
नई दिल्ली। बुखार और दर्द में तेजी से राहत देने वाली लोकप्रिय दवा निमेसुलाइड को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब 100 मिलीग्राम से अधिक मात्रा वाली निमेसुलाइड दवाओं के निर्माण और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अधिक डोज में इस दवा के सेवन से लिवर को गंभीर नुकसान पहुंचने का खतरा बढ़ जाता है, जिसे देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
निमेसुलाइड एक नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग (NSAID) है, जिसका इस्तेमाल बुखार, सिरदर्द, दांत दर्द और मांसपेशियों के दर्द में किया जाता है। यह दवा तेजी से असर दिखाने के लिए जानी जाती है, लेकिन मेडिकल रिसर्च में सामने आया है कि अधिक मात्रा में इसका सेवन लिवर फेलियर तक का कारण बन सकता है।100 mg से ज्यादा डोज खासकर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से लिवर की बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है। कई मामलों में लंबे समय तक या बिना डॉक्टर की सलाह के निमेसुलाइड लेने से लिवर एंजाइम बढ़ने और गंभीर हेपेटिक इंजरी के मामले सामने आए हैं।
सरकार के इस फैसले के बाद ड्रग कंट्रोल विभाग ने दवा कंपनियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे 100 mg से अधिक मात्रा वाली निमेसुलाइड दवाओं का उत्पादन तुरंत बंद करें। साथ ही बाजार में मौजूद ऐसी दवाओं को वापस लेने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। मेडिकल स्टोर्स को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रतिबंधित डोज की बिक्री न करें।
डॉक्टरों ने आम लोगों से अपील की है कि बुखार या दर्द होने पर स्वयं दवा लेने से बचें और केवल चिकित्सकीय सलाह पर ही दवाओं का सेवन करें। विशेषज्ञों का कहना है कि सुरक्षित डोज में और सीमित अवधि तक ली गई दवाएं ही लाभकारी होती हैं।








