
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कोलकाता में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पश्चिम बंगाल की राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि यह दिन सभी भारतीयों के लिए गर्व का दिन है, क्योंकि 1943 में आज ही के दिन नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने पोर्ट ब्लेयर में भारतीय तिरंगा फहराया था।
अमित शाह ने आगामी विधानसभा चुनावों का उल्लेख करते हुए कहा कि अप्रैल में पश्चिम बंगाल में चुनाव होने जा रहे हैं और यह समय राज्य के भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के पिछले 15 वर्षों के शासन को भय, भ्रष्टाचार और कुशासन का प्रतीक बताया। उनके अनुसार इस दौरान आम जनता भयभीत और असुरक्षित महसूस कर रही है।
गृहमंत्री ने दावा किया कि बंगाल की जनता अब भयमुक्त और कुशासन रहित सरकार बनाने के लिए तैयार है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यदि राज्य में भाजपा की सरकार बनती है तो विकास की नई धारा बहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि बंगाल में घुसपैठ रोकने के लिए विशेष सुरक्षा ग्रिड तैयार किए जाएंगे और अवैध घुसपैठियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अमित शाह ने कहा कि 15 अप्रैल 2026 के बाद भाजपा सरकार बनने पर बंगाल में पुनर्जागरण की शुरुआत होगी। उन्होंने विश्वास जताया कि 2026 के विधानसभा चुनाव में भाजपा दो तिहाई बहुमत के साथ सरकार बनाएगी। अपने संबोधन में उन्होंने भाजपा के चुनावी सफर का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को 17 प्रतिशत वोट और 2 सीटें मिली थीं, जबकि 2024 में यह बढ़कर 39 प्रतिशत वोट और 12 सीटों तक पहुंच गया।
घुसपैठ को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ते हुए अमित शाह ने ममता बनर्जी सरकार पर इसे रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने भ्रष्टाचार और महिलाओं की सुरक्षा को बड़ा मुद्दा बताते हुए कहा कि राज्य में मंत्रियों और नेताओं पर गंभीर आरोप हैं और महिलाओं में असुरक्षा की भावना बढ़ी है।
अर्थव्यवस्था पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि बंगाल का GDP योगदान तीसरे स्थान से फिसलकर 22वें स्थान पर पहुंच गया है। भ्रष्टाचार, घुसपैठ और टोलबाजी के कारण विकास योजनाएं प्रभावित हुई हैं। अंत में उन्होंने कहा कि जनता के हितों की अनदेखी के कारण अब राज्य में सत्ता परिवर्तन तय है।






