSP) सरकार के दो पूर्व मंत्रियों बाबू सिंह कुशवाहा और नसीमुद्दीन सिद्दीकी को इस माह के तीसरे सप्ताह में पूछताछ के लिए बुलाया है. बसपा दोनों नेताओं को पहले ही पार्टी से निष्कासित कर चुकी है. वर्तमान में नसीमुद्दीन सिद्दीकी कांग्रेस में हैं और बाबू सिंह कुशवाहा जन अधिकार मंच बनाकर राजभर के संकल्प भागीदारी मोर्चा के घटक दल हैं. दोनों के अलावा, 3 दर्जन से अधिक सरकारी अफसरों को भी नोटिस भेजा गया है. लखनऊ-नोएडा में बने अंबेडकर स्मारक घोटाले में विजिलेंस ने यह नोटिस दिया है।
बता दें कि मायावती के शासनकाल में 4200 करोड़ रुपये का स्मारक घोटाला हुआ था. विजिलेंस ने इसी मामले में कुशवाहा व नसीमुद्दीन को नोटिस भेजा है. सूत्रों का कहना है कि इन दोनों ही पूर्व मंत्रियों ने कंसोर्टियम के लिए जो कैबिनेट नोट तैयार किए थे, उसमें इनके हस्ताक्षर थे. उसी से संबंधित सवालों के जवाब देने के लिए दोनों पूर्व मंत्रियों को बुलाया गया है।
इनके अलावा निर्माण निगम के कुछ अन्य इंजीनियरों व यूनिट इंचार्ज को भी नोटिस भेजा गया है. पत्थर सप्लाई मामले में विजिलेंस ने बयान दर्ज करने के लिए यह नोटिस भेजा है. वहीं, 6 के खिलाफ अक्टूबर, 2020 में चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है. विजिलेंस के साथ प्रवर्तन निदेशालय भी मामले में जांच कर रहा है. आपको बता दें कि साल 2013 से स्मारक घोटाले की जांच चल रही है और अब तक 23 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
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