17/06/2021

अवध सूत्र

Latest Online Breaking News

सियासी घमासान के बीच, पशुपति पारस बने LJP के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष

1 min read
😊 Please Share This News 😊

सियासी घमासान के बीच, पशुपति पारस बने LJP के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष

पटना: एलजेपी के दो हिस्सों में बंटने के बाद बीते चार दिनों से चल रहे सियासी घमासान के बीच गुरुवार को एलजेपी के बागी गुट के नेता पशुपति पारस को पार्टी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया है. पार्टी कार्यालय में पीसी कर इस बात की जानकारी दी गई. इधर, पार्टी अध्यक्ष चुने जाने के बाद पशुपति पारस एक्शन में आ गए हैं. मिली जानकारी अनुसार पशुपति पारस जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह से मुलाकात करेंगे।

जेडीयू पर लग रहे थे आरोप
बता दें कि एलजेपी में टूट की खबर सामने आने के बाद से लगातार ऐसा कहा जा रहा था कि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू की वजह से एलजेपी में बगावत हुई है. चिराग पासवान ने भी जेडीयू पर उनकी पार्टी को तोड़ने का आरोप लगाया था. हालांकि, पशुपति पारस समेत बागी गुट के नेता इस बात को लगातार नकार रहे थे. लेकिन पार्टी में टूट के बाद नीतीश के करीबी नेताओं ललन सिंह और महेश्वर हजारी का दिल्ली में पशुपति से मिलना और अब पशुपति पारस का जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिलना, इस ओर इशारा कर रहा है कि कहीं न कहीं का टूट का जेडीयू से कोई कनेक्शन है।

गौरतलब है कि परिवार और पार्टी में चल रहे विवाद के बीच चिराग पासवान ने बुधवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. पीसी के दौरान उन्होंने अपने चाचा पशुपति पारस पर धोखा देने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था, ” पापा (रामविलास पासवान) के जाने से अनाथ नहीं हुआ था. आज अनाथ महसूस कर रहा हूं. वो (पशुपति पारस) मुझे एक बार बोलते, मैं पद छोड़ देता.” वहीं, चिराग ने सीधे तौर पर जेडीयू पर उनकी पार्टी को तोड़ने का भी आरोप लगाया था।

चिराग के इस आरोप पर जेडीयू ने पलटवार किया था. पार्टी प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा था, ” वाह, बुझे हुए चिराग, आपसे खुद पार्टी नहीं संभली क्योंकि आप उस लायक नहीं थे, काबिलियत नहीं थी. पार्टी हाथ से फिसल गई, टूट गई तो आरोप जनता दल यूनाइटेड पर लगा रहे हैं. आपके पिता (रामविलास पासवान) जब तक थे, तब तक पार्टी संभली क्योंकि उनमें काबिलियत थी, उसके बाद नहीं संभली क्योंकि आप नाकाबिल हैं. तो इसमें जेडीयू कहाँ से आ गई।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें 

स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे

Donate Now

More Stories

[responsive-slider id=1466]
error: Content is protected !!