आईआईटी कानपुर का मिशन-02 अभियान, देशभर के कोविड अस्पतालों से ऑक्सीजन की कमी को करेगा दूर
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Mohammad Siraj
आईआईटी कानपुर का मिशन-02 अभियान, देशभर के कोविड अस्पतालों से ऑक्सीजन की कमी को करेगा दूर
एसआईआईसी आई आई टी कानपुर, COVID-19 इमरजेंसी रिस्पांस के तहत स्वदेशी बेडसाइड ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर और ऑक्सीजन प्लांट विकसित करने के लिए 45-दिवसीय ओपन चैलेंज में आवेदन करने लिए निर्माताओं को आमंत्रित करता है

Prof. Abhay Karandikar, Director, IIT Kanpur
कानपुर: बढ़ते कोविड19 महामारी में मरीजों की सबसे ज्यादा मौत ऑक्सीजन ना मिलने की वजह से हो रही है, अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई जरुरत के हिसाब से 25 फीसदी भी सप्लाई नहीं हो पा रही है. मगर अब ये किल्लत जल्द ही हमेशा के लिए दूर हो जायेगी, क्योकि आईआईटी कानपुर के इन्क्यूबेशन सेंटर ने बेडसाइड ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स और ऑक्सीजन संयंत्र तैयार करने की पूरी परियोजना तैयार कर ली है, जिसके लिए आईआईटी कानपुर ने देशभर के एम्एसएम्ई का आह्वाहन किया है. इस मिशन-02 में आईआई टी कानपुर के साथ टीआईई के साथ सामरिक पहल संस्था भी जुडी हुई है।
आईआईटी कानपुर के अनुसार देश में कोविड19 महामारी की वजह से अस्पतालों में दवाईयां, बेड, वेंटिलेटर और अन्य जीवन रक्षक उपकरणों की भारी कमी हो गयी है. यही नहीं अस्पतालों में ऑक्सीजन की भी भारी कमी हो गयी है. देश में आपदा के सबसे बड़े संकट को दूर करने के लिए आईआईटी कानपुर के स्टार्टअप इन्क्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर एक प्रतियोगिता आयोजित करने जा रही है. जिसमे देशभर के एम्एसएमई ही भाग ले सकते है. इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा, जिसका लिंक https://www.bharato2.in/ जारी भी किया जा चुका है.

जानकारी के मुताबिक़ भारत की योजना 1 लाख ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर को अन्य देशों से आयात करने की है. जबकि देश में मौजूद संसाधनों का उपयोग कर इस ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर की कमी को पूरा किया जा सकता है. ऐसे में आई आई टी कानपुर के स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर बेडसाइड ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स और ऑक्सीजन संयंत्रों को तैयार करने के लिए पूरी परियोजना तैयार कर ली है. इस परियोजना को इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन के प्रो० अमिताभ बंद्योपाध्याय, टीआईई के श्रीकांत शास्त्री के साथ राहुल पटेल सामरिक पहल के प्रमुख ने मिलकर तैयार किया है. आपको बताते चले कि पिछले साल इसी तिकड़ी ने मिलकर Noccarc V310 वेंटिलेटर विकसित किया था।
इस परियोजना के चालु होने से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स और ऑक्सीजन प्लांट के लिए उपलब्धता अंतर को पाटने में मदद मिलेगी. जिससे अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत लगभग दूर हो जायेगी. साथ ही यह सभी भारतीयों के जीवन को बचाने और सस्ती, गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा, विकसित और निर्मित उपकरणों का पावर हाउस बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
निदेशक प्रो० अभय करंदीकर ने कहा कि “आईआईटी कानपुर आवश्यकता के समय राष्ट्र की सेवा करने के लिए की हमेशा तत्पर रहता है। उन्होएँ कहा कि जब COVID-19 की पहली लहर भारत में आई, तो एसआईआईसी इनक्यूबेट कंपनियों ने Swasa N-95 मास्क देने के लिए कदम बढ़ाया, जो COVID-19 और Noccarc V310 ICU, वेंटीलेटर के साथ घरेलू नाम बन गए. अब भारत में दूसरी लहर के समय आईआईटी कानपुर के इन्क्यूबेशन सेंटर ने देश में ऑक्सीजन संकट को दूर करने के लिए इस बार अधिक स्वदेशी नयी प्रतिभा का समर्थन करने का निर्णय लिया है।

उन्होंने कहा, एसआईआईसी और आईआईटी कानपुर का देश की जरूरतों के अनुरूप खुद को तैयार करने और गुणवत्ता प्रदान करता है। उन्होंने कहा चुनौती आपातकालीन समय पर आती है और ऐसे में उत्पाद प्रदान करने की जिम्मेदारी किसी एक निर्माता तक सीमित नहीं हो सकती. ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स उत्पाद नवाचार के लिए सीमित गुंजाइश के साथ एक कंसंट्रेटर्स चिकित्सा उपकरण है, और इसलिए एसआईआईसी राज्यों से गुणवत्ता एसएमई को साथ लेकर विनिर्माण प्रक्रिया को विकेंद्रीकृत करने की योजना बना रहा है, जिसमे भारत के विभिन्न क्षेत्रों में निर्माताओं को मिलकर एक साथ काम करना होगा, जिसकी लक्ष्य उत्पादन क्षमता 100 यूनिट प्रति दिन होगी।
वहीँ श्रीकांत शास्त्री ने कहा कि , “उद्यमी आमतौर पर यह स्वीकार किए बिना एक बड़े विचार से दूर हो जाते हैं कि क्या यह समस्या हल हो जाएगी जो की इतनी बड़ी है। मिशन भारत O2 के साथ, एसआईआईसी आई आई टी कानपुर मौजूदा समय में देश के बड़े संकट को सुलझाने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है l हमारा मानना है कि टीम राष्ट्र की सेवा करने के लिए अपने संयुक्त उद्यमशीलता के अनुभव और विजन के माध्यम से एक पहचान बनाएगी।
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