26/05/2021

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सुपर ब्लड मून: 26 मई का चंद्र ग्रहण बेहद खास, जानें भारत में कितने बजे लगेगा और कहां देगा दिखाई

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26 मई का चंद्र ग्रहण बेहद खास, जानें भारत में कितने बजे लगेगा और कहां देगा दिखाई?

गर्भावस्‍था के दौरान महिलाओं को ऐसी कई तरह की एहतियात बरतने के लिए कहा जाता जो मां और बच्‍चे को सुरक्षित रखें। इसमें एक चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण से जुड़ी कुछ सावधानियां भी शामिल हैं।
इस महीने चंद्र ग्रहण लगने वाला है और कई प्रेगनेंट महिलाओं के मन में भी यह सवाल चल रहा होगा कि इस ग्रहण के दौरान उन्‍हें क्‍या करना चाहिए और क्‍या नहीं, जिससे उनके बच्‍चे को कोई नुकसान न पहुंचे।
साल 2021 में 26 मई को दोपहर 2 बजकर 17 मिनट से चंद्र ग्रहण शुरू होगा और शाम 7 बजकर 19 मिनट पर खत्‍म होगा।
माना जाता है कि ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को कुछ विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए और कुछ कार्य करने से बचना चाहिए वरना शिशु को नुकसान पहुंच सकता है। ग्रहण के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों में से एक है सोना।
कहते हैं कि जब ग्रहण पड़ता है, तब खासतौर पर गर्भवती महिलाओं को सोना नहीं चाहिए। क्‍या सच में?

क्‍या कहता है विज्ञान

इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि ग्रहण के समय सोने से मां या बच्‍चे को कोई नुकसान होता है। हालांकि, धार्मिक मान्‍यताएं कहती हैं कि गर्भवती महिलाओं को सूर्य या चंद्र ग्रहण के समय सोना नहीं चाहिए।

हिंदू धार्मिक मान्‍यताओं के अनुसार ग्रहण लगना अशुभ होता है और इस दौरान भगवान की आराधना करनी चाहिए।

ग्रहण काल में क्‍या करें

 

कहा जाता है कि जब ग्रहण लगना शुरू होता है, तब नुकीली चीजों जैसे कि चाकू, कैंची और सुईं का उपयोग नहीं करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इससे गर्भ में पल रहे शिशु के किसी अविकसित अंग को नुकसान पहुंच सकता है। हालांकि, इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

इस समय महिलाओं को कुछ नहीं खाना चाहिए। ग्रहण काल के दौरान व्रत रखना भी अच्‍छा माना जाता है। कहते हैं कि ग्रहण के समय निकली हानिकारक किरणों खाने को दूषित कर देती हैं। इस दूषित भोजन को खाने से मां और शिशु की सेहत प्रभावित हो सकती है।

जब ग्रहण लग रहा हो, उस समय अपनी किसी भी दवा का सेवन न करें और न ही ईश्‍वर की मूर्ति को छुएं।

क्‍या होता है शिशु पर असर

मान्‍यता है कि यदि गर्भवती महिला ग्रहण देख ले, तो इसका सीधा असर मां की मानसिक और शारीरिक सेहत पर पड़ता है। इसलिए प्रेगनेंट महिला को इस समय घर के अंदर ही रहना चाहिए।

इसके अलावा ग्रहण खत्‍म होने के बाद प्रेगनेंट महिलाओं को स्‍नान करने की सलाह दी जाती है। कहते हैं कि अगर प्रेगनेंट महिला ग्रहण खत्‍म होने के बाद ऐसा नहीं करती है, तो इससे शिशु को स्किन से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं।

ग्रहण से जुड़ी मान्‍यताओं और नियमों को लेकर हर गर्भवती महिला असमंजस में रहती है। उन्‍हें यह समझ नहीं आ पाता है कि क्‍या सही है और क्‍या गलत।

हालांकि, ऐसे में आपको यह समझना चाहिए कि ग्रहण के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों का पालन करने में कोई बुराई नहीं है। अगर ये सब मान्‍यताएं सही भी हैं, तो भी आपके शिशु को ही इसका लाभ होगा और सच नहीं हैं तो आपका कोई नुकसान भी नहीं है।

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