उ० प्र० में वैक्सीनेशन को लेकर बड़ी लापरवाही
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Mohammad Siraj
उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह के गृह जनपद सिद्धार्थनगर में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां एक गांव के 20 लोगों को दो अलग-अलग कंपनियों की वैक्सीन लगा दी गई। इन्हें वैक्सीन की पहली डोज कोविशील्ड की लगाई गई थी, फिर दूसरी डोज कोवैक्सिन की लगा दी गई।
हालांकि, डॉक्टर्स का कहना है कि इन लोगों के स्वास्थ्य पर कोई खास असर नहीं होगा। सबकी स्थिति सामान्य है। उधर, CMO ने कहा कि दोषियों की कार्रवाई की जाएगी।
वैक्सीन खत्म होने पर खुलासा हुआ
वैक्सीन लगवाने वाले एक ग्रामीण ने बताया कि उन्हें पहली बार कोविशील्ड लगाई गई थी और दूसरा डोज कोवैक्सिन लगा दी गई। इसका खुलासा तब हुआ जब सेंटर पर वैक्सीन खत्म हो गई। स्वास्थ्यकर्मी जब डॉक्टर के पास पहुंचे तो डॉक्टर ने बताया कि इन लोगों को गलत वैक्सीन लगा दी गई है। इन सभी ने 2 अप्रैल को कोविशील्ड की पहली डोज ली थी। इसके बाद शुक्रवार 14 मई को दूसरे डोज में कोविशील्ड की जगह कोवैक्सीन लगा दी गई।
इन ग्रामीणों को दोनों डोज अलग-अलग कंपनियों की वैक्सीन लगी
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि औंदही कला गांव की मालती देवी, छेदीलाल, सनेही, शहाबुद्दीन, मोहम्मद इकराम धोबी, रामसूरत, राधेश्याम शुक्ल, बेलावती, इंद्र बहादुर, रामकुमार, गोपाल, मुन्नी, अनारकली, चंद्रावती, सोमना, रामकिशोर, मालती देवी, रामप्रसाद, उर्मिला और नंदलाल चौधरी को अलग-अलग वैक्सीन लग गई है। इनके स्वास्थ्य की मॉनिटरिंग की जा रही है।
पहले जेब में भरकर लाई गई थी वैक्सीन
PHC बढ़नी में वैक्सीनेशन में लापरवाही का ये कोई पहला मामला नहीं है। इसके पहले भी वैक्सीन को सेंटर तक पहुंचाने में बड़ी लापरवाही सामने आ चुकी है। कुछ दिन पहले ही यहां वैक्सीन को आइस बकेट में रखकर सेंटर तक पहुंचाने की बजाय स्वास्थ्यकर्मियों ने पॉलीथीन में रखकर पहुंचाया था। इस मामले में भी अभी तक किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
क्या हो सकती है परेशानी
डिप्टी CMO डॉ. पीयूष राय के मुताबिक अभी यह स्पष्ट नहीं है कि अगर किसी को कोरोना के दो अलग-अलग टीके लग जाता है तो उसका क्या परिणाम हो सकता है। वहीं, वाराणसी के डिप्टी CMO डॉ. पीयूष राय के मुताबिक, दो अलग-अलग कंपनियों की वैक्सीन लगने के बाद हल्का बुखार, शरीर में चकत्ते, घबराहट व बेचैनी हो सकती है।
क्या है गाइडलाइन
भारत में अभी तक कोविड-19 के दो टीके कोविशील्ड और कोवैक्सिन ही लगाए जा रहे हैं। अगर किसी को पहला टीका कोविशील्ड का लगा है तो दूसरा भी वही लगना चाहिए। अगर पहला इंजेक्शन कोवैक्सिन का था, तो दूसरा भी इसी का होना चाहिए। इसकी जानकारी टीकाकरण करने वाले लगभग सभी हेल्थ प्रोफेशनल्स को रहती है। इसके बाद भी घोर लापरवाही बरती गई है।
कोरोना वैक्सीनेशन के दौरान यूपी में पहले भी लापरवाही के कई मामले सामने आ चुके हैं। अप्रैल महीने में शामली की 3 महिलाओं को कोरोना की जगह एंटी रेबीज (कुत्ते के काटने पर लगने वाला इंजेक्शन) का इंजेक्शन लगा दिया गया था। इनमें से 70 साल की एक महिला की तबीयत खराब होने पर मामले का खुलासा हुआ था। तीनों महिलाओं की उम्र 60 साल से ज्यादा थी।
कानपुर : एक दिन में ही दोनों डोज लगा दी थी
कानपुर देहात के एक वैक्सीनेशन सेंटर में अप्रैल महीने में एक महिला को एक दिन में ही वैक्सीन के दोनों डोज लगा दी थीं। जांच में मालूम चला कि ANM फोन पर बात कर रही थी। बातचीत में वह इतनी मशगूल हो गई कि महिला को 5 मिनट के अंतर में दो बार वैक्सीन लगा दी।
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