नई दिल्ली. आम आदमी को एक बार फिर महंगाई की मार लग सकती है, क्योंकि सऊदी अरब ने एशियाई देशों के लिए क्रूड ऑयल की कीमत में बढ़ोतरी की है. इस वजह से पेट्रोल-डीजल की कीमत में एक बार फिर बढ़ोतरी हो सकती है. आपको बता दें कि पेट्रोल-डीजल की कीमत में बढ़ोतरी से माला भाड़ा तो बढ़ेगा ही साथ ही इससे खाद्य सामग्री के साथ अन्य जरूरी चीजें भी महंगी हो जाएगी, जिसका सीधा असर देश के मध्यवर्ग पर पड़ेगा.
सऊदी अरामको ने इतनी की बढ़ोतरी – सऊदी अरब की तेल कंपनी Saudi Aramco ने एशिया की मार्केट के लिए प्रति बैरल 0.4 अमेरिकी डॉलर की बढ़ोतरी की है. वहीं अमेरिका और यूरोप की मार्केट के लिए कंपनी ने 0.1 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल और 0.2 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल की कटौती की है. आपको बता दें कि इस समय क्रूड ऑयल की कीमत 61.45 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल है.
सऊदी से क्रूड ऑयल के इम्पोर्ट में कटौती का आदेश- इस बीच केंद्र सरकार ने देश की रिफाइनरी को सऊदी अरब से क्रूड ऑयल का आयात कम करने का आदेश दिया है. सरकार ने कहा है कि देश की रिफाइनरी सऊदी की जगह अन्य देशों से क्रूड ऑयल के आयात को बढ़ावा दे, जिससे पेट्रोल और डीजल की कीमत में बढ़ोतरी न हो.
सऊदी ने भारत को दी ये सलाह – सऊदी अरब ने भारत से कहा कि वह पिछले साल जब कच्चे तेल के दाम काफी नीचे चले गये थे. उस समय खरीदे गये कच्चे तेल का इस्तेमाल कर सकता है. वहीं पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और उसके सहयोगी देशों द्वारा उत्पादन पर लागू नियंत्रण में उठाने की भारत की अपील को अनसुना कर दिये जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ रहे हैं.
पिछले साल भारत ने खरीदा था 67 लाख बैरल – भारत ने पिछले साल जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम काफी कम दाम पर चल रहे थे अपने रणनीतिक भंडारों को भरने के लिये एक करोड़ 67 लाख बैरल कच्चे तेल की खरीद की थी. उस कच्चे तेल का औसत मूल्य 19 डालर प्रति बैरल पड़ा था।
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